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Stress Effects : तनाव दूर करने के लिए अपनाएं ये घरेलू उपाय

Stress Effects In Hindi: एग्जाम नजदीक आते ही सिर्फ बच्चे ही नहीं पेरेंट्स भी तनाव में आ जाते हैं। कारण बच्चों से बेहतर अंकों की उम्मीद है। एग्जाम में भले ही कुछ दिन शेष हों लेकिन इसकी तैयारी शुरू हो चुकी है। बच्चों में तनाव के मामले बढ़ रहे हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक पढ़ाई भले ही कुछ घंटे की जाए लेकिन ये स्वेच्छा से होनी चाहिए। बच्चे पर किसी तरह का दबाव होने पर उनकी तैयारी बेहतर की बजाय गलत दिशा में जा सकती है। जानें, आयुर्वेद और मनोचिकित्सा में एग्जाम स्टे्रस के क्या कारण आैर उपाय बताए गए हैं –

मुख्य कारण:-
कम क्षमता, अधिक उम्मीद
ज्यादातर मामलों में पेरेंट्स चाहते हैं कि बच्चे के अधिक अंक आएं लेकिन उनकी सीखने की क्षमता को नहीं देखते जो एग्जाम स्ट्रेस का कारण बनता है।

स्टडी प्लान न करना
अक्सर बच्चे एग्जाम के कुछ दिन पहले तैयारी करना शुरू कर देते हैं। नतीजतन परीक्षा के पास आते ही कोर्स अधूरा होने के कारण तनाव होने लगता है।

ऐसे पहचानें तनाव क्या होता है
बच्चे में चिड़चिड़ापन, दूसरे कामों में रुचि लेना, कभी खुश-कभी गुस्सा करना, खाने-पीने, सोने के पैटर्न में बदलाव और भूख कम या बहुत अधिक लगने जैसे लक्षण दिखें तो मनोचिकित्सक को दिखाएं।

20 प्रतिशत
मामले ऐसे हैं जिसमें बच्चे और पेरेंट्स की अपनी-अपनी शिकायते होती हैं। पेरेंट्स कहते हैं कि बच्चा पढ़ाई में मन नहीं लगाता है वहीं बच्चों का कहना है कि माता-पिता कभी नम्बरों से संतुष्ट नहीं होते।

दूध, घी व शहद का मेल अच्छा ( Food To Avoid Stress )
स्ट्रेस दो तरह का होता है। पहला जिसमें बच्चा पढ़ाई के प्रति गंभीर होता है और बेहतर तैयारी करता है। दूसरा जिसमें बहुत अधिक चिंता करने के कारण लूज मोशन आदि की शिकायत हो जाती है। एग्जाम स्ट्रेस से बचने के लिए तीन बातें अहम हैं- पानी की कमी न होने दें, नींद पूरी लें और खुद पर नियंत्रण रखें। आयुर्वेद में याद्दाश्त बढ़ाने के लिए औषधियां जैसे मेघरसायन, शंखपुष्पी, अश्वगंधा, ब्रह्मी आदि बताई गई हैं। दूध, देसी घी के साथ शहद (मात्रा कम) मिलाकर ले सकते हैं यह बुद्धिवर्धक है।

ये ध्यान रखें पेरेंट्स
– लक्षण दिखते ही मनोचिकित्सक की सलाह लें।
– अधिक अंकों का दबाव न बनाएं और बच्चे की क्षमता को समझें।
– एग्जाम में सफलता ही जीवन की सफलता नहीं है।
– बच्चों के खानपान का ध्यान रखें।
– पानी की कमी न होने दें।
– शारीरिक गतिविधि के लिए भी कहें।

स्टूडेंट्स
– तनाव बढ़े तो मनपसंद गानें सुनें।
– पसंदीदा आउटडोर एक्टिविटीज जैसे क्रिकेट, फुटबॉल आदि खेलें।
– इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स से दूर रहें।
– याद की गई बातों को लिखें ताकि ये लंबे समय तक याद रहें।
– नींद पूरी लें वर्ना याद्दाश्त प्रभावित होगी। योग, मेडिटेशन या डीप ब्रीदिंग एक्सरसाइज करें।



Source: Health