मां दुर्गा वे कौन से 108 नाम हैं? जिनका जाप देता है हर सुख
हिंदुओं में शुक्रवार का दिन देवी माता का माना जाता है। ऐसे में इस दिन देवी मां की पूजा व उनके नामों का स्मरण काफी विशेष माना जाता है। देवी भगवती को संसार की समस्त शक्तियों का स्रोत हैं। उन्हीं का एक रूप मां दुर्गा को भी माना जाता है। उन पर आधारित ग्रंथ “दुर्गा सप्तशती” है, जिसमें देवी माता के 108 नामों का उल्लेख है। वैसे तो धर्म व ज्योतिष के जानकारों के अनुसार देवी मां के इन नामों का हर रोज स्मरण करना चाहिए, लेकिन यदि समय की कमी के कारण या किसी अन्य कारणवश आप ऐसा नहीं कर पा रहे हैं तो कम से कम हर शुक्रवार के दिन आपको देवी मां के इन नामों का जाप अवश्य करना चाहिए।
वहीं जो देवी मां का नाम हर रोज स्मरण कर जाप करना चाहते हैं, ऐसे लोगों के लिए भी देवी मां के नाम के जाप की शुरुआत शुक्रवार के दिन से विशेष मानी जाती है। मान्यता के अनुसार प्रातःकाल इन नामों के स्मरण मात्र से मनुष्य के सभी दुःख दूर होते हैं और उन्हें समस्त सुखों की प्राप्ति होती है। तो चलिए जानते हैं देवी माता के ये नाम और इनके अर्थ—
सती: भगवान शंकर की पहली पत्नी। अपने पिता प्रजापति दक्ष के यज्ञ में अपने प्राणों की आहुति देने वाली इन देवी का माहात्म्य इतना है कि उसके बाद पति परायण सभी स्त्रियों को सती की ही उपमा दी जाने लगी।
साध्वी: ऐसी स्त्री जो आशावादी हो।
भवप्रीता: जिनकी भगवान शिव पर अगाध प्रीति हो।
भवानी: समस्त ब्रह्माण्ड ही जिनका भवन हो।
भवमोचनी: संसार बंधनों से मुक्त करने वाली।
आर्या: देवी, पुरुषश्रेष्ठ की पत्नी।
दुर्गा: दुर्गमासुर का वध करने वाली, अपराजेय।
जया: जो सदैव विजयी हो।
आद्या: सभी का आरम्भ।
त्रिनेत्रा: तीन नेत्रों वाली।
शूलधारिणी:शूल को धारण करने वाली।
पिनाकधारिणी: जो भगवान शिव का धनुष धारण कर सकती हो।
चित्रा: अद्वितीय सुंदरी।
चण्डघण्टा: प्रचण्ड स्वर में नाद करने वाली।
महातपा:अत्यंत कठिन तपस्या करने वाली।
मन: मानस शक्ति।
बुद्धि: सर्वज्ञता।
अहंकारा: अभिमान करने वाली।
चित्तरूपा: वो जो मनन की अवस्था में है।
चिता: मृत्युशैय्या के समान।
चिति: सब को चेतना प्रदान करने वाली।
सर्वमन्त्रमयी: सभी मंत्रों का ज्ञान रखने वाली।
सत्ता: जो सबसे परे है।
सत्यानन्दस्वरूपिणी: जो अनन्त आनंद का रूप हो।
अनन्ता: जिनका कोई अंत नहीं।
भाविनी: सभी की जननी।
भाव्या: ध्यान करने योग्य।
भव्या: भव्य स्वरूपा।
अभव्या: जिससे बढ़कर भव्य कुछ नहीं।
सदागति: मोक्ष प्रदान करने वाली।
शाम्भवी: शम्भू (भगवान शंकर का एक नाम) की पत्नी।
देवमाता: देवताओं की माता।
चिन्ता: चिंतन करने वाली।
रत्नप्रिया: जिन्हे आभूषणों से प्रेम हो।
सर्वविद्या: ज्ञान का भंडार।
Must Read- देश के प्रसिद्ध देवी मंदिर, जहां आज भी होते हैं चमत्कार
दक्षकन्या: प्रजापति दक्ष की पुत्री।
दक्षयज्ञविनाशिनी: दक्ष के यज्ञ का विनाश करने वाली।
