World Preeclampsia Day, 22 May 2023 : प्रेगनेंसी के दौरान हाइपरटेंशन से बचने के कुछ उपाय
World Preeclampsia Day, 22 May 2023: गर्भावस्था से संबंधित उच्च रक्तचाप के लिए एक गाइड प्रेगनेंसी अपने साथ कई खुशियां लेकर आती है। पेरेंट्स के लिए यह अनुभव खास एहसास होता है। हालांकि इसमें महिलाओं की हेल्थ और बॉडी में कई चेंजेज आते हैं। कई बार यह चेंजेज उनके व बच्चे के लिए घातक साबित हो सकते हैं। प्रीक्लेम्पसिया प्रेगनेंसी के समय होने वाली एक ऐसी कंडीशन है जो हाइपरटेंशन का कारण बन सकती है और किडनी व लिवर को भारी नुकसान पहुंचा सकती है। यह कंडीशन आमतौर पर प्रेगनेंसी के 20वें सप्ताह के बाद बढ़ती है और मां और बच्चे दोनों के लिए परेशानी का कारण बन सकती है।प्रीक्लेम्पसिया से बचने के लिए नियमित प्रीनेटल चेक-अप किया जाता है। प्रीक्लेम्पसिया के सिम्पटम्स में अचानक वजन बढ़ना, सिरदर्द, हाई ब्लड प्रेशर, हांथ और चेहरे पर सूजन, आँखों का कमजोर होना और पेट दर्द शामिल हैं। एहतियात के तौर पर प्रेगनेंसी के दौरान माँ व होने वाले बच्चे के सभी चेकअप करवाना, माँ की डाइट को हेल्दी रखना, टेन्शियन से परहेज करना और सबसे जरूरी है माँ का खुशहाल रहना।
Prenatal Check -up: प्रेगनेंसी के दौरान हर माँ को एक खास ख्याल रखने की आवश्यकता है। ऐसे में प्रीनेटल, यानी बच्चे के जन्म के पूर्व, होने वाले सभी चेकअप जैसे ब्लड प्रेशर, यूरिन प्रोटीन लेवल्स व अन्य हेल्थ चेकअप करवाएं और लापरवाही ना बरतें।
Monitor Blood Pressure: प्रेगनेंसी के दौरान अक्सर ब्लड प्रेशर में चेंजेज देके जाते है। कुछ लोगों में इसकी संभावना ज़्यादा होती है। इसलिए रोजाना अपने ब्लड प्रेशर का ट्रैक रखें। इसके लिए घर पर एक बीपी नापने की मशीन रखें। यदि ब्लड प्रेशर में बड़ा फर्क नजर आए तो तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
Medication: अक्सर महिलाएं प्रेगनेंसी के वक़्त दी गयी दवाइयों के प्रति लापरवाही दिखती हैं। ऐसा करना उनकी व बच्ची की सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है। डॉक्टर द्वारा दी गयी ब्लड प्रेशर कम करने की दवा हो या हीमोग्लोबिन बढ़ने की दवा, अपने डॉक्टर की बात मानकर सभी दवाएं समय पर लें।
Lifestyle Changes: महिलाओं को अपना ख्याल रखना चाहिए खासकर प्रेगनेंसी के समय एक हेल्दी लाइफस्टाइल अपनानी चाहिए। अपने डायटीशियन या डॉक्टर की सलाह अनुसार पौष्टिक खाना, फिजिकल एक्टिविटी और कोई पसंदीदा हॉबी में अपना मन लगाना चाहिए। इससे किसी भी प्रकार के टेंशन से दूरी बनाये रखने में मदद मिलेगी और सेहत भी अच्छी रहेगी। साथ ही ज़्यादा नमक का सेवन, स्मोकिंग व शराब से परहेज करे।
Relaxation: अपने डॉक्टर और फिटनेस एक्सपर्ट के दिए इंस्ट्रक्शन फॉलो करें। योग आसान (एक्सपर्ट की सलाह अनुसार), मेडिटेशन, ब्रीथिंग एक्सरसाइज प्रैक्टिस करें। इससे मन की शांति और शरीर में एनर्जी बनी रहेगी।
Fetal Movement: प्रेगनेंसी के वक़्त अपने होने वाले बच्चे से बातें करें, उसका मूवमेंट ट्रैक करें। यदि मूवमेंट में कमी नजर आए तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
Communication: प्रीनेटल चेकअप के दौरान अपने डॉक्टर से अपनी असहजता, तकलीफ या किसी भी तरह की फिजिकल या मेन्टल प्रॉब्लम के बारे में खुल कर बताएं। अकसर हाथ पैर फूलना, सिर में दर्द होना, आंखें कमजोर होना सीरियस सिम्पटम्स हैं। इन बातों को अपने डॉक्टर से छुपाएं नहीं, इसका इलाज करवाएं।
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Source: Lifestyle