राज्यसभा चुनाव, भाजपा-कांग्रेस में जोड़तोड़ तेज, मुख्यमंत्री से मिले निर्दलीय विधायक
जयपुर।
राजस्थान व दूसरे प्रदेशों के विधायकों व विधायक प्रत्याशियों की बाड़ेबंदी को लेकर चर्चा में रहे राजस्थान में एक बार फिर राज्यसभा चुनाव को लेकर भाजपा-कांग्रेस में अंदर खाने बाड़ाबंदी को लेकर तैयारी शुरू हो गई है। प्रदेश की 4 राज्यसभा सीटों के लिए मंगलवार से नामांकन प्रक्रिया शुरू हो गई है। वहीं दूसरी और प्रदेश के दोनों प्रमुख दल कांग्रेस-भाजपा में उम्मीदवार चयन को लेकर मशक्कत चल रही है। दोनों ही दलों में दावेदारों की फिलहाल संख्या काफी है।
राज्यसभा की चार सीटों के लिए मतदान 10 जून को होगा। इन 4 सीटों में से 2 पर कांग्रेस और 1 पर भाजपा की जीत लगभग तय है। लेकिन 1 सीट को लेकर दोनों ही दलों के बीच कड़ा मुकाबला हो सकता है। यही वजह है कि विधायकों को खरीद-फरोख्त से बचाने को लेकर बाड़ाबंदी में लिया जा सकता है। कांग्रेस की 1 व 2 जून को बड़ी बैठक होने जा रही है। एेसे में माना जा रहा है कि इस बैठक के बाद विधायकों को होटल में रखा जा सकता है। हालांकि अभी कांग्रेस-भाजपा नेता बाड़ाबंदी को लेकर यही कह रहे हैं कि जरूरत पड़ी तो बाड़ाबंदी भी की जाएगी। क्योंकि चौथी सीट कांग्रेस-भाजपा में से कोई भी दल निर्दलीय, बीटीपी, आरएलपी और माकपा विधायकों से समर्थन लिए बगैर नहीं जीत सकता। वैसे वोटों के हिसाब से चौथी सीट के लिए कांग्रेस मजबूत स्थिति में दिख रही है, लेकिन भाजपा भी इस सीट को छोड़ने के मूड में कतई नहीं है।
जीत के लिए वोट गणित
भारत निवार्चन आयोग के अधिकारियों के मुताबिक कांग्रेस अगर 3 प्रत्याशी खड़ा करती है तो उन्हें जीत दिलाने के लिए 41-41-41 के हिसाब से पहली वरीयता के 123 वोट चाहिए। वहीं भाजपा 2 प्रत्याशी मैदान में उतारती है तो उन्हें जीतने के लिए पहली वरियता के 41-41 के हिसाब से 82 वोट की जररूत होगी। वोट गणित के हिसाब से देंखे तो कांग्रेस के पास 108 विधायक हैं। वहीं भाजपा के पास 71 विधायक हैं। इनके अलावा 13 निर्दलीय, 1 आरएलडी, 2 बीटीपी, 3 आरएलपी, 2 माकपा विधायक हैं। आरएलडी सरकार में शामिल है। कांग्रेस में सियासी घमासान के दौरान निर्दलीय, बीटीपी और माकपा विधायकों ने साथ दिया था। एेसे में कांग्रेस अपनी स्थिति मजबूत मानकर चल रही है। आरएलपी ने अभी पत्ते नहीं खोले हैं, वहीं बीटीपी विधायक सरकार से नाराजगी जाहिर कर अपना समर्थन वापस ले चुके हैं।
पहले कांग्रेस को नाराजगी करनी होगी दूर
प्रदेश कांग्रेस में पिछले कई दिनों से कुछ विधायक अपने बयानों के जरिए नाराजगी जाहिर कर चुके हैं। इनमें कई विधायक मंत्री पद नहीं मिलने, अनदेखी होने या फिर अपने खिलाफ पुलिस कार्यवाही से नाराज चल रहे हैं। एेसे में चुनाव से पहले कांग्रेस को अपने दर्जनभर विधायकों को साधना होगा। इनमें विधयाक व युवा कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गणेश घोघरा, भरत सिंह कुंदनपुर, रामनारायण मीणा, दयाराम परमार, खिलाड़ी लाल बैरवा, वाजिब अली, संदीप यादव, अमीन खान, गिर्राज सिंह मलिंगा, बाबूलाल बैरवा सहित अन्य कुछ नाम हैं।
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