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सड़क, बिजली पानी का दिया था कॉलोनाइजर ने भरोसा, अब फोन तक नहीं उठाता

गुना। हमने चार-पांच साल पहले अपने गांव की जमीन बेचकर दो लाख रुपया में प्लॉट खरीदा। फसल बेचकर मकान बनाया।उस समय कॉलोनाइजर कहते रहे कि आपको खम्बे लगवाकर बिजली कनेक्शन कराकर देंगे, पानी की पाइप लाइन मिलेेगी, सड़क भी रहेगी। आपको किसी भी तरह की परेशानी नहीं होने देंगे। रजिस्ट्री करने के बाद कॉलोनाइजर तो गायब हो गए, वे अब न तो फोन उठाते हैं और न मिलते हैं। हमारी परेशानी ये है कि न तो यहां बिजली के खम्बे लगे हैं और न पानी की पाइप लाइन है। दूसरे मोहल्ले से खरीदकर पानी पी रहे हैं। हमने पैसे एकत्र करके डीपी लगवा ली, लेकिन उसका कनेक्शन चार माह बाद नहीं हो पा रहा है। बिजली कंपनी वाले और पैसा मांग रहे हैं।यह कहना था सकतपुर स्थित बसी सरस्वती नगर, एकता नगर और बालाजी नगर में रहने वालों का।
सूत्रों ने बताया कि आज से एक दशक पूर्व ग्राम पंचायत सकतपुर के क्षेत्र में कॉलोनी बनाने का सिलसिला शुरू हुआ, जो थमनेका नाम नहीं ले रहा है। आज कई कॉलोनियां बगैर अनुमति के बड़े-बड़े कॉलोनाइजरों ने काट ली। चार-पांच वर्ष पूर्व तीन-चार कॉलोनाइजरों ने मिलकर बालाजी नगर, एकता नगर, सरस्वती नगर, सांई सिटी कॉलोनी काटी।
ये है हाल
सकतपुर स्थित सांई बिहार जब मंगलवार को पत्रिका टीम पहुंची तो वहां के लोगों ने बताया कि यहां न तो नालियां हैं और न सड़कें, उन्होंने जगह-जगह पानी सड़क पर बहता दिखाया, इसके साथ ही एक प्लॉट जो पानी एवं कचरे से लबालब था। आगे बढ़े तो एक ऐसी कॉलोनी मिली जहां खम्बे की जगह बल्लियों पर विद्युत की लाइन लगी थी। इसके साथ ही यहां पानी के लिए खम्बे के सहारे विद्युत लाइन जैसी पाइप लाइन घरों में जा रही थी। वहां रहने वालों से पूछा कि पानी तो यहां खरीदकर पीना पड़ता है। यहां न तो सफाई है और न कोई कचरा उठाने आता है।

बालाजी नगर
लक्ष्मी नगर के सामने स्थित बालाजी नगर में रहने वाले डालचन्द्र धाकड़, विजेन्दर, अमर सिंह ओझा, लालाराम रजक,मेहंदाबाई, रचना, रुकमणि, सियाबाई, सोना बाई, जानकी बाई जैसे कई लोगों ने पत्रिका को अपनी पीड़ा बताते हुए कहा कि ये बालाजी नगर है, यहां बिजली की परेशानी न हो, इसके लिए कॉलोनाइजर दिनेश राठौर आदि थे, उन्होंने हमें प्लॉट बेचे, सड़क, बिजली, पानी उपलब्ध कराने की बात करते रहे, बाद में उन लोगों ने यहां आना बंद कर दिया। बिजली न मिलने पर हमने आपस में साठ हजार रुपए एकत्रित किए और यह डीपी लगवाई, लेेकिन इस डीपी के तार विद्युत अधिकारी नहीं जोड़ रहे हैं।उन्होंने बताया कि विद्युत कनेक्शन नहीं जोड़ा जा रहा है। उन्होंने कहा कि पानी की पाइप लाइन भी नहीं हैं, दूसरे मोहल्ले या कॉलोनी से पैसे देकर पानी पी रहे हैं। सड़क की हालत तो आप देख लो, जरा सी बारिश होती है तो यहां से निकलना भी मुश्किल हो जाता है। इन लोगों ने बताया कि एकता नगर और सरस्वती नगर के भी यही हाल है, उन्होंने आरोप लगाया कि हमको तो अच्छी कॉलोनी बनाने, पानी, बिजली सड़क का भरोसा दिलाकर कॉलोनाइजरों ने ठगा है, उन पर तो कार्रवाई होनी
चाहिए।
बगैर अनुमति के बन रही हैं कॉलोनियां
सूत्रों ने बताया कि विगत दिनों पत्रिका ने विकास शुल्क जमा न करने वालों का खुलासा किया था। गुना में बगैर अनुमति के कॉलोनी बनने की बाढ़ सी आ गई है। यहां तक कि गुनिया नदी, भुजरिया तालाब और राजस्व की भूमि पर कॉलोनियां कट गईं। उन पर कार्रवाई के लिए कुछ समय पूर्व प्रशासन ने योजना भी बनाई, लेकिन राजनीतिक दबाब के चलते ऐसे कॉलोनाइजर प्रशासन की कार्रवाई से बच गए। जबकि शिवराज सिंह चौहान सरकारी भूमि घेरकर कॉलोनी बनाने वालोंं के खिलाफ कार्रवाई करने की आवाज उठा रहे हैं।



Source: Education