तुम मदर टेरेसा का आंचल, अवनी के साहस में बसती हो …
सतना. महिला एवं बाल विकास द्वारा आयोजित तीन दिवसीय बिटिया उत्सव के अंतरगत व्यंकट क्रमांक एक स्कूल में कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। जिसमें जिले के कवियों ने जहां एक ओर बेटियों की शौर्य गाथा को सुनाया तो वही दूसरी तरफ उनके साथ हो रहे अत्याचार की करुणा को सुनाया। युवा कवियित्री अपूर्वा चतुर्वेदी ने कवि सम्मेलन का शुभारंभ किया। उन्होंने तुम मदर टेरेसा का आंचल, अवनी के साहस में बसती , मैरी के मुक्के हैं तुमसे, जोगन मीरा की हो भक्ति कविता को सुना कर बेटियों को जज्बे को सलाम किया। शैलेंद्र सिंह ने बेटियां हैं तो घर मैं अलग शान है, बेटियां ही विधाता की वरदान है, बेटियों को पढ़ाओ बचाओ इन्हें बेटियों से ही हम सब की पहचान है कविता को सुनाया। कवियित्री दीपा ने नीरांजना के पुष्प सी होती हैं बेटियां, कोमल मृदुल करूणा सी होती हैं बेटियां व निर्मला सिंह परिहार ने मन्दाकिनी की धार सी पावन है बेटियां, जो धरती की प्यास बुझा दे वो सावन है बेटियां रचना को सुना कर खूब वाहवाही बंटोरी। वही तेजभान सिंह ने साथ डोली के उठने लगीं अर्थियां, जल रहीं इस कदर बेटियां क्यों यहां मार्मिक रचना को सुनाया। समाज की कुरीतियों पर वार करते हुए रमेश प्रताप सिंह जाखी ने नदिया जो न होत त नइया कहां से होत, देवकी न होती त कन्हइया कहां से होत, लड़काअ बिटिया के बीच भेद बंद करा, बइया अगर न होत त भइया कहां से होत रचना सुना कर प्रश्न किया । वहीं सुनि ल्या बिटिया के अपने गोहार अम्मा, खोला खोला जिनगानी के द्वार अम्मा रचना को सुना कर सूर्यभान कुशवाहा ने सभी को गुदगुदाया। वहीं सत्येंद्र पांडेय ने मुश्किल चाहे कितनी भी हो, अपने कदम नहीं रुकते, जब हमको अवसर मिलता है, कीर्तिमान गढ़ लाती है रचना को सुनाया। मंच संचालन रविशंकर चतुर्वेदी ने किया। इसके बाद देवी स्तुति वंदना और कत्थक नृथ्य की प्रस्तुति तारा मिश्रा ग्रुप द्वारा की गई। एकेएस यूनिवर्सिटी के प्रो. वीसी. आरएन त्रिपाठी द्वारा ‘बेटी बचाओÓ के मायने विषय पर व्याख्यान दिया गया। मुख्य वक्ता संजय द्वारा ‘पितृसत्तात्मक समाज की सोच और हमारी बेटियांÓ विषय पर व्याख्यान दिया गया। डॉ. विद्या पाण्डेय द्वारा पीसीपीएनडीटी एक्ट का प्रेजेंटेशन दिया गया।नाटक से दिया बेटी बचाओं का संदेश वही विभाग द्वारा इंदिरा कन्या महाविद्यालय में भी कई जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए। महिला बाल विकास विभाग के बीएसडब्ल्यू. की छात्राओं ने नुक्कड़ नाटक का मंचन किया। साथ ही बेटियों को बचाने का संदेश दिया। जबकि गल्र्स और पीजी कॉलेज की छात्राओं द्वारा सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी गई। इसके बाद सामाजिक कार्यकर्ता पूनम रहलन, पीजी कॉलेज की डॉ. गौहर उफेजा खान, एकेएस की प्रख्याता मंजू चटर्जी , गल्र्स कॉलेज की डॉ. राजनिधि सिंह ने बेटियों के हित में विभिन्न विषयों पर व्याख्यान दिए। मौके पर नगर निगर कमिश्नर, एसडीएम रामपुर बाघेलान साधना परस्ती, एडीजे एनएन अहमद, महिला बाल विकास अधिकारी सौरभ सिंह, सहायक संचालक राजेंद्र बागड़े, श्याम कुमार द्विवेदी, गलर्स कॉलेज की प्राचार्या डॉ. नीलम रिछारिया और आभा खरे, क्रांति राजौरिया मौजूद रहीं। मंच संचालन सुपरवाइजर वंदना मिश्रा ने किया।
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