fbpx

वरिष्ठ अध्यापक से व्याख्याता पद की प्रस्तावित पदोन्नति पर रोक

मुख्य न्यायाधीश अकील कुरैशी तथा न्यायाधीश संदीप मेहता की खंडपीठ में याचिकाकर्ता ओमप्रकाश प्रजापत व अन्य की ओर से दायर याचिकाओं की सुनवाई के दौरान अधिवक्ता राकेश अरोड़ा ने तर्क दिया कि राजस्थान शैक्षिक (राज्य एवं अधीनस्थ) सेवा नियम, 2021 के अनुसूची-1 में यह नियम है कि वरिष्ठ अध्यापक के पद पर कार्यरत अध्यापकों की स्कूल व्याख्याता के पद पर पदोन्नति तभी की जाएगी, जब उनके द्वारा स्नातक एवं स्नातकोत्तर दोनों की अर्हता समान विषय में उत्तीर्ण की गई है, जबकि सीधी भर्ती से होने वाली नियुक्ति में ऐसा कोई नियम नहीं रखा गया है।

भर्ती परीक्षाओं के लिए इंटरनेट सेवाएं क्यों बंद की: कोर्ट

प्रार्थियों की नियुक्ति वरिष्ठ अध्यापक (अध्यापक ग्रेड-तृतीय) के पद राजस्थान शैक्षिक (राज्य एवं अधीनस्थ) सेवा नियम, 2021 लागू होने से कई वर्ष पूर्व हो चुकी थी। तब राजस्थान शिक्षा सेवा नियम, 1970 प्रभावी थे, जिसमें स्नातक एवं स्नातकोत्तर की अर्हता समान विषय मे होने संबंधी कोई बाध्यता नहीं थी। वर्ष 2021 के नियमों के तहत ही प्रथम बार यह योग्यता लागू की गई है तथा इन नियमों को भूतलक्षी प्रभाव से लागू किया गया है, जिससे जो शिक्षक वर्षों से स्कूल व्याख्याता के पद पर पदोन्नति का इंतजार कर रहे थे, वे वंचित रह जाएंगे। सेवा नियम, 2021 में स्कूल व्याख्याता के 50 प्रतिशत पद पदोन्नति से एवं 50 प्रतिशत पद सीधी भर्ती से भरे जाने का प्रावधान रखा गया है, लेकिन केवल पदोन्नति से स्कूल व्याख्याता बनने वाले अध्यापकों के लिए ही स्नातक एवं स्नातकोत्तर की अर्हता समान विषय में होना अनिवार्य किया गया है।



Source: Education