नौकरी और मुआवजा की मांग को लेकर भूविस्थापित 24 को करेंगे गेट पर तालाबंदी
अधिग्रहण जमीन के एवज में 1979 से 1981 के बीच जारी की। एनटीपीसी के द्वारा नौकरी के लिए दिनांक 10.10.1983 में 40 लोगों की सूची निकाली गई, लेकिन बाद में इसे दबा दिया गया। भू-विस्थापितों के 300 परिवार में से मात्र 38 परिवार के सदस्यों को एनटीपीसी कोरबा में नौकरी दी गई है , जिसमें 14 लोगों को सहकारी समिति ठेका कार्य दिया और 248 शेष परिवार के सदस्यों को प्लांट का विस्तार करने के बाद भी नौकरी प्रदान नहीं किया गया है। भूविस्थापितों ने बताया कि लंबे समय से वे मांग कर रहे हैं, लेकिन किसी भी जनप्रतिनिधि और प्रशासन द्वारा गंभीरता नहीं दिखाई जा रही है। तानसेन चौक पर पिछले 92 दिन से भूविस्थापित प्रदर्शन कर रहे हैं। भूविस्थापितों ने अब एनटीपीसी के खिलाफ उग्र आंदोलन करने का निर्णय लिया है।
आदिवासियों के संवैधानिक अधिकारों के हनन पर जताई नाराजगी
कोरबा. सर्व आदिवासी समाज द्वारा आदिवासियों के संवैधानिक अधिकारों के हनन पर नाराजगी जताते हुए कि कोरबा जिले में भी पेसा कानून का सही तरीके से पालन नहीं हो रहा है। विशेषकर औद्योगिक जिलों में कानून का उल्लंघन हो रहा है।
प्रेसवार्ता लेकर बताया कि संविधान की पांचवी अनूसूची जिला कोरबा में तृतीय एवं चतुर्थ वर्ग की नियुक्ति में शत प्रतिशत आरक्षण की प्रक्रिया जल्द होनी चाहिए। अनुसूचित जिला में पेसा कानून 1996 के तहत ग्राम सभा को पूर्ण अधिकार दिया जाए। फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनवा कर नौकरी करने वाले को तत्काल बर्खास्त किया जाए। व कानूनी दण्डात्मक कार्यवाही किया जाए। जिला में किए गए भू अधिग्रहण के विस्थापितों के समस्याओं का त्वरित समाधान करते हुए बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध करवाने। वन अधिकार अधिनियम के तहत वन पट्टा देने, तेंदू पत्ता संग्राहकों को बोनस देने, हसदेव आरण्य में फर्जी ग्राम सभा करके हसदेव कोल ब्लाक आवंटित को निरस्त करने की मांग की गई।
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