3 दिन बुखार न आए तो मरीज होंगे निचले अस्पतालों में शिफ्ट
भोपाल . अस्पतालों में भर्ती कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए सरकार ने नए नियम बनाए हैं। अब यदि किसी मरीज की तीन दिन तक स्थिति सामान्य रहती है या इस अवधि में बुखार नहीं आता है तो उसे निचले स्तर के कोविड अस्पतालों में रेफर कर दिया जाएगा। स्वास्थ्य आयुक्त ने इसे लेकर आदेश भी जारी कर दिया।
विभाग का अनुमान है कि अक्टूबर के अंत तक राज्य में कोरोना मरीजों की संख्या 2 लाख 60 हजार तक पहुंच जाएगी। ऐसे में विभाग को संसाधनों की चिंता सताने लगी है। अफसरों का मानना है कि नई व्यवस्था से डेडिकेटेड कोविड अस्पतालों में बिस्तरों की उपलब्धता बनी रहेगी। इससे मरीजों को परेशान नहीं होना पड़ेगा।
क्या है नई व्यवस्था
कोई मरीज हमीदिया, चिरायु, जेके, एमटीएच, अरविंदों, इंडेक्स जैसे कोविड केयर सेंटर में है। वह तीन दिन से सामान्य स्थिति में है तो उसे जेपी, एमवाय जैसे निचले अस्पताल में रेफर किया जाएगा। यहां भी स्थिति ठीक रहती है तो मरीज को क्वारंटीन सेंटर या होम क्वारंटीन कर दिया जाएगा।
सरकारी कर्मियों का इलाज कराएगी सरकार
भोपाल. प्रदेश सरकार के शासकीय सेवक व उनके परिवार के आश्रित सदस्य यदि कोरोना से संक्रमित होते हैं तो इलाज का खर्च सरकार उठाएगी। उनके लिए सभी जिलों के निजी अस्पताल (नर्सिंग होम एक्ट के तहत पंजीकृत) में आंतरिक रोगी (आइपीडी) के रूप में जांच/इलाज और दवाइयों के खर्च का भुगतान सरकार करेगी। स्वास्थ्य आयुक्त डॉ. संजय गोयल ने सभी विभागाध्यक्षों, संभागीय आयुक्तों और कलेक्टरों को आदेश भेजा है।
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