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winter health tips सूरज की रोशनी स्वास्थ के लिए बहुत लाभदायक होता है और जाने इसके फायदे

नई दिल्ली : सूरज से मिलने वाले तेज प्रकाश को ही सूरज की रोशनी कहा जाता है। इसमें कई प्रकार की किरणें होती हैं। यह पृथ्वी के तापमान को गर्म करने के साथ ही सेहत के लिए भी कई प्रकार से फायदेमंद होती है। हां  इस बात को जरूर ध्यान रखना चाहिए कि दिनभर की किरणें त्वचा और सेहत के लिए फायदेमंद नहीं होती है। सूर्य की किरणों में ज्यादा देर तक बैठने व गलत समय के कारण त्वचा को हानि भी हो सकती है । इसी वजह से हम नीचे सूरज की रोशनी के फायदे बताएंगे।

सूरज की रोशनी के फायदे
 सूरज की रोशनी किसी बीमारी का इलाज नहीं है बल्कि शरीर को स्वस्थ रखने का यह एक तरीका हो सकता है। चलिए अब जानते हैं सूरज की रोशनी के फायदें क्या-क्या हैं।

1. विटामिन डी को बूस्ट करे
अन्य पोषक तत्वों की तरह ही सेहत के लिए विटामिन-डी की भी जरूरत होती है। सूरज की रोशनी विटामिन-डी के उत्पादन का मुख्य स्रोत है। यह अनुमान लगाया जाता है कि शरीर की दैनिक आवश्यकताओं का 90 प्रतिशत विटामिन-डी सूर्य के प्रकाश के संपर्क से प्राप्त हो सकता है । सूर्य की किरणों से कैल्शियम और फास्फोरस के अवशोषण को बढ़ाने में मदद मिलती है। यह रक्त कोशिकाओं के गठन इम्यून सिस्टम को बेहतर करने और ब्लड सर्कूलेशन को सुधारने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है ।

2. हड्डियों के लिए है जरूरी
सूर्य की रोशनी हड्डियों की मजबूती के लिए भी जरूरी है।  विटामिन-डी की कमी के कारण बच्चों को रिकेट्स और वयस्कों को अर्थराइटिस की समस्या ऑस्टियोपोरोसिस व ऑस्टियोमलेशिया  जैसी हड्डी संबंधी परेशानियां हो सकती हैं। हम ऊपर बता ही चुके हैं कि सूर्य का प्रकाश विटामिड-डी का अच्छा स्रोत होता है। इसी वजह से सूर्य की रोशनी इन समस्याओं को दूर करके हड्डी को स्वस्थ रखने का काम कर सकती है ।

3. डिप्रेशन की समस्या को दूर करने के लिए
डिप्रेशन या अवसाद एक मानसिक विकार है। इस मानसिक स्थिति से बाहर निकलने में भी विटामिन-डी फायदेमंद हो सकता है।  सुबह के समय कुछ देर धूप में बैठने व एक्सरसाइज करने से अवसाद और अन्य मानसिक विकार से बचा जा सकता है। 

4. कैंसर की रोकथाम में सूरज की रोशनी के फायदे
सूरज की रोशनी से मिलने वाले विटामिन-डी की कमी से कई गंभीर बीमारियां होने का खतरा होता है जिनमें कैंसर भी शामिल है।  विटामिन-डी की कमी के कारण कोलोरेक्टल कैंसर इसे आंतों का कैंसर पेट का कैंसर या रेक्टल कैंसर भी कहा जाता है विकसित होने का जोखिम 253 प्रतिशत तक बढ़ जाता है। विटामिन-डी में मौजूद एंटी-कैंसर गुण कोलोरेक्टल, स्तन और प्रोस्टेट कैंसर के जोखिम को 30 से 50 प्रतिशत तक कम कर सकता है। हां, ज्यादा देर तक सीधे सूर्य के संपर्क में आने से बचना भी चाहिए । गौर हो कि विटामिन-डी कैंसर के जोखिम को कम कर सकता है  लेकिन कैंसर के इलाज के लिए विटामिन-डी पर निर्भर नहीं रहा जा सकता।

5. गठिया
सूर्य की रोशनी गठिया की समस्या से भी राहत दिला सकती है। जैसा कि हम बता चुके हैं कि सूर्य की किरणों में भरपूर विटामिन-डी होता है। सूर्य से मिलने वाला यह विटामिन गठिया से बचाव कर सकता है ।  गठिया रोगियों में विटामिन-डी की मात्रा बहुत कम होती है। इसकी कमी होने से इस रोग का जोखिम बढ़ने के साथ ही इसके गंभीर होने की आशंका बढ़ सकती है। रिसर्च में यह भी कहा गया है कि सूर्य की रोशनी से भरपूर विटामिन-डी लेने से गठिया रोग के दौरान होने वाले दर्द को थोड़ा कम किया जा सकता है ।

सूरज की धूप लेने का सही समय 
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार सूर्य की यूवी किरणें सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे के बीच सबसे ज्यादा प्रभावशाली होती हैं। इस दौरान सूर्य के संपर्क में कम आने की सलाह दी जाती है। इस आधार पर कहा जा सकता है कि धूप लेने का सबसे अच्छा समय सुबह 10 बजे से पहले और शाम 4 बजे के बाद का हो सकता 



Source: Health