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Don't Wait ! इन्फ्लुएंजा वैक्सीन के साथ हार्ट डिजीज का रिस्क करें कम

Health; Seasonal influenza, Symptoms : इन दिनों कोरोना के केसेस के साथ साथ फ्लू के केसेस भी बढ़ने लगे हैं। ऐसे में समय रहते होम रेमेडीज, मेडिकल ट्रीटमेंट और वेक्सीन लेना जरूरी है। वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाईजेशन (WHO) के अनुसार सिजनल इन्फ्लूएंजा एक एक्यूट रेस्पिरेटरी इन्फेक्शन है जो इन्फ्लुएंजा वायरस से होते हैं। इसके सिम्पटम्स हैं, अचानक बुखार, खांसी (आमतौर पर सूखी), सिरदर्द, मसल व जॉइंट पैन , गले में खराश और नाक बहना। इसमें खांसी गंभीर हो सकती है और 2 या अधिक सप्ताह तक रह सकती है। हालांकि ज्यादातर लोग एक वीक में बिना मेडिकल ट्रीटमेंट के (घरेलु उपचार से) ठीक हो जाते हैं लेकिन कई लोगों में इन्फ्लुएंजा बड़ी बीमारी या डेथ का रूप भी ले सकती है। यह वायरस बूढ़े लोग, प्रेग्नेंट वीमेन, नवजात शिशु और पहले से क्रोनिक कार्डियक, पल्मोनरी, रीनल, मेटाबॉलिक, न्यूरोडेवलपमेंटल, लिवर या हेमटोलोगिक जैसे डिजीज के शिकार लोगों के लिए ज़्यादा खतरनाक है। ऐसे में समय पर वेक्सीन लगाना जरुरी है।

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स्टडीज से पता चलता है की इन्फ्लुएंजा वेक्सीन खासकर उन लोगों के लिए ज़्यादा जरूरी है जो हार्ट डिजीज के शिकार हैं। इसकी वजह यह है की जब फ्लू होता है तो हामरी बॉडी स्वाभिक रूप से वायरस से लड़ने की कोशिश करती है। बॉडी के इस रेस्पांस के चलते शरीर में ब्लड क्लॉट हो जाते हैं , ब्लड प्रेशर बढ़ने लगता है और हार्ट पर स्वेलिंग आ जाती है। ऐसे में जिन लोगों में पहले से हार्ट डिजीज है उनका रिस्क और बढ़ जाता है क्यूंकि पहले से ही उनकी आर्टरीज में फैटी डिपॉजिट्स (plaque) ज़्यादा होते हैं और वायरस की वजह से यह प्लाक फट सकता है जिससे हार्ट अटैक/स्ट्रोक हो सकता है।

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कई रिसर्च और स्टडी से पता चलता है कि सिजनल इन्फ्लुएंजा वैक्सीनेशन (seasonal influenza vaccination ) लगाने से कार्डियोवैस्कुलर प्रोब्लेम्स का रिस्क कम होता है। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन में पब्लिश्ड एक आर्टिकल में बताया गया है की जिन लोगों में हार्ट डिजीज का रिस्क ज़्यादा हैं उन्हें इन्फ्लूएंजा वेक्सीन के बारे में बताना/ कॉउंसल करना आवश्यक है। COVID-19 पेन्डामिक के दौरान इस बात का खुलासा हुआ कि इन्फ्लूएंजा (Flu) लोगों के स्वास्थ्य के लिए बड़ा खतरा हो सकता है और इसके वेक्सीन से रिस्क कम किया जा सकता है। यह वेक्सीने खासकर उन पेशेंट्स के लिए ज़्यादा फायदेमंद है जो पहले से कार्डिओवासुलर डिजीज का शिकार हैं।

JAMA नेटवर्क ओपन 2022 में पब्लिश हुए रिव्यु के अनुसार इन्फ्लूएंजा वेक्सिनेशन और हार्ट अटैक/स्ट्रोक और डेथ के बीच संबंध हैं। इस मेटा एनालिसिस में 6 क्लीक्निक ट्रायल्स और 9001 एडल्ट्स शामिल हैं जिन्हे इन्फ्लुएंजा वेक्सीन बनाम मैचिंग प्लेसिबो या स्टैण्डर्ड केयर दी गयी थी। यहां मैचिंग प्लेसीबो एक ऐसा सब्सटेंस है जो इन्फ्लूएंजा के वैक्सीन की तरह दिखता और महसूस होता है, लेकिन वास्तव में इसमें इन्फ्लूएंजा वायरस या कोई अन्य एक्टिव इंग्रेडिएंट्स नहीं है।

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रिसर्च से पता चला कि जिन लोगों को पहले से कोरोनरी डिजीज था उनमें वैक्सीन लगाने के बाद 45 परसेंट कम रिस्क था। इसी जर्नल में साल 2019 में पब्लिश्ड एक डिटेल्ड स्टडी के अनुसार जिन लोगों ने इन्फ्लूएंजा वैक्सीन लगाया गया उनमें हार्ट अटैक या स्ट्रोक जैसी कार्डियोवैस्कुलर प्रॉब्लम होने का रिस्क कम पाया गया । जो लोग पहले से ही हार्ट डिजीज के पेशेंट थे उनमें वैक्सीन लगाने के बाद कार्डियोवैस्कुलर प्रॉब्लम एक्सपीरियंस करने का रिस्क 24 परसेंट कम नजर आया।

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Source: Lifestyle