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वरिष्ठ नागरिकों के लिए बेहतर है ये दो स्कीम, देती है इंवेस्टमेंट पर हाई रिटर्न का फायदा

नई दिल्ली। देश में टैक्स बचाने के लिए सीनियर सिटीजन्स यानी बुजुर्ग लोग अक्सर गलत निवेश का विकल्प चुन लेते हैं जिसका मेल उनकी जरूरतों से नही खाता। अक्सर ऐसा देखा गया है कि फाइनेंशिल प्रोडक्ट्स के डिस्टीब्यूटर और एजेंट ज्यादा कमीशन कमाने के लिए गलत उत्पादों का सुझाव देते हैं। जैसे की एंडोमेंट इंश्योरेंस प्लान और सिंगल प्रीमियम गारंटीकृत रिटर्न स्कीम्स आदि।

यूं तो टैक्स सभी को देना चाहिए और इस से किसी को बचना नही चाहिए लेकिन फिर भी अगर आप थोड़ा बहुत इंवेस्टमेंट करना चाहते है तो हम आपको बता दें इसे लोगो का फोकस सिर्फ रेग्युलर इनकम और कैपिटल प्रोटेक्शन पर होना चाहिए।

ऐसी दो स्कीम जो आपको दे सकती हैं अच्छा रिजल्ट

क्या है सीनियर सिटीजन्स सेविंग्स स्कीम (SCSS):
यह सरकार द्वारा समर्थित योजना है जिसे वरिष्ठ नागरिकों के सशक्तिकरण और वित्तीय सुरक्षा के लिए डिजाइन किया गया है. इसमें सालाना 7.40 फीसदी ब्याज मिलता है जो वरिष्ठ नागरिकों के लिए डिजाइन किए गए किसी भी अन्य रेग्युलर इनकम वाले उत्पादों पर दी जाने वाली दर से अधिक है।

यह खाता व्यक्तिगत रूप से या आपके जीवनसाथी के साथ ज्वाइंट में खोला जा सकता है। खाता खोलने से पहले और बाद में नामांकन की सुविधा उपलब्ध है। इस योजना में कोई अधिकतम 15 लाख रुपये जमा कर सकता है और न्यूनतम राशि जो जमा की जा सकती है वह 1,000 रुपये है।

एससीएसएस के तहत अर्जित ब्याज तिमाही आधार पर देय है। यह योजना खाता खोलने की तारीख से 5 साल बाद मैच्योर होती है, लेकिन यहां आपके पास खाते की मैच्योरिटी को तीन साल और बढ़ाने का विकल्प है। हालांकि इस विकल्प का प्रयोग ओरिजिनल मैच्योरिटी के 1 साल के भीतर किया जाना चाहिए।

5 ईयर टैक्स सेवर बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट:
SCSS के साथ यह टैक्स-सेवर एफडी सीनियर सिटीजन्स के लिए निवेश की राशि पर टैक्स की बचत और लंबी अवधि के लिए गारंटीड रिटर्न अर्जित करने का अच्छा विकल्प है. बैंक आमतौर पर वरिष्ठ नागरिकों को टैक्स-सेवर FD पर 50 बेसिस प्वाइंट तक अधिक ब्याज देते हैं. हालांकि, टैक्स सेविंग एफडी को जमा करने की तारीख से कम से कम 5 साल पूरे होने से पहले समय से पहले भुनाया नहीं जा सकता है।

टैक्स बचाने वाली FD में आप एक वित्त वर्ष में अधिकतम 1.50 लाख रुपये निवेश कर सकते हैं। टैक्स सेविंग FD की ब्याज दर हर बैंक में अलग-अलग होती है, इसलिए इन FD पर मैक्सिमम ब्याज पाने के लिए कई बैंकों से संपर्क करें।एक रिटायर्ड व्यक्ति के पास अपनी लिक्विडिटी जरूरतों के अनुसार तिमाही ब्याज भुगतान विकल्प या मासिक ब्याज भुगतान विकल्प चुनने का विकल्प होता है।

बता दें कि उपरोक्त दोनों योजनाओं पर अर्जित ब्याज टैक्सेबल है, लेकिन 50,000 रुपये सालाना तक बैंक जमा पर अर्जित ब्याज सेक्शन 80 TTB के प्रावधानों के अनुसार इनकम टैक्स से छूट है।



Source: Education