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खनिज का अवैध परिवहन करते पकड़े गए वाहनों पर पुलिस कर रही मोटर व्हीकल एक्ट में चालान, खजाने को लाखों का झटका

रीवा. जिले में पुलिस-खनिज विभाग और खनिज कारोबारियों के गठजोड़ के चलते सरकार के खजाने को हर माह लाखों रुपए राजस्व की चपत लग रही। इतना ही नहीं पुलिस विभाग अवैध खनिज परिवहन करने वाले वाहनों पर जुर्माना की कार्रवाई कर रही। जबकि खनिज परिवहन में पकड़े गए वाहनों पर अर्थदंड का अधिकार कलेक्टर को है। इसके बावजूद थानों में पुलिस कारोबारियों से सांठगांठ कर खनिज परिवहन में पकड़े गए वाहनों को मोटर व्हीकल एक्ट में चालान कर खजाने को पलीता लगा रही हैं।

खनिज विभाग हर माह पकड़ रहा 50 से अधिक वाहन
जिले में खनिज विभाग चालू वित्तीय वर्ष में अप्रैल से लेकर अब तक हर माह 50 से अधिक वाहनों पर अवैध खनिज परिवहन का प्रकरण बना रहा है। गुरुवार की स्थिति में खनिज अमले ने 320 वाहनों पर प्रकरण बनाकर कलेक्टर के समक्ष जुर्माना की कार्रवाई का प्रस्ताव प्रस्तुत किया है। जिसमें करीब एक करोड़ रुपए से ज्यादा अर्थदंड वसूल किया गया। जबकि जिले की पुलिस ने खनिज कार्यालय में अभी तक करीब बीस प्रकरण बनाकर भेजा है।

पुलिस ने दो गुना पकड़ा वाहन, चालान महज 20 का
बताते हैं कि क्षेत्रीय पुलिस खनिज विभाग से दो गुना ज्यादा वाहनों को अवैध खनिज परिवहन करते पकड़ा है। लेकिन, पुलिस ने पकड़े गए ज्यादातर वाहनों को व्हीकल एक्ट में जुर्माना की कार्रवाई कर इतिश्री कर ली। जबकि खनिज के अवैध परिवहन को अभयदान दे दिया, जिससे खनिज के राजस्व को नुकसान हुआ। खनिज विभाग के आंकड़े पर नजर डाले तो जिले में बड़े पैमाने पर अवैध खनन और परिवहन का कारोबार चल रहा है। सबसे ज्यादा मामले जवा, त्योंथर, हनुमना, मऊगंज, गुढ़, हुजूर, सिरमौर और सेमरिया क्षेत्र के हैं। जवा और त्योंथर क्षेत्र में उत्तर प्रदेश के बार्डर एरिया में पुलिस और राजस्व अधिकारियों की सांठगांठ से खजाने को पलीता लगाया जा रहा है।

पुलिस ऐसे कर रही खेल , पांच हजार रुपए अतिरिक्त लेकर ट्रैक्टर को छोड़ दिया
फुटौंधा से ट्रैक्टर-ट्राली पर पत्थर का परिवहन किया जा रहा था। पटहट में जनेह थाने की पुलिस ने ट्रैक्टर को पकड़ लिया। ट्रैक्टर नया होने के कारण नंबर नहीं लिखा था। सिपाही ट्रैक्टर को थाने ले गए। सुबह 11.30 बजे पकडऩे के बाद छोडऩे को लेकर 3 बजे तक पुलिस और वाहन स्वामियों के बीच सौदा होता रहा। बाद में दोनों के बीच खनिज के बजाए व्हीकल एक्ट की कार्रवाई के नाम पर 3 हजार रुपए की रसीद काटकर दी गई। जबकि खनिज के अवैध परिवहन के नाम पर 5 हजार रुपए अतिरिक्त लेकर ट्रैक्टर को छोड़ दिया गया। इसकी जानकारी खनिज विभाग के इंस्पेक्टर को दी गई थी। इसके बावजूद दोनों विभाग के अधिकारियों की सांठगांठ से ट्रैक्टर को लेन-देन कर छोड़ दिया गया। इस मामले में खनिज के अवैध परिवहन की कार्रवाई को दरकिनार कर दिया गया। ये कहानी अकेले जनेह थाने की नहीं, बल्कि जिले में खनन से जुड़े क्षेत्र के थानों में बड़े पैमाने पर यह खेल चल रहा है।



Source: Education