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भाजपा की जुगत, पूरब से उगे हमारा सूरज…

मोदी के बाद शाह दिखाएंगे राह…पहले के विधानसभा चुनाव की भांति
भरतपुर . बदलाव की बयार में किनारे लगी भाजपा अब केन्द्र के सहारे वैतरणी पार करने की जुगत में है। खास तौर से प्रदेश भाजपा अपना सूरज पूरब से उगाने की फिराक में है। यही वजह है कि पूर्वी राजस्थान के दौसा जिले में मोदी जीत का मंत्र फूंकेंगे तो शाह पार्टी को नई राह दिखाने का काम करेंगे। दोनों बड़े नेताओं का दौरा इसी माह है। दौसा जिले में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का प्रस्तावित दौरा 12 फरवरी को है। वहीं केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह का भी इस माह भरतपुर में दौरा हो सकता है।

वर्तमान में देखें तो पार्टी की संभाग में दुर्गति किसी से छिपी नहीं है। कांग्रेस ने तकरीबन यहां सभी सीटों पर अपना वर्चस्व बढ़ा लिया है। ऐसे में यह संभाग कांग्रेस के गढ़ में तब्दील है। यही वजह है कि कांग्रेस के गढ़ में सेंध लगाने को भाजपा ने अभी से चुनावी बिसात बिछाना शुरू कर दिया है। वर्ष 2018 के चुनाव में संभाग की 19 सीटों में से एक सीट धौलपुर शहर के भाजपा के खाते में गई थी, लेकिन अब वह सीट भी करीब-करीब कांग्रेस की झोली में है।
ऐसे में भरतपुर संभाग में भगवा रंग उतरा तो भाजपा सकते में आ गई। यही वजह है कि चुनाव से करीब नौ माह पहले ही पार्टी चुनावी मोड में नजर आ रही है। रविवार को भरतपुर दौरे पर आए भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने भी कार्यकर्ताओं को नसीहत दे डाली है कि हर हाल में संभाग को फतह करना होगा। इसके लिए अभी से तैयारी शुरू कर दी जाएं। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी की रैली में शामिल होने का भी आह्वान किया है।

मोदी की सभा के यह मायने
दौसा जिले की सीमा भरतपुर से लगती है। ऐसे में यहां की हर गतिविधि का असर भरतपुर में नजर आता है। पूर्वी राजस्थान को फतह करने के लिए भाजपा एडी-चोटी का जोर लगा रही है। दौसा में पीएम की सभा का असर यहां निश्चित रूप से आएगा। ऐसे में भाजपा पूरा जोर लगा रही है। मोदी 12 फरवरी को दिल्ली-मुम्बई एक्सप्रेस-वे के सोहना-दौसा खंड का उद्घाटन करने पहुंचेंगे। ऐसे में सभा के सहारे भाजपा अपना शक्ति प्रदर्शन करने में जुटी है। मोदी की सभा में भीड़ जुटाने को जिले में बैठकों का दौर भी शुरू हो गया है। भाजपा का मानना है कि पीएम मोदी की सभा का असर दौसा, जयपुर, सवाईमाधोपुर, करौली, टोंक, अलवर, भरतपुर, धौलपुर एवं जयपुर ग्रामीण आदि जिलों में होगा। यही वजह है कि इन जगहों से दो लाख कार्यकर्ताओं को बुलाने का लक्ष्य रखा गया है।

संभाग में डूब गई लुटिया
भरतपुर संभाग की बात करें तो भाजपा के खाते में 19 में से 1 सीट आई थी, लेकिन अब वह भी बगावत के चलते भाजपा की नहीं रही है। इसकी टीस रविवार को प्रदेशाध्यक्ष पूनियां की जुबां पर भी नजर आई। भरतपुर की सात सीटों में से वर्तमान में सभी कांग्रेस के खाते में हैं। वहीं सवाईमाधोपुर, करौली और धौलपुर की सीटों पर अब कांग्रेस का कब्जा है। वर्ष 2017 में हुए उपचुनाव में धौलपुर शहर की सीट भाजपा ने कब्जाई थी, लेकिन वर्तमान में यह सीट भी भाजपा के खाते में नहीं गिनी जा रही। राज्यसभा चुनावों के बाद धौलपुर शहर से विधायक शोभारानी कुशवाह को भाजपा ने क्रॉस वोङ्क्षटग के चलते सस्पेंड किया था।



Source: Education

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