एलएसी के पास चीन बना रहा एक और सैन्य चौकी, अमेरिकी सांसद ने खोली पोल
अमेरिकी सांसद राजा कृष्णमुर्ति ने दुनिया के सामने चीन के खतरनाक इरादे का खुलासा किया है। उन्होंने कहा कि भारत के साथ लगती वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के पास चीन द्वारा सैन्य चौकी का निर्माण किया जाना अपने पड़सियों के प्रति चीनी आक्रामकता का चिंताजनक संकेत है। चीन लगातार एलएसी पर अलग-अलग तरह के निर्माण कर रहा है, जिसकी खबरें और तस्वीरें आए दिन सामने आती हैं। एलएसी पर एक ओर तो चीन अपने सैनिकों को पीछे हटाने की बात करता है, लेकिन दूसरी ओर उसकी सेना वहां हेडक्वार्टर और सैन्य चौकियों का निर्माण कर रही है।
भारत और चीन के बीच लंबे समय से चल रहा विवाद
बता दें, चीन आए दिन ऐसी कोई न कोई गलत हरकत करता रहता है, जिससे संबंधित मुद्दे पर और तनाव बढ़े। चीन का भारत के साथ पिछले लंबे समय से सीमा विवाद चल रहा है, कई बार हालात काफी बिगड़ भी गए। इस बीच अमेरिका के सांसद ने इस संबंध में आई एक खबर के बाद इसे लेकर बड़ा बयान दिया है। बता दें, विदेशी न्यूज पेपर ‘पॉलिटिको’ ने बुधवार को दावा किया कि चीन ने भारत के साथ विवादित सीमा के पास एक सैन्य चौकी बनाई है।
अमेरिका ने कहा- ‘हम भारत के साथ’
अमेरिकी सांसद ने कहा, “भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास पीपुल्स लिबरेशन आर्मी की एक नई चौकी संबंधी खबर बीजिंग की बढ़ती क्षेत्रीय आक्रामकता का एक और चिंताजनक संकेत है, जो अमेरिका का भारत और अन्य सुरक्षा साझेदारों के साथ संयुक्त प्रयासों को मजबूत करने की आवश्यकता को दोहराता है।” उन्होंने यह भी कहा कि चीन की इन हरकतों के बीच भी अमेरिका अपने सहयोगियों के साथ इंटेलीजेंस और सैन्य सहहयोग के क्षेत्र में साझेदार रहता है। इससे यह संदेश मिलता है कि अमेरिका भारत, ताइवान और चीन का सामना कर रहे अन्य देशों के साथ है।
सेनाएं पीछे हटाने को लेकर चीन ने किया था वादा
बता दें, भारत की चीन के साथ 3488 किमी लंबी सीमा लगती है। भारत और चीन के बीच मई 2020 में पूर्वी लद्दाख में टकराव शुरू हुआ था। जून 2020 में गलवान घाटी में भारतीय सेना और पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी (PLA) के बीच हुई झड़प में भारत के 20 सैनिक मारे गए थे। जिसके बाद दोनों देशों के बीच कई राउंड वार्ता हुए। जुलाई 2022 में 16वें दौर की कमांडर लेवल वार्ता में चीन ने वादा किया था कि उसकी सेनाएं पीछे हटेंगी। लेकिन अब इस नई चौकी के निर्माण को देखते हुए अमेरिकी सांसद ने कहा है कि चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की बढ़ती आक्रामकता का चेहरा दुनिया के सामने लाना होगा।
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