fbpx

HEALTH NEWS : खर्राटे के साथ ये समस्या हो रही तो दिखाएं चिकित्सक को

अतिरिक्त वजन कम करना, नियमित व्यायाम करना, ब्रिस्क वॉक (तेज चलना) आदि तरीको से स्लीप एप्निया की समस्या से छुटकारा मिल सकता है। शराब और अन्य ट्राइंक्विलाइजर जैसी दवाओं का सेवन करने से बचना चाहिए। पीठ के बल सोने की बजाए एक तरफ मुंह करके सोएं।

निरीक्षण कर किया जाता है निदान
डॉक्टर संकेत और लक्षणों के आधार पर स्लीप एप्निया का निदान करते हैं। इसके अलावा मरीज को स्लीप डिस्ऑर्डर सेंटर भी भेजा जा सकता है। वहां पर नींद विशेषज्ञ होते हैं, जिनकी मदद से मरीज के आगे के मूल्यांकन पर निर्णय लिया जा सकता है। स्लीप एप्निया का पता लगाने वाले कुछ टेस्ट भी होते हैं। नोक्टर्नल पोलिसोमनोग्राफी टेस्ट में मरीज को सोने के दौरान एक उपकरण लगाया जाता है। यह उपकरण हृदय, मस्तिष्क, फेफड़े, हाथों पैरों की गतिविधि, सांस के पैटर्न और खून में ऑक्सीजन स्तर पर निगरानी रखता है। होम स्लीप टेस्ट कुछ मामलों में डॉक्टर मरीज को स्लीप एप्निया की जांच के लिए कुछ टेस्ट करवा सकते हैं।

सांस लेने के पैटर्न की जांच

आमतौर पर इन टेस्टों में हृदय गति, खून में ऑक्सीजन का स्तर, वायुप्रवाह और सांस लेने के पैटर्न की जांच करना आदि शामिल हैं। यदि किसी को स्लीप एप्निया है, तो टेस्ट के परिणाम में ऑक्सीजन का स्तर गिरता हुआ पाया जाता है। जिसमें मरीज के जगने के साथ-साथ ऑक्सीजन स्तर बढ़ जाता है। यदि परिणाम असामान्य हों, तो किसी अन्य मूल्यांकन करने से पहले डॉक्टर एक थेरेपी लिख सकते हैं। प्रारंभिक परिणाम सामान्य आने पर भी डॉक्टर पोलिसोमनोग्राफी के लिए कह सकते हैं।



Source: Health

You may have missed