धन संबंधी सभी दिक्कत दूर कर देता है 10 मिनिट का यह स्तोत्र
जबलपुर। सांसारिक जीवन में पैसों का सबसे ज्यादा महत्व है। बिना पैसों के कोई भी भौतिक सुख प्राप्त नहीं किया जा सकता। वैसे तो हर युग में पैसों की प्रधानता रही है पर वर्तमान समय तो पूरी तरह भौतिकतावादी ही है। कहा जाता है कि— बिना अर्थ- सब व्यर्थ यानि पैसों के बिना इस संसार का कोई मतलब ही नहीं है।
वास्तव में पैसा कमाना बेहद कठिन होता है। आमतौर पर यह भी देखा जाता है किसी के पास इतनी धन-दौलत है कि दोनों हाथों से लुटाने पर कम नहीं होती और कोई एक-एक पैसे के लिए मोहताज दिखाई देता है। धार्मिक और ज्योतिषीय ग्रंथों में पैसा प्राप्त करने के लिए अनेक उपाय बताए गए हैं जोकि बेहद कारगर भी सिद्ध होते हैं।
ज्योतिर्विद बताते हैं कि धन-संपत्ति के लिए देवी लक्ष्मी की कृपा बहुत जरूरी है। यदि उनका आशीर्वाद प्राप्त नहीं है तो फिर जीवन में पैसों की तंगी हमेशा बनी रहेगी। देवी लक्ष्मी की आराधना कर उनकी कृपा प्राप्त की जा सकती है और उनकी कृपा से धन-संपति, दौलत-वाहन, स्त्रीसुख आदि प्राप्त हो सकते हैं।
देवी लक्ष्मीजी की प्रसन्नता के लिए श्रीसूक्त का पाठ किया जाता है। यह लक्ष्मीजी का बेहद सरल स्तोत्र है लेकिन उतना ही कारगर भी माना जाता है। यह स्तोत्र बहुत प्रभावकारी है हालांकि इसका पाठ पूरी श्रद्धा, मनोयोग से किया जाना चाहिए। धन प्राप्ति के लिए यह बेहद फलदायी स्तोत्र माना गया है।
ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि शुक्ल पक्ष के किसी भी शुक्रवार को इसका पाठ शुरु करें और रोज 40 दिनों तक लगातार श्रद्धापूर्वक यह पाठ करें। इसके बाद आपको श्रीसूक्त का प्रभाव प्रत्यक्ष दिखाई देने लगेगा। शुक्रवार को माता लक्ष्मी की विधिविधान से पूजा करें। उन्हें 16 बिल्व पत्र और 16 कमलगट्टा अर्पित करें। लक्ष्मीजी को कमल का या गुलाब का फूल चढ़ाएं।
इसके बाद श्रीसूक्त का पाठ करें. श्रीसूक्त का पूर्ण पाठ न कर सकें तो इसकी शुरुआती 16 ऋचाओं का पाठ करें। श्रीसूक्त की शुरुआती 16 ऋचाओं का पाठ बमुश्किल 10 मिनिट में पूरा हो जाता है लेकिन यह प्रयोग जीवन में धन की कमी हमेशा के लिए दूर कर देता है। संभव हो तो जीवन भर यह पाठ करें, इसका फल जरूर मिलता है।
Source: Education