श्री महाकाल लोक सुबह 6 बजे खुलेगा, रात 10 बजे होगा बंद
उज्जैन. महाकाल मंदिर के श्री महाकाल लोक में श्रद्धालुओं को डेढ़ किमी पैदल चलकर महाकाल बाबा के दर्शन हुए। पहले दिन बुजुर्गों, दिव्यांगों, बच्चों-महिलाओं को ई-कार्ट सुविधा का लाभ नहीं मिल पाया। गार्ड से पूछा, तो उसने कहा कि अभी अफसरों ने कहा है…किसी को मत बैठाना। मंदिर प्रशासन का कहना है, श्री महाकाल लोक में सुबह 6 बजे से प्रवेश शुरू होगा, रात 10 बजे बंद किया जाएगा। रात 8.30 बजे बाद लाइटें बंद होने लगेंगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वागत-वंदन में सजाया श्री महाकाल लोक, दूसरे ही दिन अपने असली रूप में नजर आया। जिसके लोकार्पण के लिए पूरे शहर में पीले चावल बांटे गए थे, मंदिरों में रोशनी की गई गई, घर-घर दीप जलाए, आतिशबाजी की गई, उसे देखने जब श्रद्धालु पहुंचे, तो उन्हें तेज धूप में डेढ़ किमी का लंबा रास्ता पैदल चलकर पार करना पड़ा। कई लोगों को यह जानकारी ही नहीं थी कि आखिरकार जाना किधर है। कुछ लोग मंदिर के पुराने रास्ते से ही अंदर आ रहे थे, कई लोग मंदिर प्रशासनिक कार्यालय वाले रास्ते से अंदर आ गए। इस कारण बिना वजह लोग भटकने को मजबूर रहे।
इनका रखें ध्यान, ऐसे होंगे बाबा के दर्शन
नए कॉरिडोर के वेङ्क्षटग रूम से बैरिकेङ्क्षडग हॉल, झिगजेग, फैसिलिटी सेंटर, कार्तिकेय मंडपम, गणेश मंडपम की सीढिय़ों से नीचे नंदी हॉल के पीछे बने बैरिकेड्स से होकर श्रद्धालुओं को कतारबद्ध दर्शन होंगे।
निर्गम के लिए श्रद्धालुओं को परिसर में अन्य मंदिरों के दर्शन करने के बाद जूना महाकाल, सप्त ऋषि मंदिर से आकर निर्गम द्वार से बाहर निकलना होगा।
निर्गम द्वार से बाहर आने के बाद उन्हें नए कॉरिडोर, जहां उन्होंने जूते-चप्पल, पर्स आदि रखे थे, उस तरफ आकर फिर कॉरिडोर या बड़े गणेश मंदिर की तरफ जाना होगा।
४-५ नंबर गेट से प्रवेश-निर्गम चालू है, लेकिन भविष्य में सभी को कॉरिडोर महाकाल लोक से ही प्रवेश और निर्गम की व्यवस्था रहेगी।
अपने पॉकेट में यदि गुटका, खैनी, तंबाकू, बीड़ी-सिगरेट आदि हो, तो बाहर ही फैंक दें, क्योंकि गेट पर खड़े गार्ड चैङ्क्षकग के दौरान वहीं रखवा लेंगे।
मंदिर के अंदर या कॉरिडोर में कचरा फैंकना, थूकना, मूर्तियों को छूकर देखना आदि प्रतिबंध है।
जानिए …. कॉरिडोर में कब मिलेगा प्रवेश
सुबह 6 से प्रवेश तथा रात 8.30 बजे बाद लाइटें बंद होने लगेंगी। 10 बजे प्रवेश बंद हो जाएगा।
जल्द यहां समय सारणी बोर्ड लगाया जाएगा, ताकि समय को लेकर कोई भ्रम न हो।
लगातार अनाउंमेंट, हेल्प सेंटर, 80 से 90 सुरक्षा गार्ड, 70 हाउसकीङ्क्षपग हमेशा तैनात रहेंगे।
मुख्य द्वार, सप्तऋषि, दर्शन के लिए अंदर, निर्गम, जहां लोगों के रुकने के स्थान हैं, वहां सिक्योरिटी तैनात रहेगी।
ई कार्ट वाहन आम जनता के लिए नहीं, ये स्पेशल सर्विस है। दिव्यांग, बुजुर्गों के लिए चलाए जाएंगे। युवाओं को पैदल जाना होगा। स्मार्ट सिटी से २१ ई-कार्ट प्रबंध समिति को प्राप्त हो गए हैं, गुरुवार से सभी चलने लगेंगे।
२५० और १५०० की रसीदें फिलहाल ४-५ नंबर गेट से ही मिलेंगी। इसके लिए इधर कॉरिडोर तरफ नहीं आना है।
आने वाले दिनों में पूरे शहर में विज्ञापन प्रसारित होंगे, बस स्टैंड, होटल आदि सार्वजनिक स्थानों पर सूचना चस्पा रहेंगी। जल्द ही टोल-फ्री नंबर भी जारी होंगे, जिससे बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं को कोई परेशानी नहीं होगी।
पहले दिन २५ हजार ने किए दर्शन
पहले ही दिन लगभग २५ हजार श्रद्धालुओं ने कॉरिडोर में प्रवेश कर बाबा के दर्शन किए। प्रवेश करते ही श्रद्धालुओं के चेहरे दमक उठे, आंखों के सामने शिव महापुराण में वर्णित कथाओं पर आधारित दिव्य प्रतिमाएं, म्यूरल्स, खुला-खुला वातावरण नजर आया। स्वच्छंद घूमते लोग कभी सेल्फी लेते, तो कभी प्रतिमाओं की जानकारी लेने की जिज्ञासा में बार कोड स्कैन करते दिखाई दिए। जब उनसे दर्शन व्यवस्था के बारे में पूछा गया, तो कहा, कोई बात नहीं, बाबा महाकाल के लिए तीखी धूप में चलना भी मंजूर है, वे हंसे और आगे चल दिए।
Source: Education