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मार्क जुकरबर्ग जिसके आशीर्वाद से हुए सफल, उसी बाबा का लगने वाला है मेला, इस कारण बाबा की मुरीद हुईं ये हस्तियां

20 वीं सदी के संतों में बाबा नीम करोली सबसे प्रमुख हैं, कुछ भक्त तो इन्हें भगवान हनुमान का अवतार भी मानते हैं। इनकी प्रसिद्धि देश ही नहीं दुनिया भर में है। इसीलिए इनके भक्त भी भारत के साथ विदेशों में भी हैं। फेसबुक के सहसंस्थापक मार्क जुकरबर्ग हों या एप्पल के पूर्व सीईओ स्टीव जॉब्स इस फेहरिश्त में शामिल हैं। क्रिकेटर विराट कोहली समेत देश की भी तमाम हस्तियों की उन पर आस्था है, इन्हीं बाबा के आश्रम में मेला लगने वाला है, जहां बड़ी संख्या में भक्त आएंगे और पूजा पाठ में शामिल होंगे, भंडारे का प्रसाद लेंगे। इसी के साथ आइये जानते हैं ये विदेशी हस्तियां कैसे बाबा की मुरीद हुईं।

कैंची धाम नैनीताल में 15 जून को लगेगा मेला
बता दें कि उत्तराखंड के नैनीताल जिले में नीम करौली बाबा ने अपने समय में 15 जून को कैंची धाम आश्रम की स्थापना की थी। इसी दिन यहां बाबा का मंदिर भी बनवाया गया था। यह जमीन नीम करौली बाबा की तपोस्थली है, मान्यता है इस क्षेत्र में बाबा के तप की ऊर्जा विद्यमान है। इसलिए इस दिन अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी, कनाडा समेत दुनिया भर से नीम करौली बाबा के भक्त भवाली के कैंची धाम जुटते हैं और बाबा के कैंची धाम आश्रम का स्थापना दिवस मनाते हैं। यहां आने वाले भक्तों का कहना है कि यहां पर उन्होंने बाबा नीम करौली के चमत्कार देखे हैं। इस साल कैंची धाम आश्रम का 59वां स्थापना दिवस मनाने की तैयारियां जोर शोर से चल रहीं हैं।

बाबा नीम करौली का चमत्कार
कुछ भक्तों का कहना है कि एक बार यहां के मंदिर में काम करते वक्त एक भक्त का हाथ गर्म तेल की कड़ाही में चला गया, जिससे उसका पूरा हाथ बुरी तरह से जल गया। बाबा को इस बात का पता चला तो उन्होंने उसे अपने पास बुलाया और उसके जले हुए हाथ पर अपना कंबल फेर दिया। इसके बाद उसका हाथ पहले जैसा हो गया। यहां के भक्तों में बाबा के चमत्कार की ऐसी अनेक कहानियां प्रचलित हैं।

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स्टीव जॉब्स (Steve Jobs) भी कर चुके हैं दर्शन
बताया जाता है फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग, एप्पल के पूर्व सीईओ स्टीव जॉब्स, हॉलीवुड एक्ट्रेस जूलिया रॉबर्ट्स अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा तक बाबा के भक्त हैं।
मान्यता है कि 1972 में स्टीव जॉब्स तंगी में थे और भारत यात्रा के लिए बचत कर रहे थे। 1974 में अपने एक दोस्त के साथ स्टीव भारत पहुंचे और कैंचीधाम आश्रम में कई दिन ध्यान किया। इससे उन्हें दिव्य अनुभव हुए और भारत से लौटने पर उन्होंने पहला एप्पल कंप्यूटर तैयार किया और ब्रांड नाम एप्पल रखा और यह दुनिया में छा गया।

कहा जाता है कि एप्पल का लोगो बाबा से ही प्रेरित है और इसकी वजह यह है कि जब स्टीव जॉब्स बाबा के दर्शन करने आए तो नीम करौली बाबा ने अपने मुंह से काटा हुआ सेब उन्हें दिया, इससे प्रेरणा लेकर स्टीव जॉब्स ने उसे अपनी कंपनी का लोगो बनाया। इसके बाद उन्हें सफलता मिली। इसके अलावा बराक ओबामा के चुनाव लड़ने से पहले अमेरिका से एक दल यहां आया था, और ओबामा की जीत के लिए यहां हनुमान चालीसा का पाठ किया था।

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जुकरबर्ग का घाटा खत्म हुआ
सोशल मीडिया कंपनी फेसबुक के सह-संस्थापक मार्क जकरबर्ग एक समय फेसबुक के घाटे से परेशान थे। इस दौरान सन 2006 में स्टीव जॉब्स ने मार्क जुकरबर्ग को नीम करौली बाबा के आश्रम जाने की सलाह दी। मार्क 2008 में भारत आए और कैंचीधाम में रहे। इसके बाद उन्होंने कामयाबी की सीढ़ियां चढ़नी शुरू कर दी। बाबा के कई भक्त अपने संस्मरणों में लिखते है कि बाबा किसी भी स्तर पर कुछ भी करने की क्षमता रखते थे। बाबा कहते थे, ‘जो मेरे फोटो के सामने आ गया, वह मेरी नजर में आ गया।’ हॉलीवुड एक्ट्रेस जूलिया रॉबर्ट्स ने एक टीवी इंटरव्यू में कहा था कि नीम करौली बाबा की तस्वीर देखने के बाद ही उनका झुकाव हिंदू धर्म की ओर हो गया।

बाबा के शरीर में सांप लिपटे देख ग्रामीण बेहोश
बाबा के एक रवि प्रकाश पांडेय ने एक पुस्तक में लिखा है कि, नीम करौली गांव में बाबा के लिए ग्रामीणों ने गुफा बनवाया था, यहां बाबा तपस्या करते थे और उनकी अनुमति के बिना गुफा में प्रवेश करने पर रोक थी। एक दिन बाबा गुफा में तपस्या कर रहे थे, तभी गांव का ही गोपाल नाम का भक्त लोटे में दूध लेकर गुफा में चला गया। बाबा समाधि में लीन थे और उनके शरीर पर सांप लिपटे थे। इससे डरकर गोपाल बाहर भागा और गुफा के बाहर आकर बेहोश हो गया। बादा में नीम करौली बाबा ने गोपाल से कहा तुम्हें बिना अनुमति गुफा में नहीं आना था।



Source: Religion and Spirituality

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