fbpx

National Training Conclave: देश के पहले ट्रेनिंग कॉन्क्लेव का PM मोदी ने किया उद्घाटन, जानें इससे क्या फायदा होगा

pm modi Training Conclave Inauguration: प्रधानमंत्री मोदी ने आज रविवार 11 जून नई दिल्ली के प्रगति मैदान में देश के पहले राष्ट्रीय प्रशिक्षण सम्मेलन का उद्घाटन किया। इस सम्मेलन को पीएम मोदी के ‘मिशन कर्मयोगी’ की दिशा में अगला कदम माना जा रहा है। सम्मेलन में प्रशासनिक अधिकारियों की प्रशिक्षण व्यवस्था में सुधार पर चर्चा होगी। इस सम्मेलन में केंद्रीय, राज्य प्रशासनिक प्रशिक्षण संस्थानों और अनुसंधान जैसे कई प्रशिक्षण संस्थानों के 1500 से ज्यादा प्रतिनिधि ने भाग लिया है। इसका उद्देश्य सिविल सेवाओं कैपिसिटी बिल्डिंग करना है। इसका कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य आम लोगों की जीवन को आसान बनाना है, साथ ही इसके माध्यम से सिविल सेवाओं कैपिसिटी को बढ़ाना,विचारों के आदान-प्रदान को सरल करना, सामने आ रही चुनौतियों की सबसे पहले भांपना और इसके लिए सटीक रणनीति तैयार करना है। ताकि समय रहते चुनौतियों से निपटा जा सके।



कैपिसिटी बिल्डिंग से होगा देश का फायदा

नरेन्द्र मोदी प्रशासनिक सेवा के क्षमता निर्माण के जरिये देश में शासन प्रक्रिया और नीति कार्यान्वयन में सुधार के समर्थन में कई बार बोल चुके हैं। इससे पता चलता है की वो इसमें सुधर के पक्षधर हैं। इसी उद्देश्य से राष्ट्रीय प्रशासनिक सेवा क्षमता निर्माण कार्यक्रम मिशन कर्मयोगी की शुरुआत की गई थी। जिससे सही दृष्टिकोण, कौशल और ज्ञान के साथ भविष्य की जरूरतों के अनुरूप प्रशासनिक सेवा तैयार की जा सके। यह बात को सब को पता है की आने वाले दिनों नई तरह की चुनौतियां होंगी, तो उसे निपटना भी नए तरीके से होगा।

यह सम्मेलन इसी दिशा में एक और कदम है। Capacity Building Commission ने इस राष्ट्रीय प्रशिक्षण कॉन्क्लेव को आयोजित किया है। आमलोगों के जीवन में सरलता आए, उन्हें दैनिक कागजी काम के लिए दर-दर भटकना न पड़े। यह सिविल सेवा प्रशिक्षण संस्थानों के बीच सहयोग को बढ़ावा देने और देश भर में सिविल सेवकों के लिए प्रशिक्षण के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने की दिशा में एक सकारात्मक कोशिश है। कॉन्क्लेव में केंद्रीय प्रशिक्षण संस्थानों, राज्य प्रशासनिक प्रशिक्षण संस्थानों, क्षेत्रीय और मंडल प्रशिक्षण संस्थानों और अनुसंधान संस्थानों सहित विभिन्न प्रशिक्षण संस्थानों के 1500 से अधिक प्रतिनिधि शामिल हुए।

इनमें निजी क्षेत्र के विशेषज्ञों के साथ-साथ केंद्र सरकार के विभागों, राज्य सरकारों और स्थानीय सरकारों के सिविल सेवक शामिल हैं। इसका उद्देश्य कम्युनिकेशन को सरल और सुविधाजनक बनाना, सामने आ रही चुनौतियों की समय रहते पहचान करना, नए अवसरों का पता लगाना, लोगों के लिए सही और प्रभावी योजना सोचना और प्रभावी क्षमता निर्माण के लिए कार्रवाई योग्य समाधान और व्यापक रणनीति तैयार करना है।

 



Source: National