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Tips : बच्चे की Height बढ़ाना चाहते हैं तो गर्भ से ही इन बातों का रखें ध्यान

क्या कहती है रिसर्च
इंडियन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स के अनुसार जन्म के बाद बच्चे की लंबाई करीब 50 सेमी. होनी चाहिए। बच्चे की उम्र एक साल हो गई तो उसकी लंबाई 75 सेमी. होनी चाहिए। यानि एक साल के भीतर 25 सेमी. हाइट बढऩी चाहिए। कई बार 46 की जगह 45 गुणसूत्र होने से भी बच्चे का विकास नहीं हो पाता है। इसका सीधा असर उसकी Height पर पड़ता है। दो साल बाद बच्चे की लंबाई को चाइल्डहुड ग्रोथ के तौर पर देखते हैं। दूसरे साल में बच्चे की लंबाई 82 से 83 सेमी. जबकि 3 से 4 साल की उम्र के बाद हर साल 6 से 7 सेमी. बढऩी चाहिए।

बोन फ्यूज होने के बाद नहीं बढ़ती Height
Height बढऩे का सीधा संबंध हड्डियों के विकास (स्केलप्टल ग्रोथ) से जुड़ा होता है। शरीर की हड्डियों के अंत में एफिफाइसिल ग्रोथ प्लेट होती है जो बढ़ती रहती है। बीस साल की उम्र के बाद ये प्लेट फ्यूज हो जाती है यानि ग्रोथ बंद हो जाती है। इसी के साथ लंबाई बढऩे का सिलसिला बंद हो जाता है। ऐसे में चौदह साल की उम्र तक हाइट में बड़ा अंतर दिख रहा है तो तुरंत डॉक्टर से मिलकर इलाज करवाएं।
किस उम्र तक बढती है Height

लंबाई आमतौर पर पर सोलह साल की उम्र तक तेजी से बढ़ती है। इसके बाद लंबाई बढऩे की प्रक्रिया बहुत तेजी से कम होती है। लड़को सोलह साल की उम्र के बाद दाढ़ी मूंछ आने के साथ लैरिंग्स गले का हिस्सा (साउंड बॉक्स) बाहर निकल जाता है। इसी तरह लड़कियों में माहवारी शुरू होने के बाद लंबाई बढऩे का प्रतिशत बहुत कम होता है। 17 से 20 साल की उम्र के बीच पांच से छह सेंटीमीटर ही लंबाई बढ़ सकती है। बीस वर्ष की उम्र सीमा पार होने के बाद लंबाई बढऩा बेहद मुश्किल होता है।

बच्चे के इन अंगों को ध्यान से देखें
बच्चे जिनकी हाइट नहीं बढ़ती है उनमें इसके साथ दूसरे लक्षण भी दिखते हैं। इसमें बच्चे के नाखून और बाल भी धीरे-धीरे बढ़ते हैं। पैरों और हाथों के साथ अंगुलियों भी छोटी दिखती हैं। इससे पता किया जा सकता है कि बच्चे की लंबाई प्रभावित हो रही है। डॉक्टरी भाषा में इसे चबी Child कहते हैं। ऐसे बच्चे उम्र के हिसाब से छोटे नजर आते हैं और गोल मटोल दिखते हैं। बच्चे की हाइट मां-बाप की हाइट पर निर्भर करती है। माता-पिता की Height कम है तो बच्चे की हाइट बहुत अधिक नहीं बढ़ सकती है। अगर बच्चा माता-पिता की हाइट के बराबर भी नहीं है या उस हिसाब से नहीं बढ़ रहा है तो बिना देर किए डॉक्टरी सलाह लेनी चाहिए।

Growth Hormone Therapy हाइट बढ़ाने में कारगर
Growth Hormone Therapy हाइट बढ़ाने में कारगर है। ये इंजेक्टेबल Therapy है जिसकी डोज वजन, स्वास्थ्य संबंधी समस्या और बॉडी रिस्पॉन्स के आधार पर तय किया जाता है। ये Therapy पूरी तरह सुरक्षित है और जितनी जल्दी शुरू हो उतना बेहतर रहता है। लड़कियों में माहवारी शुरू होने और लड़कों में प्यूबेरिटी आने के बाद हाइट बढऩा थोड़ा मुश्किल होता है। माहवारी शुरू होने के बाद औसतन अधिक से अधिक 5 से 6 सेमी. जबकि लड़कों में 6 से 7 सेमी. हाइट बढ़ सकती है।

जांचें जिनसे पता चलता क्यों नहीं बढ़ रही Height
हाइट नहीं बढ़ रही है तो आइजीएफ-वन, थॉयराइड और पोषक तत्त्वों से संबंधित जांचें करवाई जाती हैं। इससे भी कुछ पता नहीं चलता है तो पीयूष ग्रंथि की एमआरआई जांच करवाते हैं जिससे कई कारणों के बारे में सटीक जानकारी मिलती है। जिन बच्चों को बार-बार संक्रमण होता है। खांसी जुकाम-बुखार और दस्त की शिकायत होती है तो उसका सीधा असर उसकी हाइट पर भी पड़ता है।

