आर्थिक संकट में विधायकों का वेतन-भत्ता बढ़ सकता है तो फिर जायज हकों से कर्मचारी क्यों वंचित
बिलासपुर. जिला समेत प्रदेश के कर्मचारियों ने कोरोना संकट के दौर में अपनी वेतन राशि मुख्यमंत्री राहत कोष में दान किए हैं। किसानों को न्याय योजना के अन्तर्गत दिए जा रहे आर्थिक मदद को संघ ने बेहतर कदम निरुपित किया। यदि प्रदेश में आर्थिक संकट है तो प्रदेश के विधायकों का वेतन, भत्ते में बढ़ोतरी का क्या औचित्य है । क्या कृत्रिम आर्थिक संकट सिर्फ कर्मचारियों के लिए हैं जबकि वर्तमान में कोरोना संकट के समय में प्रदेश के कर्मचारी अपने जान जोखिम में डाल कर कर्तव्य का निर्वहन कर रहे हैं और शासन द्वारा उन्हें जायज हकों से वंचित किया जा रहा है। इन्हीं सब मांगों को मुख्यमंत्री का ध्यान आकर्षण करते हुए संघ ने शुक्रवार को प्रदर्शन कर ज्ञापन सौंपा गया ।
कर्मचारियों को सातवां वेतनमान का एरियर्स राशि का भुगतान, महंगाई भत्ता, पदोन्नति, क्रमोन्नति समयमान वेतनमान, कोरोना मरीजों के इलाज एवं देखभाल में लगे प्रत्यक्ष एवं परोक्ष रूप से कार्यरत शासकीय कर्मचारियों को विशेष भत्ता तथा तृतीय समयमान वेतनमान की विसंगति दूर करने सहित विभिन्न मांगों को लेकर प्रान्तीय निकाय के आह्वान पर छत्तीसगढ़ प्रदेश तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री को कलेक्टर के माध्यम से ज्ञापन सौंपा ।
भुगतान रोकना गलत
संघ के जिला शाखा अध्यक्ष जीआर चन्द्रा एवं सचिव किशोर शर्मा ने बताया कि कोविड19 के कारण प्रदेश में आर्थिक संकट की स्थिति का शासन ने हवाला देते हुए प्रदेश के कर्मचारियों का सातवें वेतनमान की एरियर्स राशि, दो वर्षों से महंगाई भत्ता आदि के भुगतान पर रोक लगा दिया है । विधानसभा चुनाव के पूर्व घोषणा पत्र में जारी चार स्तरीय वेतनमान के साथ ही अन्य मांगों के संबंध में भी किसी भी प्रकार का निर्णय नहीं लिया गया है जिसके लिए संघ ने 1 वर्ष पूर्व वादा निभाओ आन्दोलन किया था। एक वर्ष व्यतीत हो जाने के बाद भी इस पर अमल करना तो दूर ऊपर से महंगाई भत्ता जो वेतन का एक अभिन्न अंग है उससे भी कर्मचारियों को वंचित किया जा रहा है । प्रदेश के कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री के अपील पर सहृदयता से दो-दो बार एक-एक दिन का वेतन मुख्यमंत्री सहायता कोष में दिया है।
रैली निकाल प्रदर्शन
संघ के पदाधिकारी बारिश में पुराने कम्पोजिट बिल्डिंग के परिसर में एकत्रित होकर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए नारेबाजी करते हुए कलेक्टोरेट पहुंचे। सिटी मजिस्टे्रट पंकज डाहिरे को ध्यानाकर्षण मांग पत्र सौंपा। प्रदर्शन में जिला शाखा अध्यक्ष जीआर चन्द्रा, जगत मिश्रा, पवन शर्मा, रामकुमार यादव, किशोर शर्मा, राजीव कस्तूरे, आरएन राजपूत, मिर्जा कासिम बेग, आरके चंदवानी, प्रदीप तिवारी, राजेन्द्र अवस्थी, चन्द्रभान जैन, विमल सिंह, आरएस तिवारी, सुनील जगत, अजय ध्रुव, मनोज शर्मा, आशुतोष बाजपेयी, एसके तिवारी, अभिमन्यु यादव, हेमलता मिश्रा, कविता निमजे, शम्मी यादव, रवेका सिंह, स्वाति करमबेलकर, देवकी आदि शामिल थे ।
Source: Science and Technology News
