Rajya Sabha Deputy Chairman Election: राज्सभा उपसभापति चुनाव आज, जेडीयू और आरजेडी में मुकाबला
नई दिल्ली। बिहार विधानसभा चुनाव में किसकी सरकार बनेगी और किसे हार का स्वाद चखना पड़ेगा इसमें भले ही अभी थोड़ा वक्त है लेकिन इस महासंग्राम की एक छोटी झलक सोमवार को राज्यसभा में देखने को मिलेगी। दरअसल यहां राज्सभा के उपसभापति के लिए चुनाव ( rajya sabha deputy chairman election ) होना है। खास बात यह है कि इस चुनाव में प्रमुख दावेदार जेडीयू और आरजेडी के दो उम्मीदवार हैं। ऐसे में इन दोनों की जीत हार से आने वाले बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर एक छोटी सी तस्वीर सामने आ सकती है।
राज्यसभा के उपसभापति के चुनाव के लिए राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन यानी एनडीए ने जहां जेडीयू सांसद हरिवंश नारायण सिंह को अपनी कैंडिडेट बनाया है वहीं विपक्ष ने राष्ट्रीय जनता दल के सांसद मनोज झा को अपना उम्मीदवार बनाया है। आपको बता दें कि राज्यसभा में उपसभापति की जिम्मेदारी सभापति की गैरमौजूदगी में सदन को चलाने की होती है।
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संसद का मानसून सत्र सोमवार से शुरू हो चुका है। इसके साथ ही राज्यसभा के उपसभापति के लिए भी वोट डाले जाने हैं। उपसभापति पद का ये चुनाव इस और ज्यादा दिलचस्प हो गया है क्योंकि इस पद के दोनों ही उम्मीदवार बिहार से हैं और बिहार में जल्द ही विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में उपसभापति पद के लिए जीत-हार इन राजनीतिक दलों के लिए काफी मायने रखती है।
उपसभापति पद के लिए एक तरफ जहां जेडीयू के सांसद ताल ठोंक रहे हैं तो दूसरी तरफ राजद सांसद भी अपनी मजबूत दावेदारी प्रस्तुत कर रहे हैं।
हालांकि राज्यसभा में भी अब एनडीए की स्थित मजबूत है ऐसे में हरिवंश नारायण सिंह को जीतने में ज्यादा मुश्किल नहीं आएगी।
आपको बता दें कि बीजू जनता दल के अध्यक्ष और ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक ने राज्यसभा उपसभापति पद के लिए राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के उम्मीदवार हरिवंश नारायण सिंह को उनकी पार्टी का समर्थन देने की घोषणा की है।
सीएम ऑफिस की ओर से जारी एक प्रेसनोट में जानकारी दी गई है। दरअसल बिहार के सीएम नीतीश कुमार के फोन किए जाने के बाद नवीन पटनायक ने घोषणा की है।
ऐसे होता है उपसभापति का चुनाव
किसी भी राज्यसभा सांसद का नाम इस पद के लिए साथी सांसद प्रस्तावित कर सकता है. हालांकि इसमें नाम प्रस्तावित करने के साथ किसी अन्य राज्यसभा सांसद द्वारा उसका समर्थन भी जरूरी है। इसमें वोट डालने का अधिकार राज्यसभा के सदस्यों को ही होता है। उन्हीं के वोटों के जरिए ये फैसला होता है कि वो किसको इस पद पर देखना चाहते हैं।
Source: Education