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नो एंट्री में बाजारों में ट्रैक्टर ट्रॉलियोंं की बेधडक़ एंट्री

ग्वालियर। सरकारी फरमान है सुबह 6 बजे से रात 11 बजे तक शहर के अंदर भारी वाहनों की एंट्री नहीं होगी। लेकिन इस पर अमल नहीं है। उन सडक़ों पर भी भारी वाहन नो एंट्री में दौड़ रहे हैं जिन पर यातायात रेंगकर चल रहा हे। तीन दिन पहले नई सडक़ पर सासंद विवेक शेजवलकर की बहू की कार में टै्रक्टर ट्रॉली ने टक्कर मारी। इसमें कार क्षतिग्रस्त हो गई। एक्सीडेंट की की शिकायत तो नहीं हुई लेकिन पुलिस और प्रशासन के अफसरों को घटना बताई, उसके बाद भी नो एंट्री में भारी वाहनों का आना बंद नहीं है।

शहर में सुबह से ट्रैक्टर ट्रॉलियां लक्ष्मीगंज मंडी जाने के लिए आना शुरू होती है। सबसे ज्यादा वाहन सिरोल रोड और विक्की फैक्ट्री से दाखिल होते हैं। सिरोल से लक्ष्मीगंज तक रास्ते में पांच थानों की हद ( सिरोल, विश्वविद्यालय, झांसी रोड, इंदरगंज और जनकगंज ) जबकि विक्की फैक्ट्री से आने वाले ट्रैक्टर ट्रॉली तीन थानों ( झांसी रोड, इंदरगंज और जनकगंज ) और यातायात पुलिस के प्वाइंट के सामने से बेधडक़ निकलते हैं।

शाम 6 बजे इंदरगंज पर ट्रैक्टर ट्रॉली की कतारें
मंगलवार को पत्रिका ने नो एंट्री की अनदेखी को परखा। शाम 6 बजे इंदरगंज चौराहे पर लोगों की भीड़ थी। लक्ष्मीगंज मंडी से सब्जी लादकर पांच ट्रैक्टर ट्रॉलियां भी कतार में यातायात के बीच दौड़ रहे थे। भारी वाहनों का भीड़ के बीच चलना गंभीर हादसे का कारण हो सकता था। चौराहे पर यातायात पुलिस का प्वाइंट और कुछ फासले पर इंदरगंज थाना भी था। लेकिन वाहनों को रोका टोका नहीं गया।

इस रूट पर दौड़ते
लक्ष्मीगंज मंडी से यह गाडिय़ों हनुमान चौराहा, नई सडक़, गश्त का ताजिया, राममंदिर चौराहा, जिंसी नाला पुल, ओल्ड हाईकोर्ट, इंदरगंज चौराहा, रोशनी घर रोड़ होकर चेतकपुरी का रास्ता होकर सिरोल और विक्की फैक्ट्री जाती है। शहर के बाहर और दूसरे छोर से आने वाले ट्रैक्टर ट्रॉली चेतकपुरी चौराहे से मंडी आने जाने का रास्ता चुनते है। इसलिए यहां से इनकी तादात में इजाफा होता है। यहंां से लक्ष्मीगंज सब्जी मंडी जाने के लिए जिस रास्ते से आते जाते हैं वह अचलेश्वर मंदिर से लक्ष्मीगंज मंडी तक भीड भरा रहता है।

कहां क्या खतरा
हनुमान चौराहे से गश्त का ताजिया के बीच मुख्य बाजार, स्कूल, कॉलेज और निजी नर्सिंग होम हैं यहां आवाजाही ज्यादा रहती है। राममंदिर से इंदरगंज चौराहे तक बाजार, जिला कोर्ट में लोगों का आना जा रहता है। इनके बीच भारी वाहनों का दौडऩा खतरा साबित हो सकता है।

एसएसपी से बात करेंगे
नो एंट्री में भारी वाहन खासकर ट्रैक्टर ट्रॉलियां शहर में आ रहे हैं। तीन दिन पहले बहू की कार में भी ट्रैक्टर ने टक्कर मारी है। नो एंट्री में यह वाहन कैसे शहर में आ रहे हैं। इनकी वजह से गंभीर हो सकता है। इस बारे में कलक्टर और एसएसपी से बात करेंगे। नियम के हिसाब से इन वाहनों की आवाजाही होना चाहिए।

विवेक शेजवलकर सांसद ग्वालियर



Source: Science and Technology News

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