फोन टैंपिंग पर सदन में हंगामा बरकरारः फोन टैंपिग पर सरकार का जवाब, 'किसी भी जनप्रतिनिधि की नहीं हुई निजता भंग'
जयपुर। विधानसभा में फोन टैंपिंग के मामले को लेकर आज भी हंगामा बरपा। सरकार के जवाबों से असंतुष्ट विपक्ष ने वैल में आकर नारेबाजी की, जिसके बाद स्पीकर सीपी जोशी ने सदन की कार्यवाही आधे-आधे घंटे के लिए दो बार स्थगित कर दी। इससे पहले सरकार की ओर से फोन टैंपिंग पर जवाब देते हुए संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल ने दावा कि किसी भी विधायक, मंत्री और सांसद की फोन टैंपिंग या निजता भंग नहीं की गई है, अगर कोई साबित कर दे तो मुख्यमंत्री के साथ सत्ता पक्ष के सभी सदस्य इस्तीफा दे देंगे।
वहीं विपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ ने फोन टैंपिंग मामले की जांच सीबीआई को सौंपने की मांग की। संसदीय कार्यमंत्री ने दावा कि केंद्र की मोदी सरकार में 90 हजार फोन टैप हुए, धारीवाल सहित सत्ता पक्ष के कई विधायकों ने सदन में पर्चे भी लहराए। जिसके बाद सदन में हंगामा हुआ।
इससे पहले सरकार की ओर से जवाब देते हुए संसदीय मंत्री धारीवाल ने कहा कि विपक्ष की ओर से विधानसभा सचिव को एक पत्र लिखा गया है। जिसमें उन्होंने रिलैक्सेशन मांगा है। रिलैक्सेशन तब मांगा जाता है जब आपके पास सबूत नहीं हो। जवाब में प्रोसीजर बताया गया है। उसमें किसी का नाम, किसी घटना का जिक्र नहीं है।
टेलीग्राफ एक्ट में राज्य सरकार को फोन इंटरसेप्ट के लिए अधिकृत किया गया है। लोक व्यवस्था के लिए अधिकृत किया गया है। राज्य सरकार ने सख्ती से नियमों का अनुसरण किया है। नियमों में किसी तरह का रिलैक्सेशन नहीं दिया गया है। संसदीय कार्यमंत्री ने कहा कि निजता ना तो पहले भंग की गई है आगे भंग करेंगे।
अगर किसी की निजता भंग हुई है तो क्या कोई ऐसा है जो यह शिकायत कर सकता है। धारीवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री के ओएसडी के वाट्सप पर कुछ आया अगर लोकेश शर्मा के पास कोई चीज आई और बटन दबाकर उन्होंने व्हाट्सएप ग्रुप पर भेज दिया।तो उन्होंने क्या गुनाह कर दिया? क्या आप लोग ऐसा नहीं करते?
गहलोत ने गिरने बचाई थी भैरो सिंह सरकार
संसदीय कार्यमंत्री ने कहा कि ने कहा कि मुख्यमंत्री आज भी अपनी बात पर कायम है। मुख्यमंत्री आज भी कहने को तैयार है कि टेपिंग के आरोप साबित हो जाए तो राजनीति छोड़ने को तैयार हूं।आप इसे साबित करिए। भैरोसिंह सरकार के के समय दो बार आप की सरकारों को गिराने की साजिश हुई। यह वही मुख्यमंत्री है।
जो प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव के पास जाकर कह कर आए। कि चुनी हुई सरकार को नहीं गिराना चाहिए। उस मुख्यमंत्री के ऊपर आप आरोप लगा रहे हो कि वह टेप बनाएगा। धारीवाल ने कहा कि स्वतंत्रता कितना महत्वपूर्ण शब्द है इसे समझजाओ। तो देश का कल्याण हो जाएगा।
विपक्ष पर निशाना साधते हुए धारीवाल ने कहा कि कहा आपकी जिद है कि आप हमें जीने नहीं दोगे। और जनता की जिद है कि हम आप को मरने नहीं देंगे। अगर आप यह साबित कर दो कि बिना इजाजत के फोन टेप हुए हैं तो मैं भी इस्तीफा दे दूंगा।
