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नए धनिये की आवक, सात दिन में पांच रुपए किलो टूटे दाम

उत्पादक मंडियों में धीरे—धीरे नए धनिये की आवक बढ़ने लगी है। गुजरात की गोंडल, राजकोट और अन्य मंडियों में नए धनिये की आवक बढ़ रही है। इन उत्पादक मंडियों में वर्तमान में करीब 35 हजार बोरी धनिये की आवक हो रही हैं। राजस्थान में भी नए धनिये की छिटपुट आमद शुरू हो गई है। रामगंजमंडी में नया व पुराना मिलाकर करीब 4 हजार बोरी धनिये की आवक हो रही है। इसमें पुराना धनिया अधिक बताया गया है। सभी उत्पादन केन्द्रों पर नया धनिया उतरने से इसकी कीमतों में गिरावट शुरू हो गई है। एक सप्ताह के अंतराल में धनिया करीब 5 रुपए प्रति किलो सस्ता हो गया है।

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इस वर्ष धनिये का उत्पादन डेढ़ गुना

जयपुर मंडी में धनिया ईगल 77 से 78 रुपए तथा धनिया स्कूटर के भाव 85 रुपए प्रति किलो पर घटाकर बोले जा रहे हैं। स्थानीय राजधानी कृषि उपज मंडी कूकरखेड़ा स्थित श्रीनाथ ब्रोकर्स के प्रमोद मेड़तवाल ने बताया कि इस वर्ष धनिये का उत्पादन पिछले वर्ष के मुकाबले लगभग डेढ़ गुना होने का अनुमान है। सामान्य मौसम में भारत में धनिये का उत्पादन 1.25 करोड़ बोरी के आसपास होता है। मेड़तवाल ने कहा कि भारतीय धनिये की क्वालिटी बेहतर होने से विश्व के अनेक देशों में इसका निर्यात किया जाता है। धनिये की खेती कम पानी में भी हो जाती है। भारत के अलावा धनिये का उत्पादन यूक्रेन, बुलगारिया एवं रूस में भी होता है। विदेशी धनिये में तेल की मात्रा अधिक होती है। लिहाजा मसाला बनाने वाली बड़ी कंपनिया ज्यादा मात्रा में इस तेल युक्त धनिये का उपयोग नहीं करती हैं।

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धनिया का उत्पादन केन्द्र

धनिये की पैदावार राजस्थान के रामगंजमंडी, बारां, भवानीमंडी, कोटा एवं आसपास के कुछ क्षेत्रों में होती है। मध्य प्रदेश में गुना, कुंभराज, बीनागंज, उज्जैन, आगर, सुसनेर, जीरापुर, माचलपुर एवं कुछ मात्रा में नीमच में होता है। गुजरात में गोंडल, जूनागढ़ एवं सौराष्ट्र धनिया उत्पादन के बड़े क्षेत्र हैं।



Source: Education