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शनिदेव 5 जून से चलेंगे उल्टी चाल, इससे अच्छी बारिश के संकेत

रायपुर. न्याय के देवता शनिदेव 5 जून से कुंभ राशि में उल्टी चाल चलेंगे। यानी वक्री होकर कुंभ में प्रवेश करेंगे। इस नवसंवत्सर का राजा होने की वजह से शनि का यह बदलाव महत्वपूर्ण माना जा रहा है। खासतौर पर मानसून को लेकर ज्योतिषियों की भविष्यवाणी है कि इससे अच्छी बारिश के योग बन रहे हैं। हालांकि, कुछ इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति आने की आशका भी जताई जा रही है।
ज्योतिषियों ने बताया, विक्रम संवत् 2079 के राजा शनिदेव हैं। इस लिहाज से शनि की दशा का प्रभाव हर क्षेत्र में देखने को मिलेगा। 5 जून की सुबह करीब 4 बजे शनि वक्री होकर कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे। इससे मेष, वृषभ, मिथुन, कन्या और धनु राशि के लिए शुभ योग बन रहे हैं। 17 जुलाई तक शनि के इस स्थिति में रहते हुए इन राशियों के जातकों को बड़ा लाभ हाथ लगने की संभावना है। वहीं अन्य राशियों पर इसका मिला-जुला प्रभाव देखने को मिलेगा। इसके बाद शनि उल्टी चाल से ही स्वराशि यानी मकर में प्रवेश कर जाएंगे। इसके बाद सीधे 23 जनवरी को मार्गी होंगे। अर्थात सीधी चाल चलेंगे।
तेल, तिलहन महंगा, कोयला कम पडऩे की जताई आशंका
शनि कर्म और न्याय के कारक ग्रह हैं। इस लिहाज से यह समय कई लोगों के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है। हालांकि, इसी अवधि में लगन और समर्पण के बल पर सफलता पाने के भी योग बनेंगे। बाजार की बात करें तो शनि मुख्य रूप से तेल, तिलहन और कोयले को प्रभावित करेंगे। ज्योतिषियों का अनुमान है कि जून की मध्यावधि के बाद तेल और तिलहन की कीमतें बढ़ सकती हैं। देश में कोयला संकट गहराने की भी आशंकाएं जताई जा रहीं हैं।

किसी भी ग्रह का वक्री या मार्गी होना खगोलीय घटना नहीं। यह ज्योतिषीय संकल्पना है जिसके आधार पर ज्योतिषी अनुमान लगाते हैं कि कोई ग्रह सीधी या उल्टी चाल चल रहा है। निश्चित रूप से पूर्वजों का ज्ञान पर आधारित भविष्यवाणियां कई बार सही साबित होती हैं।
डॉ. दत्तात्रेय होस्केरे, ज्योतिषाचार्य



Source: Education