कंडक्ट डिसऑर्डर का शिकार हो रहे स्कूली बच्चे, बड़ों जैसी चाहिए'आजादी'
प्रवीण नागर
उज्जैन. सोशल मीडिया की वजह से स्कूली बच्चे कंडक्ट डिसऑर्डर (व्यक्तित्व विकार) का शिकार हो रहे हैं, न्यूरो साइकेट्रिस्ट का मानना है, बच्चे उम्र से पहले ही बड़े फैसले लेने की आजादी चाहते हैं। इस बीमारी से ग्रसित बच्चे 12 से 16 साल की उम्र यानी टीनएजर्स हैं। वे चाहते हैं कि उन्हें लिमिटेड फ्रीडम मिले, परंतु इसके लिए स्टि्रक्ट पैरेंटिंग (पालकों की सख्ती) और खतरनाक हो सकती है। माता-पिता बच्चों को नैतिक शिक्षा का ज्ञान दें, उन्हें समय- समय पर काउंसलिंग दें। इसमें टीचर, बच्चों और माता-पिता के बीच ब्रिज का काम कर सकते हैं। दो दिन पहले उज्जैन के एक स्कूल से 8वीं की चार बच्चियां सोशल मीडिया दोस्तों से मिलने के लिए बीना और झांसी भागी थीं, जिन्हें पुलिस ने खोज निकाला उनके साथ दो युवकों को पकड़ा है। इसके अलावा एक सप्ताह में इस तरह नागझिरी और पान बिहार के स्कूल से भी बच्चों के भागने की वारदात सामने आई हैं। बच्चियों ने त्रिवेणी स्थित शनि मंदिर में रात गुजार ली। इन घटनाओं के बाद 12 से 16 साल के बच्चों के माता-पिता की चिंता बढ़ गई है, जबकि पुलिस की साइबर टीम पिछले कुछ समय से स्कूलों में काउंसलिंग करने का अभियान चला रही है।
छात्र-छात्राएं शराब और सिगरेट पीने लगे
चौंकाने वाली बात यह कि 14 -15 साल की बच्चियां और बच्चे बड़े युवकों से दोस्ती कर शराब और सिगरेट पीने लगे हैं। उज्जैन के कई पार्क में बच्चियों को सिगरेट और शराब पीते देखा गया। स्कूल से भागी बच्चियों ने भी पुलिस के सामने शराब पीने की बात स्वीकारी है।
नैतिक शिक्षा जरूरी
बच्चों में सोशल मीडिया पर जुड़े होने से वे कंडक्ट डिसऑर्डर के शिकार हो रहे हैं। कई बार वीडियो देखकर वे उसी तरह जीवन जीना चाहते हैं। इसकी वजह से उम्र से पहले बड़े हो रहे हैं। वे माता पिता से इस छोटी उम्र में ही लिमिटेड फ्रीडम चाहते हैं। इनडिपेंडेंट लिविंग की अपेक्षा करते हैं। पैरेंट्स को चाहिए कि वे सख्ती न दिखाएं, बच्चों को बताएं उनकी इस उम्र में क्या जरूरी है, उन्हें क्या नहीं करना चाहिए। मित्रवत व्यवहार करें, काउंसलिंग करें। स्कूलों में इसकी शिक्षा जरूरी हो गई है। बच्चे में गुस्सा पनप रहा है या उसकी हरकत अजीबोगरीब है तो डॉक्टर से उपचार करवाएं।
– डॉ. पराग ढोबले, साइकेट्रिस्ट
लड़कियां जिन लड़कों से मिलने गई थीं पुलिस ने उन्हें परिजन संग वापस भेजा
उज्जैन. लोकमान्य तिलक स्कूल की चार लड़कियां जिन लड़कों से मिलने गई थीं, पुलिस ने उन्हें छोड़ दिया है। लड़कों से पूछताछ, लड़कियों और उनके परिजन द्वारा आपत्ति नहीं लेने और शिकायत नहीं करने के बाद यह कार्रवाई की गई। दो दिन पहले लोकमान्य तिलक स्कूल की चार छात्राएं इंस्टाग्राम पर लड़कों से दोस्ती के बाद उनसे मिलने गई थीं। लड़कियों के स्कूल से गायब होने की खबर मिली तो तलाश शुरू हुई। चारों लड़कियां ट्रेन से देवास होते भोपाल पहुंची। यहां से दो झांसी तो दो बीना पहुंच गई थीं। दो लड़कियों को झांसी तथा दो को अकोदिया से पकड़ा था। लड़कियों द्वारा युवकों से मिलने की बात कहने पर पुलिस दो लड़कों को साथ लाई थी। पुलिस ने लड़कों से पूछताछ की तो उन्होंने बताया कि लड़कियां हमसे मिलने आई थीं। मिलकर लौट भी गई थीं। इधर, पुलिस ने लड़कियों व उनके परिजन से चर्चा की तो वह बोलीं कि लड़कों ने कोई हरकत नहीं की। परिजनों ने भी आपत्ति दर्ज नहीं करवाई। पुलिस ने लड़कों के परिजन को बुलाकर समझाइश देकर इन्हें रवाना किया। सीएसपी विनोद मीणा ने बताया, दोनों लड़कों के खिलाफ शिकायत नहीं होने से उन्हें परिजन के सुपुर्द कर दिया है।
Source: Education