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भारत ने चीन को दिया झटका, लैपटॉप-कम्प्यूटर के इंपोर्ट पर लगाई रोक, जानिए इसकी वजह और असर

Import restrictions on laptops and Computers: केंद्र सरकार ने गुरुवार (3 अगस्त ) को एक बड़ा फैसला लेते हुए लैपटॉप,टैबलेट और कंप्यूटर के आयात पर बैन (Laptops, Tablets and Computers Import Ban) लगा दिया है। ये बैन HSN 8741 कैटेगरी के तहत देश में आने वाले प्रोडक्ट्स पर लगाया गया है। बैन किए गए सामानों की लिस्ट में अल्ट्रा स्मॉल फॉर्म फैक्टर वाले कंप्यूटर और सर्वर को भी शामिल किया गया है। इस संबंध में वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने नोटिफिकेशन जारी करते हुए बताया कि इन प्रतिबंधित सामानों के आयात के लिए वैध लाइसेंस के तहत अनुमति दी जाएगी।

मेक इन इंडिया को मिलेगा बढ़ावा

जब विदेश से आसानी से लैपटॉप, टैबलेट और पर्सनल कंप्यूटर आ रहे थे, कीमत भी ज्यादा नहीं थी तब आखिर सरकार ने ऐसा फैसला क्यों लिया अगर आपके मन में ऐसा सवाल उठता है तो बता दें कि सरकार इस फैसले के जरिए मेक इन इंडिया पहल को बढ़ावा देने यानी स्थानीय विनिर्माण को आगे बढ़ाने का सोच रही है। सरल शब्दों में कहें तो केंद्र का यह कदम विशेष रूप से इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर पर फोकस करते हुए भारत को ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग सेंटर के रूप में स्थापित करने की महत्वाकांक्षी दृष्टि के अनुरूप उठाया गया है।

बता दें कि मोदी सरकार ऑटोमोबाइल से लेकर टेक्नोलॉजी तक सभी क्षेत्रों में मेक इन इंडिया को बढ़ावा देने पर जोर दे रही है. इसके साथ ही इन सामानों के आयात पर बैन लगाकर, सरकार का लक्ष्य विदेशी बाजारों पर निर्भरता कम करके स्थानीय विनिर्माण क्षमताओं में विश्वास जताते हुए उन्हें प्रोत्साहित करना है।

मालूम हो कि अप्रैल से लेकर जून महीने के बीच इलेक्ट्रॉनिक्स इम्पोर्ट करीब 19.7 अरब डॉलर का था, यह आंकड़ा इससे एक साल पहले की समान अवधि की तुलना में 6.25 फीसदी ज्यादा है। केंद्र द्वारा लिए गए इस फैसले पर मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन ऑफ इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (MAIT) के पूर्व महानिदेशक अली अख्तर जाफरी जैसे बड़े बिजनेस विशेषज्ञ की माने तो यह फैसला स्वदेशी उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए सरकार की मजबूत प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

आयात के लिए लगाई गई ये शर्त

इस फैसले को लेकर Ministry of Commerce की ओर से साफ कर दिया गया है कि सरकार द्वारा प्रतिबंधित किए गए इन इलेक्ट्रॉनिक्स सामानों को इस शर्त के साथ आयात की अनुमति मिलेगी कि आयात होने वाले सामान का उपयोग केवल बताए गए उद्देश्यों के लिए ही किया जाएगा। इन प्रतिबंधित सामानों के आयात के लिए वैध लाइसेंस के तहत अनुमति दी जाएगी। यानी इन्हें बेचा नहीं जाएगा। इसके साथ ही उक्त प्रोडक्ट का उद्देश्य पूरा होने के बाद या तो उपयोग से परे नष्ट कर दिया जाएगा या फिर से फिर से निर्यात किया जाएगा।

चीन के लिए बड़ा झटका

वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के नोटिफिकेशन द्वारा लैपटॉप, टैबलेट, ऑल-इन-वन पर्सनल कंप्यूटर और अल्ट्रा स्मॉल फॉर्म फैक्टर कंप्यूटर और सर्वर का आयात तत्काल प्रभाव से प्रतिबंधित किया जाना एक ओर मेक इन इंडिया कार्यक्रम को बढ़ावा देने की ओर उठाए गए कदम की तरह देखा जा रहा है तो दूसरी ओर इसे चीन के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है।

क्योंकि वहां इलेक्ट्रॉनिक्स मार्केट बहुत बड़ा है,वहां की इकॉनमी का बड़ा हिस्सा इन सामानों की निर्यात पर आश्रित है।भारत में चीनी सामानों का बड़ा मार्केट है, वहां के बने इलेक्ट्रॉनिक सामान भारत जैसे देश के लिए जहां की बड़ी आबादी गरीब है, उन्हें किफायती रेट में मिल जाती है। लेकिन सरकार से इस फैसले से चीन समेत उन सभी देशों को बड़ा झटका लगेगा जहां से भारत में लैपटॉप, टैबलेट और पर्सनल कंप्यूटर आयात होते थे।



Source: National

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