अपर्णा: तपस्या के समय पूर्ण निराहार रहने वाली।
अनेकवर्णा: अनेक रंगों वाली।
पाटला: रक्तिम (लाल) रंग वाली।
पाटलावती: लाल पुष्प एवं वस्त्र धारण करने वाली।
पट्टाम्बरपरीधाना: रेशमी वस्त्र धारण करने वाली।
कलामंजीरारंजिनी: पायल को प्रसन्नतापूर्वक धारण करने वाली।
अमेय: जो सीमा से परे हो।
विक्रमा: अनंत पराक्रमी।
क्रूरा: दुष्टों के प्रति क्रूर।
सुन्दरी: अनिंद्य सुंदरी।
सुरसुन्दरी: जिनके सौंदर्य की कोई तुलना ना हो।
वनदुर्गा: वन की देवी।
मातंगी: मतंगा की देवी।
मातंगमुनिपूजिता: गुरु मतंगा द्वारा पूजनीय।
ब्राह्मी: भगवान ब्रह्मा की शक्ति का स्रोत।
माहेश्वरी: महेश की शक्ति।
इंद्री: देवराज इंद्र की शक्ति।
कौमारी: किशोरी।
वैष्णवी: भगवान विष्णु की शक्ति।
चामुण्डा: चंड और मुंड का नाश करने वाली।
वाराही: वराह पर सवार होने वाली।
लक्ष्मी: सौभाग्य की देवी।
पुरुषाकृति: जो पुरुष का रूप भी धारण कर सके।
विमिलौत्त्कार्शिनी: आनंद प्रदान करने वाली।
ज्ञाना: ज्ञानी।
क्रिया: हर कार्य का कारण।
नित्या: नित्य समरणीय।
बुद्धिदा: बुद्धि प्रदान करने वाली।
बहुला: जो विभिन्न रूप धारण कर सके।
बहुलप्रेमा: सर्वप्रिय।
सर्ववाहनवाहना: सभी वाहनों पर सवार होने वाली।
निशुम्भशुम्भहननी: शुम्भ एवं निशुम्भ का वध करने वाली।
महिषासुरमर्दिनि: महिषासुर का वध करने वाली।
मधुकैटभहंत्री: मधु एवं कैटभ का नाश करने वाली।
चण्डमुण्ड विनाशिनि: चंड और मुंड का नाश करने वाली।
सर्वासुरविनाशा: सभी राक्षसों का नाश करने वाली।
सर्वदानवघातिनी: सबके संहार में समर्थ।
सर्वशास्त्रमयी: सभी शास्त्रों में निपुण।
सत्या: सदैव सत्य बोलने वाली।
सर्वास्त्रधारिणी: सभी शस्त्रों को धारण करने वाली।
अनेकशस्त्रहस्ता: हाथों में अनेक हथियार धारण करने वाली।
अनेकास्त्रधारिणी: अनेक हथियारों को धारण करने वाली।
कुमारी: कौमार्य धारण करने वाली।
एककन्या: सर्वोत्तम कन्या।
कैशोरी: किशोर कन्या।
युवती: सुन्दर नारी।
यति: तपस्विनी।
अप्रौढा: जो कभी वृद्ध ना हो।
प्रौढा: प्राचीन।
वृद्धमाता: जगतमाता, शिथिल।
बलप्रदा: बल प्रदान करने वाली।
महोदरी: ब्रह्माण्ड को धारण करने वाली।
मुक्तकेशी: खुले केशों वाली।
घोररूपा: भयानक (दुष्टों के लिए) रूप वाली।
महाबला: अपार शक्ति की स्वामिनी।
अग्निज्वाला: अग्नि के समान तेजस्विनी।
रौद्रमुखी: भगवान रूद्र के समान रूप वाली।
कालरात्रि: रात्रि के समान काले रंग वाली।
तपस्विनी: तपस्या में रत।
नारायणी: भगवान नारायण की शक्ति।
भद्रकाली: काली का रौद्र रूप।
विष्णुमाया: भगवान विष्णु की माया।
जलोदरी: ब्रह्माण्ड निवासिनी।
शिवदूती: भगवान शिव की दूत।
करली: हिंसक।
अनन्ता: जिसके स्वरुप का कोई छोर ना हो।
परमेश्वरी: प्रथम पूज्य देवी।
कात्यायनी: ऋषि कात्यायन द्वारा पूजनीय।
सावित्री: सूर्यनारायण की पुत्री।
प्रत्यक्षा: वास्तविकता।
ब्रह्मवादिनी: हर स्थान पर वास करने वाली।
Source: Dharma & Karma