Rajasthan budget 2023 : पुराने बजट भाषण मामले में गिरेगी दो अधिकारियों पर गाज
Old Budget Speech Case in rajasthan budget 2023 : मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) के तीसरे कार्यकाल का आखिरी बजट भाषण ( Budget Speech) आखिरकार खत्म हो गया। करीब तीन घंटे 20 मिनट के भाषण में मुख्यमंत्री महिलाओं, किसानों और युवाओं पर मेहरबान दिखाई दिए। इसके साथ चिकित्सा, शिक्षा, विज्ञान और तकनीकी जैसे विषयों पर भी खूब धनवर्षा की।
हालांकि इस भाषण की समाप्ति के साथ बजट भाषण में पुराने बजट के कागजात रखने वाले अधिकारी और कर्मचारी की जांच शुरू हो गई है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इसमें दो अधिकारियों पर गाज गिराने की तैयारी तय मानी जा रही है। इसमें से एक अधिकारी बजट भाषण से सीधे जुड़े हुए माने जा रहे हैं। अभी तक यह साफ नहीं हो पाया है कि आखिर यह भयानक गलती हुई तो हुई कैसे? आपको बता दें कि विधानसभा के प्रोटोकाल के मुताबिक उस अटैची में बजट कागजात के अलावा कुछ भी नहीं जा सकता है।
गौरतलब है कि शुक्रवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान की विधानसभा में करीब आठ मिनट तक पुराना बजट भाषण पढ़ते रहे लेकिन किसी को भनक तक न लगी। इसके बाद ठीक उनके पीछे बैठकर बजट भाषण सुन रहे मुख्य सचेतक महेश जोशी ने उन्हें टोका तब जाकर वह रूके लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी और पहली बार पुराना भाषण पढ़ने का रिकार्ड भी दर्ज हो चुका था। इसके लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को सदन में माफी भी मांगनी पड़ी।
ये हैं बजट के पंच प्रधान…
- वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त अखिल अरोड़ा- बजट की मॉनिटरिंग करते हुए उसे मुख्यमंत्री गहलोत के दिशानिर्देशों के अनुसार दिशा दी।
- वित्त (बजट) सचिव रोहित गुप्ता- अरोड़ा के मार्गदर्शन में बजट भाषण को तैयार करवाया।
- वित्त (राजस्व) सचिव कृष्ण कांत पाठक- राजस्व की किस तरह व्यवस्था होगी, उसका प्लान तैयार करके पेश किया।
- वित्त (व्यय) सचिव नरेश कुमार ठकराल- किस योजना पर कितना खर्च आएगा। किस विभाग के लिए कितने बजट की आवश्यकता होगी। इस सब को प्लान तैयार किया।
- निदेशक (बजट) ब्रजेश शर्मा- बजट के लिए आंकड़े जुटाए।
Source: Education