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महंत विवाद : एसडीएम न्यायालय पहुंचे दोनों पक्ष

गुना। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद् के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी की संदिग्ध मौत और उनके एक हाई प्रोफाइल चेले का मामला सुलझा भी नहीं था कि गुना से एक मन्दिर के पुजारी का विवाद सुर्खियों में छाया हुआ है। गुना में एक महंत को कथित कदाचार के आरोप में मन्दिर से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है।
आरोप है कि गुना के श्रीलक्ष्मीनारायण मंदिर के महंत बैजनाथ पुरी कई वर्षो से संदिग्ध गतिविधियों में लिप्त थे। गुना शहर के बीचों-बीच जय स्तंभ चौराहा पर स्थित इस मंदिर का स्वामित्व श्रीआनंद अखाड़ा के पास है। अब पूर्व महंत हो चुके बैजनाथ पुरी पर आरोप लगे हैं कि उन्होंने मंदिर परिसर में पक्की दुकानों के निर्माण के लिए लाखों रुपए व्यक्तिगत तौर पर ले लिए। इस लेन देन की सूचना तक वरिष्ठों को नहीं दी गईं और ना ही प्रशासन से कोई अनुमति ली गईं। जिसके चलते इस अवैध निर्माण को प्रशासन ने तोड़ दिया। वहीं दूसरी ओर उन पर किसी महिला के साथ कथित संबंध होने के आरोप भी लगाए गए। जिसके चलते श्री आनंद अखाड़ा ने उन्हें मंदिर प्रबंधन से निष्कासित कर मंदिर से भी बाहर का रास्ता दिखा दिया। इस निर्णय को पुजारी ने मानने से मना कर दिया तब गुना एसडीएम वीरेंद्र सिंह बघेल के न्यायालय में दोनों पक्षों से दस्तावेज मांगे गए। अखाड़ा परिषद की तरफ से श्रीमहंत दिवाकर पुरी ने अखाड़ा परिषद के नियुक्ति पत्र एवं बैजनाथ पुरी के निष्कासन पत्र को प्रस्तुत किया। जिस पर एसडीएम ने अखाड़े के निर्णय पर मोहर लगा दी। पूर्व हो चुके महंत ने भी अखाड़े के निर्णय को स्वीकार करके विवाद का समापन कर दिया। कार्यवाही के दौरान तहसीलदार सिद्धार्थ शर्मा व सीएसपी सहित कोतवाली थानाप्रभारी मदनमोहन मालवीय मौजूद रहे।



Source: Education