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धौलपुर-करौली वाया सरमथुरा ब्रॉडगेज रेलवे लाइन के इंतजार की इन्तहा

बाड़ी. रेड डायमंड के नाम से जाने जाने जाना वाला धौलपुर जिला अपने पत्थर व्यवसाय के लिए विश्व प्रसिद्ध है। जिसका पत्थर ना केवल भारत, बल्कि अन्य बड़े देशों में भी निर्यात किया जाता है। जिसके चलते यहां रोजगार के असीमित अवसर हैं, लेकिन केंद्र सरकार द्वारा उपेक्षा का शिकार रहा धौलपुर-करौली संसदीय क्षेत्र आज भी कई समस्याओं के चलते अपनी विकास की रफ्तार को नहीं पकड़ पा रहा है। पहली एनडीए सरकार के समय धौलपुर के पत्थर व्यवसायियों द्वारा धौलपुर-करौली नैरोगेज रेलवे लाइन को ब्रॉडगेज में परिवर्तित करने की मांग रखी, ताकि व्यवसाय को गति प्रदान की जा सके, लेकिन दूसरी एनडीए सरकार आने के बावजूद अब तक यह मांग पूरी नहीं हुई है।

40 वर्ष पुरानी मांग अब तक नहीं हुई पूरी- मुन्नालाल

पत्थर एसोसिएशन जिला अध्यक्ष मुन्नालाल मंगल ने नैरोगेज से ब्रॉडगेज परिवर्तित योजना को लेकर बताया कि यह मांग तकरीबन 40 वर्ष पुरानी है। जिसे लेकर लगातार समय-समय पर आवाज उठाई जाती रही है, लेकिन अफसोस अब तक इस समस्या को लेकर कोई भी सरकार गंभीर नहीं दिखाई दी है। उन्होंने बताया कि सबसे पहले 1990 में पत्थर एसोसिएशन की सरमथुरा में एक बहुत बड़ी मीटिंग हुई थी। जिसकी अध्यक्षता तत्कालीन बाड़ी विधायक दलजीत सिंह चीकू द्वारा की गई। उसमें कई व्यापारी रोशन लाल गर्ग, वीरेंद्र गोयल के अलावा स्व. ब्रजकिशोर शर्मा प्रधान आदि शामिल रहे थे। उस समय इलाहाबाद रेलवे बोर्ड की टीम मौका मुआयना करने आई थी। उन्होंने 3 साल के अंदर ब्रॉडगेज लाइन बिछाने का आश्वासन भी दिया, लेकिन कुछ भी नहीं हुआ। उसके बाद झांसी और आगरा की टीम में भी क्रमश: आई, लेकिन आश्वासन के अलावा हाथ कुछ भी नहीं लगा। पार्टी चाहे कोई भी हो, लेकिन इस क्षेत्र का विकास नहीं हो सका। पत्थर धौलपुर की शान है, जो विदेशों तक निर्यात होता है। यदि रेलवे लाइन में बिछा दी जाएं, तो इससे ट्रांसपोर्टेशन का तकरीबन 70 प्रतिशत खर्चा बचेगा। माल की उपलब्धता में भी आसानी रहेगी। जिस जिले से भैरों सिंह शेखावत, जगन्नाथ पहाडिय़ा, वसुंधरा राजे जैसे सशक्त मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं और वर्तमान सरकार में 25 सांसद भाजपा के हैं, फिर भी केंद्र सरकार की ओर से मात्र 500 करोड रुपए के मामूली से बजट से धौलपुर जिले का कायापलट नहीं हो सका है। पिछले सांसद खिलाड़ी लाल बैरवा हो या वर्तमान सांसद मनोज राजोरिया दोनों ही इस मांग को पूरी नहीं करा सके हैं। पत्थर एसोसिएशन का कहना है कि लोकसभा चुनाव से पहले सभी पार्टियों का बहिष्कार किया जाएगा।
मुरैना-श्योपुर नैरोगेज ब्रॉडगेज में तब्दील तो धौलपुर-करौली क्यों नहीं

