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Good Effects on Saturday: श्री दक्षिण काली मंत्र दूर करेगा आपके जीवन के हर संकट

महाकाली मां दुर्गा का प्रचंड स्वरूप मानी जाती हैं। इन्हें शनि देव को संचालित करने वाली देवी भी माना गया है। इसी कारण इनकी पूजा शनिवार को विशेष फल प्रदान करने वाली मानी गई है। माना जाता है कि माता काली की पूजा करने वाले भक्त का शनिदेव कभी अशुभ नहीं करते। शनिवार की मुख्य देवी होने के चलते शनिवार से ठीक एक दिन पहले हम आपको महाकाली की पूजा का विशेष महत्व बता रहे हैं।

महाकाली के भक्त आरएस शर्मा का कहना है कि देवी का यह रुप सबसे शक्तिशाली माना जाता है। सामान्य तौर पर महाकाली की आराधना सन्यासी या तांत्रिक करते हैं। लेकिन मां काली के कुछ ऐसे मंत्र भी हैं जिनका जाप कर कोई भी साधक अपने जीवन के संकटों को दूर कर सकता है।

शर्मा के अनुसार कुछ ऐसे में चमत्कारी मंत्र भी है, जो माता का आशीर्वाद हर किसी को प्रदान कराने में सहायक होते हैं। इस चमत्कारी मंत्रों के बारे में बताते हुए महाकाली के भक्त शर्मा का कहना है कि इसके जाप से आपके सभी कष्ट दूर हो जाएंगे। उनके अनुसार इस मंत्र के जरिए दक्षिण काली का आह्वान किया जाता है। इस मंत्र के जरिये शत्रुओं के विनाश के लिए साधक मां काली की साधना करते हैं व सिद्धि प्राप्त करते हैं।

वहीं महाकाली के भक्त शर्मा का ये भी कहना है कि भूलवश भी यदि गलत मंत्रोच्चारण किया तो उसका प्रतिकूल प्रभाव भी पड़ सकता है, साथ ही व मां काली के कोप का भाजन भी बनना पड़ सकता है। अत: उचित होगा कि कमजोर दिल के लोगों को मां काली की साधना से दूर रहें। उनका कहना है हम जिन मंत्रों के बारे में बता रहे हैं इनका जाप किसी के अनहित के लिए नहीं करना चाहिए, अन्यथा इसके दुष्परिणाम भोगने पड़ते हैं।

इस मंत्र का करें जाप

ॐ क्रीं क्रीं क्रीं हूँ हूँ ह्रीं ह्रीं दक्षिणे कालिके क्रीं क्रीं क्रीं हूँ हूँ ह्रीं ह्रीं स्वाहा॥

1. एकाक्षरी काली मंत्र – ॐ क्रीं

2. तीन अक्षरी काली मंत्र – ॐ क्रीं ह्रुं ह्रीं

3. पांच अक्षरी काली मंत्र – ॐ क्रीं ह्रुं ह्रीं हूँ फट्

4. सप्ताक्षरी काली मंत्र – ॐ हूँ ह्रीं हूँ फट् स्वाहा

5. श्री दक्षिणकाली मंत्र – ॐ ह्रीं ह्रीं ह्रुं ह्रुं क्रीं क्रीं क्रीं दक्षिणकालिके क्रीं क्रीं क्रीं ह्रुं ह्रुं ह्रीं ह्रीं

6. श्री दक्षिणकाली मंत्र – क्रीं ह्रुं ह्रीं दक्षिणेकालिके क्रीं ह्रुं ह्रीं स्वाहा

7. श्री दक्षिणकाली मंत्र – ॐ ह्रुं ह्रुं क्रीं क्रीं क्रीं ह्रीं ह्रीं दक्षिणकालिके ह्रुं ह्रुं क्रीं क्रीं क्रीं ह्रीं ह्रीं स्वाहा

8. श्री दक्षिणकाली मंत्र – ॐ क्रीं क्रीं क्रीं ह्रुं ह्रुं ह्रीं ह्रीं दक्षिणकालिके स्वाहा

9. भद्रकाली मंत्र – ॐ ह्रौं काली महाकाली किलिकिले फट् स्वाहा

10. श्री शमशान काली मंत्र – ऐं ह्रीं श्रीं क्लीं कालिके क्लीं श्रीं ह्रीं ऐं



Source: Dharma & Karma