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साइबर ठगों ने फौजी बनकर दवा कारोबारी को दिया झांसा और तीन लाख रुपए ठगे

रायपुर. साइबर ठगों ने दवा खरीदने का झांसा देकर एक मेडिकल स्टोर वाले से लाखों रुपए ठग लिए। एडवांस में पेमेंट करने के नाम पर चार किस्तों में करीब तीन लाख रुपए जमा करवा लिया। इसकी शिकायत पर पुलिस ने अज्ञात साइबर ठगों के खिलाफ अपराध दर्ज कर विवेचना में लिया है।

पुलिस के मुताबिक अवंति विहार निवासी अर्जुनराज सूर्यवंशी की कांपा में राज फार्मेसी के नाम से दुकान है। 17 जनवरी को एक व्यक्ति ने उन्हें वाट्सऐप मैसेज किया। इसमें खुद को बीएसएफ का फौजी नंबर 3 साहिल कुमार बताते हुए मेडिकल सामान व दवाई खरीदने की इच्छा जताई। उसने सामान की लिस्ट अर्जुनराज को भेजा और उसका पेमेंट लिस्ट बनाकर भेजने कहा। सामान का पेमेंट एडवांस देने का आश्वासन देते हुए उसने एकाउंट डिटेल मांगा। इस पर मेडिकल स्टोर संचालक ने यूनियन बैंक का खाता नंबर व डिटेल दिया। इसके बाद कथित फौजी साहिल ने विभाग के एकाउंट ऑफिसर कुलदीप सिंह से बात करने कहा। अगले दिन कुलदीप ने दुकानदार को फोन किया।
इसके बाद उसने वाट्सएप से एचडीएफसी का एक ब्लैंक चेक भेजा और उस एकाउंट को ऐड करने कहा। दुकानदार ने एकाउंट नंबर को ऐड कर लिया। इसके बाद कुलदीप ने उन्हें बताया कि बीएसएफ में भुगतान करने तरीका अलग है। जैसे 5 रुपए भेजोगे, तो आपको 10 रुपए रिटर्न मिलेगा। इस तरह आप अपने सामान के बिल का जितना राशि भेजेंगे, तो उसका डबल मिलेगा। दुकानदार उसकी बातों में आ गया।

इसके बाद उन्होंने पहले 5 रुपए ऑनलाइन उनके खाते में ट्रांसफर किया, तो दुकानदार के खाते में 10 रुपए आ गया। इसके बाद कुलदीप ने बिल का 74 हजार रुपए भेजने कहा। दुकानदार ने उतनी ही राशि उन्हें ट्रांसफर कर दिया। इसके बाद 75 हजार 200 रुपए ट्रांसफर कर दिया। इसके बाद कुलदीप ने कहा कि आपकी राशि 2 लाख 24 हजार395 रुपए वापस भेजने के लिए प्रोसीजर में डाल दिया हूं। थोड़ा वक्त लगेगा। लेकिन उस दिन उनके खाते में रकम वापस नहीं आया। इसके बाद ठगों ने उनसे कहा कि आपके पैसे वापस तभी आएंगे, जब 75 हजार 195 रुपए जमा करोगे, तभी बाकी रकम वापस आएगा। दुकानदार फिर उतनी राशि जमा की। इस तरह कुल 2 लाख 99 हजार 595 रुपए ठगों के खातों में जमा करवाए। इसके बाद भी ठगों ने उनकी राशि वापस नहीं की। इसकी शिकायत दुकानदार ने मोवा थाने में की। पुलिस ने अज्ञात ठगों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर विवेचना में लिया है।

आई कार्ड भेजकर लिया भरोसे में

फौजी बनकर ठगी करने वाला गिरोह राजस्थान के भरतपुर के साइबर ठग करते हैं। ठगों ने खुद को फौजी साबित करने के लिए पीडि़त को अपने आई कार्ड, कैंटीन कार्ड वाट्सऐप किया था। यह देखकर दुकानदार को भरोसा हो गया। ठगी करने वाले अक्सर लोगों को भरोसा दिलाने के लिए इस तरह का तरीका अपनाते हैं।

भुगतान के नाम पर उलझाते हैं

साइबर ठगी करने वाले फोर्स के भुगतान के तरीके को अलग बताते हुए झांसा देते हैं। जितना जमा करोगे, उससे दोगुना मिलने का झांसा देते हैं। इस तरह से पहले भी कई ठगी हो चुकी है। फिलहाल पुलिस ने मामला दर्ज कर विवेचना में लिया है।



Source: Lifestyle