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Video: रेगिस्तानी हवा में तूफान ही नहीं ऊर्जा भी: 4000 मेगावाट पवन ऊर्जा

दीपक व्यास / कानाराम गोयल
जैसलमेर/ बाड़मेर . रेगिस्तान से उठी हवाएं तूफान औैर बवंंडर लाती है लेकिन इन्हीं हवाओं से अब ऊर्जा उत्पादन होने लगा तो बाड़मेर-जैसलेमेरी हवाओं की ताकत का अंदाजा इसी से लगार सकते हैै कि प्रदेश में 4338 मेगावाट पवन ऊर्जा उत्पादन में से करीब 4000 मेगावाट तो बाड़मेर जैसलमेर ही उत्पादित कर रहे है।राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम के अधिकारियों की माने तो राजस्थान में नई ऊर्जा नीति घोषित हो चुकी है। उम्मीद है कि अब नए निवेशक आएंगे। अभी जैसलमेर में 2480 और बाड़मेर में 200 पवन चक्कियां लगी है, जिनसे विद्युत उत्पादन हो रहा है।
233 संयंत्र लग रहे है
बाड़मेर के शिव व जैसलमेर जिले के फतेहगढ़ क्षेत्र सहित समीपवर्ती क्षेत्रों में 233 पवन ऊर्जा संयंत्र लगाने की कवायद चल रही है। बाड़मेर इलाके में अभी शिव क्षेत्र से आगे बढ़ते हुए पवन चक्कियां रेगिस्तान में अन्यत्र लग रही है।
नेशनल ग्रिड जाती है
पवन ऊर्जा संयंत्रों से जो बिजली उत्पादित होती है, वह यहां से नेशनल ग्रिड को भेजी जाती है। नेशनल ग्रिड कंपनियों से बिजली की खरीद कर वितरण करता है।
फैक्ट फाइल
-39691 मेगावाट देश में
– 4338 मेगावाट विद्युत उत्पादन राज्य में
– 3510 मेगावाट जैसलमेर में
यह भी जानें
-विश्व में भारत पांचवां सबसे बड़ा पवन ऊर्जा उत्पादक देश
– तमिलनाडू सर्वाधिक पवन ऊर्जा उत्पादक राज्य
– राजस्थान देश में चौथे स्थान पर
फ्लैशबैक-
-जिले में पवन ऊर्जा का पहला प्रोजेक्ट राजस्थान स्टेट पॉवर प्रोजेक्ट कारपोरेशन लि. की ओर से 2 मेगावाट का विंड फ़ार्म वर्ष 1999-2000 में स्थापित किया गया।
– राजस्थान में प्रथम पवन ऊर्जा परियोजना जैसलमेर जिले के अमरसागर स्थान पर 10 अप्रैल 1999 में स्थापित हुई
– देश का दूसरा पवन ऊर्जा पार्क राजस्थान में जैसलमेर जिले के लौद्रवा में
ग्राम पंचायत के हिस्से कुछ नहीं-
बड़ा बाग-अमर सागर(जैसलमेर)
अमरसागर सरपंच पूनम मेघराज परिहार के अनुसार 43 पवनचक्कियां लगी है। पवन ऊर्जा के संयंत्र लगाने के लिए सरकार की ओर से जमीन भी बहुत ही कम दरों पर उपलब्ध करवाई जाती है। ग्राम पंचायत को इन संयंत्रों लगाए जाने से राजस्व संबंधी कोई लाभ नहीं मिलता।
शिव(बाड़मेर )
वर्ष 2012 से क्षेत्र के कोटड़ा,रामपुरा,मेहरान की ढाणी ,शिव,गूंगा,अंबावाड़ी, हुक्मसिंह की ढाणी , हड़वा,राजडाल ,भिंयाड़, धारवी क्षेत्र में पवन चक्क्यिां लगी है।120 पवन चक्कियां 36 करोड़ का राजस्व मिल रहाा है। फिर भी इन गांवों में मूलभूत सुविधाएं का अभाव है। गांवों में पेयजल की गंभीर समस्या है। सड़क क्षतिग्रस्त हैं। कंपनियंा गांवों की सुध नहीं ले रही है।



Source: Education