जनता के पैसों से खिलवाड़- केवल 10 साल में ही 500 कराेड के प्राेजेक्ट फेल
भोपाल। मिसरोद से बैरागढ़ के बीच 22 किमी लंबा बीआरटीएस प्रयोगशाला बन गया है। अफसर और नेता आने-जाने वाले करीब पांच लाख लोगों को राहत देने नाम पर हर बार एक नई योजना का शिगूफा छोड़ देते हैं। जबकि, बीआरटीएस की डेडीकेटेड लेन, मिक्सलेन और सर्विस लेन की परेशानियां बरकरार हैं।
सुधार की याेजना कागजाें में-
घोषणा-1: दिसंबर 2018 को तत्कालीन नगरीय प्रशासन मंत्री जयवद्र्धन सिंह ने बीआरटीएस कॉरीडोर को नए सिरे से रिव्यू करने के निर्देश दिए थे। तब तय हुआ था कि बाजार वाले क्षेत्रों में इसे हटाया जा सकता है।
नतीजा: कुछ नहीं हुआ।
घोषणा-2: मार्च 2022 में नगर निगम के बजट में बीआरटीएस को नए सिरे से बेहतर करने के लिए 26 करोड़ रुपए मिले। इसमें से 23 करोड़ रुपए में सुधार करने वाली एजेंसी को दिए गए। नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्रङ्क्षसह ने काम की शुरुआत कराई। ठेका एजेंसी ने बैरागढ़ की ओर से कुछ काम भी किया।
नतीजा: कुछ किमी तक काम हुआ।
घोषणा-3: मई 2022 में हबीबगंज अंडरपास उद्घाटन कार्यक्रम में नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र ङ्क्षसह ने नई योजना पेश की। डेडिकेटेड लेन में अन्य वाहनों के प्रवेश की घोषणा की। इस पर निगमायुक्त केवीएस चौधरी ने मैनिट के एक्सपर्ट्स से तकनीकी जांच कराने और फिर वाहनों का प्रवेश कराने का कहा।
नतीजा: कोई काम नहीं
घोषणा-3: –सितंबर 2022 में गोविंदपुरा विधायक कृष्णा गौर सावरकर सेतु से मिसरोद तक बीआरटीएस के हिस्से में एलिवेटेड कॉरीडोर बनाने का प्रस्ताव केंद्रीय मंत्री नितिन गड़करी को दिया है। गौर का दावा है केंद्र जल्द काम शुरू करेगा।
नतीजा: काम शुरू करने का आश्वासन
बीआरटीएस खत्म हुआ तो 500 करोड़ जाएंगे पानी में
बीआरटीएस निर्माण पर करीब 500 करोड़ रुपए की राशि खर्च हुई थी। रिटायर्ड चीफ इंजीनियर जीएस कालरा का कहना है कि यदि दस साल में ही प्रोजेक्ट को खत्म करना पड़ रहा है तो इसकी प्लानिंग बनाने वाले अफसर-इंजीनियरों पर कार्रवाई होनी चाहिए। क्योंकि जनता की गाढ़ी कमाई फेल प्रोजेक्ट में लगाई गयी।
बीआरटीएस की जगह एलिवेटेड कॉरीडोर का प्रस्ताव दिया है। केंद्रीय मंत्री ने इसे मंजूर कर लिया है। जल्द ही आगे की कार्रवाई होगी।
– कृष्णा गौर, विधायक
मंत्री के निर्देशानुसार काम कर रहे हैं। तकनीकी परीक्षण के बाद बीआरटीएस पर कोई निर्णय लिया जाएगा।
– केवीएस चौधरी, निगमायुक्त
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