नरवाई जलाने वालों से वसूला जाएगा 25 सौ और 5 हजार रुपए पर्यावरणीय नुकसान
ग्वालियर। धान की कटाई के बाद खेतों में बचने वाले ठूंठ और डंठल (नरवाई) को जलाने वाले किसानों से पर्यावरण को होने वाले नुकसान को वसूला जाएगा। इसके लिए संभागायुक्त दीपक सिंह ने कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह को निर्देश दिया है।
कलेक्टर ने जिले के सभी एसडीएम को निर्देश देकर नरवाई जलाने वाले किसानों से नुकसान वसूली करने के लिए कहा है। प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण अधिनियम के अंतर्गत होने वाली इस कार्रवाई को लेकर सभी एसडीएम से 15 दिन में पालन प्रतिवेदन भी मांगा गया है। उल्लेखनीय है कि नरवाई जलाने से हवा को होने वाले नुकसान से बचाव और पराली प्रबंधन से चारा तैयार करके पशुओं के लिए सुविधा उपलब्ध कराने के मुद्दे को पत्रिका ने प्रमुखता से उठाया था। इसके बाद संभागायुक्त ने संभाग के आठों जिलों के कलेक्टरों को नरवाई जलाने वालोंं पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
इस तरह होगी नुकसान की वसूली
राष्ट्रीय हरित अधिकरण के निर्देशों के पालन में नरवाई जलाने वालों के खिलाफ प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण अधिनियम के अंतर्गत कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं। नरवाई जलाने पर दो एकड़ से कम रकबा वाले किसानों से पर्यावरणीय मुआवजे के रूप में 2500 रुपए वसूले जाएंगे। जबकि दो एकड़ से अधिक और पांच एकड़ से कम रकबे वाले किसानों से पर्यावरणीय मुआवजे के रूप में 5 हजार रुपए वसूले जाएंगे। पांच एकड़ से अधिक रकबे वाले किसानों से हर बार आग लगाने पर 15 हजार रुपए वसूले जाएंगे।
Source: Education