fbpx

बाबा का वेश धरकर 24 साल तक पुलिस को दिया चकमा, अब अंतरराज्यीय डकैत गिरफ्तार

भरतपुर. भरतपुर पुलिस ने 24 साल से कभी साधु का वेश तो कभी ग्रामीण का वेश धरकर पुलिस को चकमा देकर फरारी काट रहे अंतरराज्यीय डकैत गिरधारी को गिरफ्तार किया है। डकैत अब तक पांच हत्या व दर्जनभर से अधिक डकैती की वारदातों को अंजाम दे चुका है। डकैत के खिलाफ भरतपुर, धौलपुर व मध्यप्रदेश के कुछ जिलों में दर्जनों मामले दर्ज हैं। एसपी श्याम सिंह ने बताया कि राजेन्द्र वर्मा आरपीएस अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एडीएफ) एवं निहाल सिंह आरपीएस वृताधिकारी वृत भुसावर के निर्देशन में एक विशेष टीम हैड कांस्टेबल जोगेन्द्र सिंह, कांस्टेबल अवधेष सिंह, कांस्टेबल दशरथ, कांस्टेबल देशराज सिंह की गठित की गई। टीम की ओर से कार्यवाही करते हुए कुख्यात शातिर डकैत गिरधारी पुत्र भोगीराम उर्फ होतीलाल जाति मलाह (55) निवासी जेवरा शिवलालपुरा पुलिस थाना बासोनी जिला आगरा यूपी को यमुना के बीहड़ों से इलाका थाना बसई मोहम्मदपुर जिला फिरोजाबाद (उत्तर प्रदेश) में गिरफ्तार किया गया।

24 साल पहले वैर में दिया था डकैती की वारदात को अंजाम

13 फरवरी 2000 को एक रिपोर्ट बल्लभ पुत्र मनोहरी लाल जाति ब्राह्मण निवासी दत्तात्रेय मोहल्ला कस्बा वैर थाना वैर जिला भरतपुर ने इस आशय की रिपोर्ट पेश की कि 12-13 मार्च 2000 की रात्रि करीब एक-दो बजे की बात है कि मेरे पिताजी रिहायशी मकान में सो रहे थे आठ-नौ बदमाशा लाठी डंडा सरिया बन्दूक लेकर उपर से घुस आए ओर प्रार्थी के पिताजी जो कोठरी में सो रहे थे उनसे कहा कि तुम्हारा माल कहां हैं। मेरे पिताजी ने उनसे पूछा कि तुम कौन हो तो उन्होंने मेरे पिताजी को लाठी सरियों से मारा। उसके बाद बगल वाले कमरे में मेरे छोटे भाई की औरत सुनिता सो रही थी तो चार-पांच बदमाश उसके कमरे में घुस गए और उससे आलमारी की चाबी मांगी। एक बदमाश ने सुनिता के सरिया की मारी जो उसके गाल में घुस गया। इससे वह घायल होकर गिर पड़ी। बदमाश अलमारी में रखे जेवर नकदी निकाल लिए एवं सुनिता ने पहन रखी सोने की चुड़ी, जंजीर, अंगुठी, कुंडल को जबरदस्ती उतार लिए व तीसरे कमरे में प्रार्थी के भाई का विजय कुमार एवं मां बच्चों को बंद कर दिया। बीच वाले कमरे का ताला तोड़कर कमरे में रखी बड़ी संदुक तोड़कर उसमें रखी नकदी जेवर सोना चांदी को निकाल कर ले गए। बगल वाली कोठरी कुन्दा उखाड़कर उसमें रखे पिताजी के रुपयों व गहनों को निकाल कर ले गए। सामने के कमरे का ताला तोड़कर उसमें रखे बड़ी संदुक में पहनने के कपड़े व सामान तथा नकदी को निकालकर ले गए। हमारा शोरगुल सुनकर पड़ोसी हजारीलाल व किरायेदार अतर सिंह तथा पड़ोसियों ने हल्ला किया तो उक्त बदमाश सारा सामान लेकर छतों से भाग गए। बदमाश को जाते हुए देखकर पड़ोसी इस्माइल उर्फ मोटा ने उनको पकडऩा चाहा तो बदमाश ने उसमे गोली मार दी। इसके बाद भाग गए। इस्माइल उर्फ मोटू को पड़ोसी अस्पताल में ले आए तो उसे मृत घोषित कर दिया।

चंबल नदी खादरों में छिपा घूम रहा था डकैत

डकैत गिरधारी का गांव जेवरा शिवलालपुरा इलाका थाना बासोनी जिला आगरा यूपी में चम्बल नदी के किनारे पर है और जो चम्बल नदी की खादरों में है। गांव में केवल आठ-10 घर है। गांव के ज्यादातर लोग इसी प्रकार से अपराध करने के शातिर बदमशा है। जो घटनाओं को अंजाम देने के बाद वहां पर आसानी से छिप जाते हैं। गांव की बसावट इस प्रकार से है कि पुलिस या अन्य कोई व्यक्ति जब गांव की तरफ आता है तो वह करीब एक किमी पहले से दिख जाता है और बदमाश आसानी से चम्बल नदी की खादरों में छिप जाते हैं या फिर चम्बल नदी को पार करके आसानी से मध्यप्रदेश की सीमा में घुस जाते हैं। इसकी वजह से यह डकैत पुलिस की पकड़ से करीब 24 साल से फ रार चल रहा था। डकैत गिरधारी को गिरफ्तार करने के लिए गठित विशेष टीम की ओर से करीब 22 दिन पहले उसके गांव में दबिश दी गई परन्तु वह दूर से पुलिस को आता देख चम्बल की खादरों में छिपकर निकल गया। डकैत अपनी गिरफ्तारी के भय से इधर-उधर छिपता फिरता रहा और स्थान परिवर्तन करता रहा। गठित विशेष टीम को पुख्ता सूचना मिली कि डकैत गिरधारी पुलिस की ओर से पकड़े जाने के भय से अपनी रिश्तेदारी में यमुनाजी की खादरों गांव मडुआ इलाका थाना बसई मौहम्मदपुर जिला फिरोजाबाद यूपी में छिप रहा है। इस पर गठित विशेष टीम की ओर से करीब 22 दिन-रात कड़ी मेहनत करते हुए अथक प्रयासों के फलस्वरूप डकैत गिरधारी यमुनाजी की खादरों से गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त हुई है।

अभी तक इनका गिरफ्तार होना बाकी

डकैत गिरधारी का इतना आतंक था कि उसने अपनी गैंग के साथ करीब पांच डकैती की वारदातों में हत्या करके डकैती डाली एवं इनके अलावा करीब सात अन्य डकैती की वारदतों को अंजाम दिया था। जो अभी तक पुलिस की ओर से एक भी बार पकड़ा नहीं गया था, जो कि वर्ष 1998 से करीब 24 साल से फरार चल रहा था। पुलिस थाना वैर एवं पुलिस थाना हलैना से वांछित होने पर पुलिस अधीक्षक की ओर से इसकी गिरफ्तारी पर कुल छह हजार रुपए की इनाम एवं पुलिस अधीक्षक जिला मुरैना एमपी की ओर से दो हजार रुपए की इनाम कुल आठ हजार रुपए की इनाम घोषित कर रखी थी।