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अब ब्रेन कैंसर से नहीं होगी किसी की मौत, भारतीय मूल के डॉक्टर और उनके छात्रों ने छोजी ऐसी दवा

नई दिल्ली। कैंसर का इलाज करना दुनिया भर के शोधकर्ताओं के लिए के बड़ी चुनौती है। उसमें से एक है ब्रेन कैंसर, जो भी मरिज इस ला इलाज बीमारी से जूझता है उसके 5 साल तक जीवित रहने की भी संभावना कम होती है। लेकिन एक भारतीय मूल के डॉक्टर के नेतृत्व में कुछ छात्रों ने ब्रेन कैंसर के इलाज के लिए ऐसी दवा बनाई है, जिसके सेवन से इस बीमारी से पीड़ित रोगी ठीक हो सकते हैं।

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दरअसल ओहियो में फाइंडले कॉलेज ऑफ फार्मेसी के विश्वविद्यालय के छात्रों ने एक ऐसा रासायनिक यौगिक बनाया है जो मस्तिष्क कैंसर के इलाज में फायदेमंद हो सकता है। यूनिवर्सिटी ऑफ़ फाइंडले में औषधीय रसायन विज्ञान के प्रोफेसर डॉ. राहुल खुपसे के अनुसार, ‘ इन यौगिकों से हम न केवल मस्तिष्क और मस्तिष्क कैंसर तक पहुंच सकते हैं बल्कि सामान्य कोशिकाओं में होने वाली परेशानियों को भी दूर कर सकते हैं। ये यौगिक हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है। ‘

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, ये छात्र ग्लियोब्लास्टोमा पर काम कर रहे थे। छात्रों ने बताया कि मस्तिष्क कैंसर एक ला इलाज बीमारी है जो पारंपरिक चिकित्सा विधियों के माध्यम से आसानी से ठीक नहीं होता। ऐसा इसलिए है क्योंकि हानिकारक कोशिकाओं को खत्म करने के लिए खून का मस्तिष्क में होने वाली बाधा से गुजरने के लिए रासायनिक रूप से मजबूत होना वास्तव में मुश्किल है।

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ब्रेन कैंसर पर रिसर्च कर रहे छात्रों को रासायनिक यौगिकों का एक सेट खोजने में सफलता मिली। छात्रों के मुताबिक हमने देखा कि ये यौगिक ग्लियोब्लास्टोमा से प्रभावित हानिकारक कोशिकाओं को खत्म कर रहे थे। इनमें से एक यौगिक आरके -15 ने सबसे अच्छा प्रदर्शन किया। रिसर्च कर रहे छात्रों में एक जैकब रेयेस के अनुसार आरके -15 को जब स्वस्थ मस्तिष्क में डाला गया तो वह हानिकारक कोशिकाओं पर हमला करने में सफल रहा। फिलहासल अभी इस पर और रिसर्च जारी है। अगर ये रिसर्च सफल रहा तो आगे चलकर ब्रेन कैंसर को ठीक किया जा सकेगा।


Source: Science & Technology

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