गजेंद्र सिंह पाक साफ हैं तो वाइस सैंपल क्यों नहीं देते
फोन टैंपिंग पर सरकार की ओर से जवाब देते हुए संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि जो टेप सामने आए हैं उनमें किसी गजेंद्र सिंह का नाम भी सामने आया है। जो संजय जैन से सरकार गिराने के संबंध में बात कर रहा है ।यह गजेंद्र सिंह कौन है जो जांच में सहयोग नहीं कर रहा है। अशोक सिंह और मालाणी राजनेता नहीं है। फोन टैपिंग का मुद्दा विपक्ष जो बार बार उठा रहा है। मैं यह मानता हूं कि केंद्रीय मंत्री को बचाने के लिए उठाया जाता है।
3 दिन तक एसओजी के बड़े से बड़े अधिकारी उनके घर और कार्यालय चक्कर लगाते रहे। लेकिन वॉइस सैंपल नहीं दिया गया। अगर वे पाक साफ है तो उन्हें वॉयस सैंपल देना चाहिए था। धारीवाल ने विपक्ष की ओर से इशारा करते हुए कहा कि आप चाहते हो कि सच्चाई सामने आए तो बस काम कर दीजिएगा। गजेंद्र सिंह का वॉइस सेंपल दिला दीजिए, जिससे दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा।
पूनियां पर धारीवाल का निशाना
संसदीय कार्यमंत्री धारीवाल ने भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष और विधायक सतीश पूनियां पर भी तंज कसते हुए कहा कि आप नए-नए आए हो, भटको मत। बहुत कठिन है डगर पनघट की। सरकार को मध्यावधि चुनाव में जाने की बात कर रहे हो। आप खुद मध्यावधि चुनाव में चले जाओगे।
धारीवाल ने कहा कि तीनों एफआईआर में में पहला शब्द यही है कि टीवी पर समाचार देखा। उसके आधार पर एफ आई आर लिखवा रहा हूं। मामलों में एफआर लग चुकी है जिसे अदालत ने मंजूर किया। एसीबी द्वारा तफ्तीश के आदेश दिए गए। अब आज भी एसीबी द्वारा मामले की जांच की जा रही है।टेलीग्राफ एक्ट में केंद्र की नौ एजेंसियां फोन इंटरसेप्ट कर सकती है। राज्य में केवल पुलिस विभाग को इसके लिए अधिकृत किया गया है।
कांग्रेस नेताओं के यहां केंद्रीय एजेंसिंयों के छापे
संसदीय कार्यमंत्री ने कहा कि फोन टैंपिंग पर जवाब देते हुए कहा कि कांग्रेस राजीव अरोड़ा ,धर्मेंद्र राठौड़, सीएम के बड़े भाई के यहां छापे केंद्र की एजेंसियों ने डाले। कभी किसी बीजेपी के नेता के यहां छापा डाला। धारीवाल ने कहा कि कभी किसी विधायक, एमपी, सदन के सदस्य या जनप्रतिनिधि का हमने फोन टेप नहीं किया।
इससे पहले फोन टैंपिंग मामले को लेकर हुई चर्चा की शुरुआत करते हुए नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया ने कहा कि नियमानुसार फोन टेपिंग करवाई जा सकती है। लेकिन सीएम के ओएसडी ने 3 वीडियो क्लिप जारी की। उन्हे ही आधार बनाकर मुख्य सचेतक ने एफआईआर दर्ज करवाई। रणदीप सुरजेवाला ने भी प्रेसवार्ता में यह बात कही। ओएसडी को फोन टैपिंग का अधिकार किसने दिया। पुलिस को भी प्रकरण बनाने के लिए आधार दिया गया।
जब फोन टेप नहीं हुआ तो फिर यह प्रकरण बना कैसे।भाजपा विधायक सतीश पूनिया ने कहा कि टेलीफोन टेपिंग आपातकाल है। यह सक्षम अधिकारी कौन है। जिसकी अनुमति से फोन टैप किए जा सकते हैं। या तो वीडियो टेप फैब्रिकेटेड थी। अगर गलत थी तो फिर सत्तापक्ष ने उनका इस्तेमाल किस आधार पर किया। प्रदेश की जनता जानना चाहती है कि क्या निजता खतरे में नहीं है।
Source: Education