पुलिस यहां भी करे फेक न्यूज पर डिजिटल स्ट्राइक
Digital Strike on Fake News : पाली/जालोर/सिरोही। पुलिस आइटी एक्ट पर प्रभावी कार्रवाई और दो कदम आगे चलकर डिजिटल स्ट्राइक करे तो पाली, जालोर, सिरोही में बार-बार होने वाले तनाव, सांप्रदयिक व सद्भाव के माहौल के बिगडऩे की स्थितियों पर काफी हद तक नियंत्रण पाया जा सकता है। आदतन सोशल मीडिया के फेक न्यूज देने वालों पर कड़ी निगरानी के साथ ही इन पर आइटी एक्ट की कार्रवाई हों तो झूठ को आगे बढऩे से पहले ही दबोचा जा सकता है।
सच जब तक बाहर निकलता है झूठ सौ कदम नाप लेता है, फेक न्यूज ने इसको सत्य साबित कर दिया है।फेक न्यूज के चलन से पाली, जालोर व सिरोही का माहौल बिगड़ रहा है। पाली में उदयपुर प्रकरण, जालोर व सिरोही के सामाजिक विवादों में झूठी खबरों से बिगड़ते माहौल ने पुलिस की कसरत करवा दी है। इधर सामाजिक सद्भाव भी बार-बार बिगड़ रहा है। आइटी एक्ट के तहत पाली, जालोर व सिरोही में 50 से अधिक मामले दर्ज हुए है।
कहां सबसे ज़्यादा फैलती है फेक न्यूज़
सबसे ज्यादा फेक न्यूज़ व्हाट्सएप्प और फेसबुक और ट्विटर पर चलती हैं
क्या होता है फेक न्यूज़ पैडलिंग, क्यो चलाई जाती है?
घटनाओं से जुड़े तथ्यों को तोड़ मरोड़कर जाली सबूतों के साथ मिलाकर उसे सामान्य तरीके से विवरण करने को फेक न्यूज़ पैडलिंग कहा जाता हैं, फेक न्यूज़ चलाने के पीछे मकसद किसी को बदनाम करने या उसकी छवि खराब करने के अलावा उसके विरुद्ध धारणा निर्माण करना होता हैं।
केस-1 पाली : पाकिस्तान का वीडियो जोड़कर फैलाया भ्रम
गत दिनों बगड़ी नगर क्षेत्र के एक युवक ने पाकिस्तान का वीडियो स्थानीय घटना से जोड़कर वायरल कर दिया। इससे माहौल बिगडऩे की संभावना बढ़ गई। पुलिस ने युवक को गिरफ्तार कर मामला दर्ज किया। इसी प्रकरण पाली के बाली थाना क्षेत्र के बारवा प्रकरण में कई फेक न्यूज सोशल मीडिया पर चली, पुलिस ने कई मामले दर्ज किए थे। अब पुलिस की अपील है कि आमजन किसी भी मैसेज को वायरल करने से पहले इसके तथ्य का पता कर ले।
केस-2 सिरोही : फेक न्यूज से हो गया था तनाव
कुछ समय पहले सिरोही में ऐसी ही एक फेक न्यूज सोशल मीडिया पर प्रसारित होने पर दो समुदायों के बीच तनाव की स्थिति पैदा हो गई थी। सिरोही के आसपास की एक लड़की को भगाकर ले जाने की खबर पर सिरोही में तनाव पैदा हो गया। कई संगठनों ने इसका विरोध करते हुए पुलिस पर दबाव बनाने की कोशिश की। युवती के बयान से स्थिति स्पष्ट हुई। जब लोगों को इस बात का पता चला तो वे शांत हुए।
केस-3 जालोर : फेक वीडियो डालते रहे बार-बार
जालोर के सुराणा में इंद्र की मौत के बाद सोशल मीडिया पर पोस्ट कमेंट और वीडियो की बाढ़ सी आ गई है। जिनमें से कई गलत और तथ्यहीन भी है। दो वीडियो हाल के दिनों में खासे वायरल हुए। एक वीडियो क्लास में बच्चे से मारपीट का था, जो अन्यत्र का था। लेकिन इसे सुराणा का बताया गया। इसके अलावा भी एक अन्य वीडियो बाड़मेर का था, जो फेक था। इन दोनों वीडियो के बाद में देश में सांप्रदायिक सद्भाव को ठेस पहुंचाने की ट्रोलिंग हुई।
केस-4 सांसद का भी फेक वीडियो बना दिया
जून माह में एक आपत्तिजनक वीडियो वायरल हुआ, इस वीडियो को जालोर सिरोही सांसद देवजी पटेल से जोडऩे का प्रयास किया गया। काफी समय तक ये वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल होता रहा। इस पर जालोर-सिरेही सांसद की ओर से प्रकरण दर्ज करवाया गया और पुलिस ने वीडियो वायरल करने और कमेंट करने वाले आरोपियों को दबोचा।
फेक न्यूज़, जो पूरे देश में फैली
● 10 रुपये का सिक्का नहीं चलता
● संदिग्ध लड़कियों की चोटी काटना
● अहमदाबाद से चेन्नई नवजीवन एक्सप्रेस का सूरत के पास एक्सीडेंट
अफवाह पर ध्यान नहीं दें
बिना सोचे-समझे कोई भी पोस्ट नहीं डालनी चाहिए। सोशल मीडिया पर फेक न्यूज या अफवाह पर ध्यान नहीं देना चाहिए। बात पुष्ट होने पर ही जाहिर करनी चाहिए। – अमरसिंह चंपावत,एएसपी, सिरोही
आमजन सतर्क रहें
फेक न्यूज का चलन बढ़ा है। इसे रोकना मुश्किल है। फेक न्यूज वायरल करने पर आइटी एक्ट के तहत मामला दर्ज कर कार्रवाई करते है, लेकिन आमजन को सतर्क रहना होगा। –गगनदीप सिंगला, पुलिस अधीक्षक, पाली
शेयर करने से पहले पुष्टि करें
फेक न्यूज सबसे बड़ी चुनौती है। सुराणा प्रकरण में भी इसी तरह के वीडियो वायरल हुए थे, जिस पर पुलिस की ओर से लोगों को आगाह किया गया था। आमजन से अपील है कि सोशल मीडिया के दौर में हर पोस्ट और न्यूज सटीक हो यह जरूरी नहीं है। इसलिए कोई भी पोस्ट डालने और शेयर करने से पूर्व उसकी पुष्टि जरुर करें। – हषवर्धन अग्रवाला, एसपी जालोर
फेक न्यूज़ को कैसे पकड़े?
फेक न्यूज़ को पकडऩे के लिए हर खबर से जुड़े तथ्यों को अलग अलग मीडिया हाउस की खबरों से मैच करने की कोशिश करें। हर खबर को अलग-अलग माध्यमों से पता करें।
Source: Education