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ज्योतिष शास्त्र: व्यक्ति की इन 4 आदतों की वजह से रूठ जाती हैं मां लक्ष्मी, इनका तुरंत कर दें त्याग

Maa Laxmi Puja: हिंदू धर्म में धन की देवी मां लक्ष्मी मानी जाती हैं। कहते हैं मनुष्य को धन-संपदा मां लक्ष्मी की कृपा से ही प्राप्त होती है। हर व्यक्ति मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए तरह-तरह के उपाय करता है। धर्मग्रंथों और शास्त्रों में भी मां लक्ष्मी की महिमा और उन्हें प्रसन्न करने के उपाय बताए गए हैं। धार्मिक मान्यताओं और ज्योतिष शास्त्र अनुसार व्यक्ति की कुछ ऐसी आदतें होती हैं जो मां लक्ष्मी के रूठने का कारण बन सकती हैं। इसलिए इन आदतों का त्याग करने में ही भलाई है।

पहली आदत: शास्त्रों में सूर्योदय से पहले उठना उत्तम माना जाता है। हमारे बड़े बुजुर्ग अक्सर इस बात को कहते हैं। वहीं सूर्योदय के बाद सोना अच्छा नहीं माना जाता है। कहते हैं जो व्यक्ति सूर्योदय के बाद तक सोता रहता है उस पर मां लक्ष्मी की कृपा नहीं बरसती। वहीं शाम के समय सोना भी अशुभ माना जाता है। जिस घर के सदस्य शाम के समय सोते हैं उस घर में आर्थिक परेशानियां हमेशा बनी रहती हैं।

दूसरी आदत: कहते हैं मां लक्ष्मी को साफ-सफाई बेहद पसंद होती है। इसलिए दिवाली पर मां लक्ष्मी के पूजन से पहले घर की अच्छे से साफ-सफाई कर ली जाती है। जो व्यक्ति अपने घर में साफ-सफाई का ध्यान नहीं रखता उससे मां लक्ष्मी रूठ जाती हैं। इसलिए घर में रोजाना सुबह शाम सफाई करें। दिन ढलने से भी पहले झाड़ू लगाएं। मां लक्ष्मी की कृपा पाना चाहते हैं तो घर में बिल्कुल भी गंदगी एकत्रित न होने दें।

तीसरी आदत: अक्सर हम लोगों को नमक हाथ में दे देते हैं। लेकिन ज्योतिष और धार्मिक मान्यताओं अनुसार ऐसा करना अच्छा नहीं माना जाता है। व्यक्ति की इस आदत से मां लक्ष्मी नाराज हो सकती हैं। जब भी आप किसी को नमक दें तो उसे किसी बर्तन में रखकर दें।

चौथी आदत: अन्न का संबंध मां लक्ष्मी से माना जाता है। कई लोगों की आदत होती है खाना छोड़ने की। आपने अपने बड़े बुजुर्गों को कहते सुना होगा कि कभी भी थाली में खाना नहीं छोड़ना चाहिए। अन्न को बर्बाद नहीं करना चाहिए। क्योंकि ऐसा करने से घर परिवार में दरिद्रता आती है। साथ ही घर में कभी भी बरकत नहीं होती।
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(डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई सूचनाएं सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। patrika.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ की सलाह लें।)



Source: Religion and Spirituality