सिटी में पहली बार 200 महिलाओं के लिए खुलेगी ‘कोडिंग की पाठशाला’, लैपटॉप के साथ मिलेगी एमएनसी में जॉब की सुविधाएं
Chhattisgarh News: रायपुर पत्रिका@ ताबीर हुसैन। बदलते दौर में कोडिंग का महत्त्व लगातार बढ़ता जा रहा है। यह क्षेत्र व्यापक संभावनाओं वाला बन गया है। इसे ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन और नवगुरुकुल संस्थान ने युवतियों और महिलाओं को मुफ्त में कोडिंग सिखाने की ठानी है। इतना ही नहीं, उन्हें मल्टीनेशनल कंपनी में जॉब भी दिलाई जाएगी।
इसके लिए मिनिमम क्वालीफिकेशन दसवीं पास रखी गई है। पं. आरडी तिवारी स्कूल में पहले चरण की स्क्रीनिंग भी हो चुकी है। इसमें लगभग 300 गर्ल्स और वुमंस शामिल रहीं। अफसरों ने बताया कि 28 और 29 जून को एक और स्क्रीनिंग उसी स्कूल में रखी गई है। 11 बजे (Skill Development ) पहुंचकर स्क्रीन में शामिल हो सकते हैं। शुक्रवार को कलेक्टर ने स्क्रीनिंग का मुयाअना किया।
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इंग्लिश कम्यूनिकेशन और लीडरशिप भी सिखाएंगे
असिस्टेंट कलेक्टर जयंत नाहटा ने पत्रिका को बताया, हम चाहते हैं कि ज्यादा से ज्यादा महिलाओं की भागीदारी हो। यही वजह है कि स्क्रीन की तारीख बढ़ाई गई है। यहां सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग प्रोग्रामिंग के साथ-साथ प्रशिक्षणार्थियों को इंग्लिश कम्यूनिकेशन और लीडरशिप भी सिखाई जाएगी। इस कोर्स के लिए बेरोजगारी भत्ता प्राप्त हितग्राहियों को भी प्राथमिकता दी जा रही है। ट्रेनिंग के बाद अमेजन, नेटवेस्ट, एप्प स्क्रिप, मैक्यूरी, एक्सेंचर जैसी मल्टीनेशनल कंपनियों में मिनिमम 20 हजार रुपए सैलरी की जॉब मिल सकेगी। एज बार के सवाल पर उन्होंने कहा कि 17 से 29 साल की कोई भी फीमेल इसमें शामिल हो सकती है।
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सभी को दिए जाएंगे लैपटॉप
यह 200 सीटर आवासीय कोडिंग प्रोग्राम है, जिसे स्कूल ऑफ प्रोग्रामिंग भी कहते हैं। पढ़ाई जुलाई में शुरू होगी। इसमें महिलाओं के लिए 100% प्लेसमेंट की गारंटी (cg news) दी जा रही है। पढ़ाई के दौरान बेस्ट फैकल्टी के साथ सभी को एक-एक लैपटॉप मिलेगा।
कौन दे सकता है टेस्ट
इस प्रशिक्षण के लिए ग्यारहवीं, बारहवीं की सभी विषयों या संकायों की छात्राएं भी आवेदन कर सकती हैं। बीए, बीएससी, बीटेक, बीसीए की छात्राएं भी इस (raipur news) सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग कोर्स में शामिल हो सकती हैं।
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Source: Science and Technology News