पत्थर व्यवसायियों ने कहा कि जब मध्यप्रदेश के मुरैना-श्योपुर नैरोगेज लाइन को सेंट्रल रेलवे के द्वारा ब्रॉडगेज में परिवर्तित कर दिया गया है और उस पर 30 मई से आवागमन ब्रॉडगेज के रूप में शुरू भी हो चुका है तो फिर धौलपुर करौली को ब्रॉडगेज में परिवर्तित करने में कौन सी परेशानी है। पत्थर व्यवसाई राजेश गर्ग एव प्रमोद गर्ग ने कहा कि यदि केंद्र सरकार द्वारा यह मांग पहले ही मान ली जाती तो अब तक लाखों रोजगार उपलब्ध हो चुके होते और पत्थर व्यवसाय को भी पंख लग चुके होते। वहीं युवा सचिन मंगल द्वारा ब्रॉडगेट की सुविधा आरंभ करने का अपना एक अलग तर्क दिया गया। उन्होंने बताया कि बाड़ी सहित अन्य आसपास के क्षेत्र के लोग कोटा के लिए अध्ययन के लिए जाते हैं, जिन्हें अपने निजी वाहनों से आना जाना पड़ता है। जिसका खर्चा अधिक होता है, लेकिन ब्रॉडगेज की सुविधा होने पर कोटा के लिए आने जाने की सीधी सुगमता भरा रास्ता होगा।

ब्रॉडगेज में तब्दील होने से पर्यटन स्थलों को लग सकते हैं चार चांद

धौलपुर एवं करौली जिले में कई पर्यटन स्थल हंै। धौलपुर में तीर्थ स्थल मचकुंड, चौपड़ा महादेव मंदिर, शेरगढ़ का किला, बाड़ी क्षेत्र में तालाब ए शाही, वन विहार, संत नगर तथा सरमथुरा क्षेत्र के अंतर्गत दमोह का झरना, गिरोनिया की खो एवं करौली के अंदर मदन मोहनजी का मंदिर एवं राज राजेश्वरी मां केला देवी का मंदिर है। जिस पर देश एवं विदेशों से लाखों तीर्थयात्री मत्था टेकने आते हैं। यदि ब्रॉडगेज रेलवे लाइन बिछ जाती है तो धौलपुर एवं करौली दोनों ही जिले के अंतर्गत जितने भी पर्यटक स्थल है, उन सब को चार चांद तो लगेंगे ही, साथ में राज्य सरकार की आय में भारी बढ़ोतरी हो जाएगी।

कई वर्षों से बिछी नैरोगेज रेलवे लाइन

इनका कहना है

रेड डायमंड पत्थर धौलपुर की शान है, जो विदेशों तक निर्यात होता है। यदि रेलवे लाइन ब्रॉडगेज में तब्दील होती है तो ट्रांसपोर्टेशन का तकरीबन 70 प्रतिशत खर्चा बचेगा। मुन्नालाल मंगल, जिलाध्यक्ष, पत्थर एसोसिएशन, धौलपुर।

धौलपुर-करौली नैरोगेज को ब्रॉडगेज में परिवर्तित करना रोजगार उपलब्ध कराने में बड़ा कदम हो सकता है।प्रदीप अग्रवाल, प्रमुख ट्रांसपोर्ट व्यवसायी

केंद्र सरकार की यदि मंशा सही हो तो यह काम 2015 में ही हो जाता, अब तो उम्मीद करना भी बेईमानी लगती है।मुस्ताक खान, वरिष्ठ कांग्रेसी।

यह अच्छे दिन का ही काम है कि जिस देश में कुछ समय पहले बुलेट ट्रेन आने वाली थी, वहां अब नैरोगेज के स्थान पर ब्रॉडगेज तक नहीं बन पा रही। होतम सिंह जाटव, प्रतिनिधि चेयरमैन नगरपालिका बाड़ी।

पत्थर व्यवसाय को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार को यह निर्णय जल्दी ही करना चाहिए, ताकि रेड डायमंड के नाम से विख्यात धौलपुर जिला और भी आगे बढ़ सके।धर्मेंद्र चौहान, युवा समाजसेवी।

नेताओं से उम्मीद करना बेईमानी है। लोगों में ही बदलाव आना जरूरी है। हक की लड़ाई के लिए तैयार रहें आम नागरिक।राकेश गोयल, युवा समाजसेवी।



Source: Education