World Trauma Day 2019: बढ़ रही है ट्रॉमा की समस्या, जानिए इसके बारे में
World Trauma Da:, World Trauma Day 2019: हर साल 17 अक्टूबर को World Trauma Day मनाया जाता है। ट्रॉमा शब्द से बहुत अधिक लोग परिचित नहीं है। इस दिवस के मनाने का उद्देश्य दुर्घटनाओं में लगने वाली चोटों के कारण होने वाली मृत्यु एवं विकलांगता की बढ़ती दर तथा उन्हें रोकने के लिए लोगों को जागरूक करना है।
क्या होता है ट्रॉमा ?
जीवन में अचानक से कई एेसी घटनाएं-दुर्घटनाएं हो जाती हैं जो लोगों के दिल-दिमाग पर ऐसा असर डालती हैं जिससे वो किसी बीमारी का शिकार हो जाते हैं। इसी को ट्रॉमा कहा जाता है। मतलब किसी भी व्यक्ति को अचानक से लगने वाले गहरे आघात, सदमे या क्षति को ट्रॉमा कहते है।‘ट्रॉमा ऐसी दुर्घटना है जो व्यक्ति को शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक रूप से नुकसान पहुंचाती है। यह किसी भी कारण से हो सकती है जैसे – कोई एक्सिडेंट, किसी करीबी व्यक्ति से अलगाव या निधन, तलाक, बीमारी, कोई प्राकृतिक आपदा, घरेलू हिंसा आदि।
ट्रॉमा कोई सामान्य बीमारी नहीं है। इसके लक्षण भी सामान्य नहीं होते। इस बीमारी में गहरा आघात, सामाजिक, मानसिक, शारीरिक, मनोवैज्ञानिक और भावनात्मक किसी भी तरह की क्षति हो सकती है। ट्रॉमा के अलग-अलग कारण होते हैं। शारीरिक ट्रॉमा का मतलब है शरीर को कोई भी क्षति पहुंचना। ये सड़क दुर्घटना, आग, जलना, गिरना, हिंसा की घटनाएं, प्राकृतिक आपदाएं आदि चीजों से हो सकती है।
ट्रॉमा के लक्षण –
ज्यादा गुस्सा आान, चिड़चिड़ापन और मूड में बदलाव।
शर्म या झिझक महसूस करना।
निराशा और उदास रहना।
अकेलेपन का अहसास होना।
किसी तरह की चिंता, भय और डर होना।
नींद की कमी होना।
सोते या जागते समय चौंकना।
दूसरों की तुलना में खुद को कम महसूस करना
अविश्वास, भावनात्मक आघात आदि ।
Source: Health