सावधान! पाउडर और कैप्सूल से नहीं बढ़ती है Height
हाइट बढ़ाने के लिए किसी भी तरह का पाउडर और कैप्सूल का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। जिम जाते हैं तो सप्लीमेंट्स का इस्तेमाल नहीं करें। इससे कई बार लड़कों के छाती में उभार आ जाता है। जबकि लड़कियों में कई तरह की दूसरी समस्याएं हो सकती हैं।

इन चार चरणों में बढ़ती है Height

पहला चरण : पहला चरण फीटल, दूसरा इन्फैन्टाइल, तीसरा चाइल्डहुड और चौथा एडोलेसेंट एज होती है। बच्चा जब गर्भ में होता है तब उसे अलग तरह के हॉर्मोन की जरूरत होती है जिसे आईजीएफ-वन और आईजीएफ टू कहा जाता है। ऐसी अवस्था में शिशु को ग्रोथ हॉर्मोन की जरूरत नहीं होती है। गर्भ में पल रहे बच्चे को ह्यूमन प्लेसेंटा लैक्टोजन (एचपीएल) और इंसुलिन हॉर्मोन मां से मिलता है जो उसके विकास के लिए पर्याप्त होता है। इस स्टेज को फीटल स्टेज कहा जाता है। इस अवस्था में गर्भ में पल रहे भू्रण को इसुंलिन हॉर्मोन नहीं मिल रहा है तो उसकी ग्रोथ पर असर होगा। इस वजह से जब बच्चे का जन्म हो तो उसकी लंबाई सामान्य बच्चों की लंबाई से कम होगी।
दूसरा चरण : ग्रोथ व थॉयराइड हॉर्मोन जिम्मेदार
दूसरा है इन्फैंट स्टेज जिसमें जन्म के बाद बच्चे में ग्रोथ हॉर्मोन और थॉयराइड हॉर्मोन बनते हैं जिससे उसका शारीरिक विकास बेहतर ढंग से होता है।
तीसरा चरण : Nutrition की भूमिका महत्वपूर्ण
तीसरा चरण चाइल्डहुड फेज (बचपन) होता है जिसमें थॉयराइड और ग्रोथ हॉर्मोन के साथ Nutrition यानि खानपान से मिलने वाले पोषक तत्वों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है।

चौथा चरण : तेजी से बढ़ती Height

चौथा फेज होता है किशोरावस्था यानि एडोलेसेंट एज का जिसमें पुरूष और महिला में स्टेरॉयड बनते हैं जिससे युवक या युवती की लंबाई तेजी के साथ बढ़ती है। अगर ये स्टेरॉयड का सीके्रशन नहीं हो रहा है तो बच्चे के विकास में परेशानी आती है। बच्चे की लंबाई माता-पिता की लंबाई से मिलती जुलती ही होगी, बहुत कुछ असामान्य नहीं हो सकता है।

Height बढ़ाना चाहते हैं तो करें ये काम
Height बढ़ाने का एकमात्र तरीका है अच्छे खानपान के साथ शरीर की बेहतर देखभाल। लंबाई तभी बेहतर होगी जब शरीर को सभी तरह के पोषक तत्व पर्याप्त मात्रा में मिलेंगे। ऐसे में खाने में सोयाबीन, दाल, पनीर, अंडा, मांस, दूध, दही समेत हरी सब्जियों का प्रयोग अधिक मात्रा में करना चाहिए। आटा, मक्का, चावल का अधिक प्रयोग करें। बच्चे को आठ से नौ घंटे की नींद बहुत जरूरी है। बच्चे को इनडोर की जगह आउटडोर गेम खिलाएं। शरीर में खिंचाव आए और हाइट बढऩे की प्रक्रिया ठीक रहे।

वजन मेंटेन करना भी जरूरी
जंक और फास्ट फूड का इस्तेमाल करने वाले लोगों का वजन तेजी से बढ़ता है। Body mass Index 95 परसेंटाइल से अधिक है तो मोटापा तेजी से बढ़ेगा। अगर ये 90 तक है तो ठीक है। इससे अधिक है तो भविष्य में हृदय रोग, मधुमेह और हाइपरटेंशन जैसी समस्या हो सकती है। जिन लोगों का वजन अधिक कम होता है उनमें इसका कारण Nutrition Hormone Deficiency का होना या कॉर्टिकल हॉर्मोन के न बनने से भी ये परेशानी निकलकर सामने आती है।

एक्सपर्ट . डॉ. बलराम शर्मा, हार्मोन रोग विशेषज्ञ, एसएमएस अस्पताल, जयपुर

 



Source: Health