अधिक मास 2023 का दूसरा मंगलवार, जानें पूजा की विधि और शुभ मुहूर्त
अधिक मास का दूसरा मंगलवार 25 जुलाई 2023 को है। ऐसे में सावन के मध्य में पड़ रहे इस अधिक मास के मंगलवार को भी मंगला गौरी व्रत रखा जाएगा। इसके लिए मंगलवार को माता मंगलागौरी की पूजा करने के तहत सुबह उठकर स्नान आदि के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करें। हाथ में जल लेकर व्रत का संकल्प करने के बाद मंदिर को स्वच्छ करते हुए गंगाजल छिड़कें। इसके बाद माता गौरी और भगवान शिव की मूर्ति को एक चौकी पर लाल रंग का कपड़ा बिछाकर स्थापित करें।
अब माता गौरी को लाल रंग के वस्त्र या लाल चुनरी पहनाने के बाद उन्हें सुहाग की सामग्री भी भेंट करें। और फिर देवी माता को सिंदूर का तिलक करने के बाद घी का दीपक देवी माता के सामने जलाएं।
ध्यान रहें कि सावन में मंगला गौरी व्रत के दिन देवी माता को चढ़ाई जाने वाली पूजा सामग्री में पान, सुपारी, लौंग, इलाचयी और फूल आदि को भी शामिल करें, ध्यान रखें कि पूजा में हर सामग्री 16 की संख्या में रखें। इस तरह पूरी तैयारी के बाद मंगला गौरी व्रत की कथा का पाठ कर आरती करें।
देवी मंगला गौरी को माता पार्वती का ही एक रूप माना जाता है, ऐसे में ये व्रत मुख्य रूप से देवी पार्वती को समर्पित माना गया है। इस दिन व्रत रखने के साथ ही बड़ी संख्या में लोग देवी गौरी का विधिविधान से पूजन करते हैं। इस व्रत को विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए रखती हैं, वहीं कन्याएं एक आदर्श पति प्राप्ति के लिए इस व्रत को करती हैं। माना जाता है कि विवाह में जिन लोगों के देरी हो रही है इस व्रत से माता उनकों मनचाहा वरदान प्रदान करती हैं।
मंत्र
ॐ सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके।
शरण्ये त्रयम्बके गौरी नारायणी नमोस्तुते ॥
ॐ जयंती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी
दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते।
सर्व बाधा विनिर्मुक्तो, धन धान्य सुतान्वितरू।
मनुष्यों मत्प्रसादेन भविष्यति न संशयरू॥.!!
पूजन सामग्री-
मंगला गौरी में पूजा में सोलह श्रृंगार की सामग्री के अलावा फल, देसी घी, दीया, 16 कपास बाती, मिठाई, मीठा पान, सुपारी, इलाइची, लौंग, लाल रंग के फूल और पंच मेवा, हवन सामग्री, आम के पत्ते और आम की लकड़ी शामिल की जानी चाहिए।
ऐसे करें पूजन
1. सुबह ब्रह्रम मुहूर्त में उठकर स्नान करके पहले पूजाघर को साफ करें।
2. इसके बाद पूर्ण श्रद्धा व समर्पण के साथ व्रत का संकल्प लें।
3. व्रत रखने वालें इस दिन लाल रंग के कपड़े अवश्य पहनें।
4. एक लकड़ी की चौकी पर देवी की एक मूर्ति रखें।
5. मां गौरी को वस्त्रों सहित आभूषणों से सजाएं और उन्हें सोलह श्रृंगार की वस्तुएं भेंट करें।
6. रूई की सोलह बाती बनाएं और फिर देसी घी का दीया जलाएं।
7. देवी की कथा पढ़ें और मंत्रों का भी जाप करें।
8. देवी के पूजन के बाद हवन भी करें।
9. देवी को भोग में खीर का प्रसाद लगाएं और उनकी आरती करें।
10. इस दिन अपने बड़ों के पैर छूकर आशीर्वाद लेना चाहिए।
11. वहीं अविवाहित महिलाएं भी देवी गौरी का आशीर्वाद लें।
मंगलवार, 25 जुलाई 2023 के दिन को ऐसे समझें-
वार- मंगलवार, 25 जुलाई 2023
तिथि- सप्तमी 03.08 PM तक उसके बाद अष्टमी
नक्षत्र- चित्रा 12.03 AM, जुलाई 26 तक
पक्ष- शुक्ल पक्ष
माह- श्रावण ( अधिक )
मंगलवार, 25 जुलाई 2023 के शुभ मुहूर्त-
अभिजीत मुहूर्त- 11.38 AM से 12.31 PM
विजय मुहूर्त- 02.19 PM से 03.12 PM
अमृत काल मुहूर्त- 05.09 PM से 06.53 PM
गोधूलि मुहूर्त- 06.34 PM से 06.58 PM
सायाह्न संध्या मुहूर्त- 06.47 PM से 07.51 PM
निशिता मुहूर्त- 11.43 PM से 12.26 AM, जुलाई 26
ब्रह्म मुहूर्त- 03.57 AM से 04.39 AM
प्रातरू संध्या- 04.18 AM से 05.21 AM
Source: Education