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डेंटल इंप्लांट से किसी भी उम्र में पा सकते हैं नया दांत

Dental care Tips: कोई दांत गिर गया है या खराब हो गया है तो उस दांत के आगे पीछे के दांत को छोटा कर ब्रिज लगाते हैं। यह आसान प्रक्रिया है। दूसरी प्रक्रिया निकलने वाले दांत लगाने की है। इसमें दांत की साफ-सफाई के लिए उसे निकाल सकते हैं। हालांकि इसके बाद परमानेंट इंप्लांट नहीं लग सकता है। तीसरी प्रक्रिया परमानेंट इंप्लांट है, जिसमें खराब दांत को निकालकर या निकल चुके दांत की जगह इंप्लांट लगाते हैं। इंप्लांट के दो माह बाद उसपर दांत को फिक्स किया जाता है।

ऐसे होता दंत प्रत्यारोपण
दांत आधा मसूड़े में फंसा है तो पहले उस हिस्से को सुन्न कर निकाला जाता है। इसके बाद डेंटल इंप्लांट लगाने के लिए पहले 2 एमएम, 2.8 एमएम और फिर 3.2 एमएम की ड्रिल करते हैं। ड्रिल का नंबर बढऩे से उसका व्यास बढ़ाते हैं। इसके बाद उस हिस्से में एंटीबायोटिक सॉल्यूशन लगाते हैं। फिर एक 3.75 एमएम की पिन डालकर एक्स-रे करते हैं, जिससे पता किया जा सके कि इंप्लांट के आकार की जगह सही बनी है कि नहीं। ड्रिल से बनी जगह में इंप्लांट लगाने के बाद उसे स्क्रू से टाइट कर देते हैं और कवर स्क्रू लगाते हैं। इसके बाद मसूड़े में टांके लगाते हैं। इसके बाद दोबारा एक्स-रे करते हैं। दो माह बाद मसूड़ों के ऊपर छेद कर डेंटल कैप लगाते हैं जिसके बाद रोगी पूरी तरह सामान्य हो जाता है। परमानेंट इंप्लांट का सक्सेस रेट 97 फीसदी है।

दो दिन पहले एंटीबायोटिक दवाएं देते
डेंटल इंप्लांट की पिन टाइटेनियम से बनी होता है। पिन लगाने के बाद इसके चारों तरफ हड्डी कुछ दिन में कवर कर लेती है। दांत के जिस हिस्से की हड्डी मजबूत होती है वहां तुरंत लगा सकते हैं। दंत प्रत्यारोपण से दो दिन पहले रोगी को एंटीबायोटिक दवाइयां दी जाती हैं। इस प्रक्रिया के बाद भी कुछ एंटीबायोटिक और दर्द निवारक दवाएं दी जाती हैं, जिससे रोगी को किसी तरह की परेशानी न हो। इंप्लांट की प्रक्रिया के दौरान साफ- सफाई का ध्यान रखना होता है ताकि किसी तरह का संक्रमण न हो। ओटी उपकरणों को ऑटो क्लेव भी करते हैं।

इंप्लांट से पहले जांचते हैं हैल्थ हिस्ट्री
डेंटल इंप्लांट लगाने से पहले रोगी की हैल्थ हिस्ट्री जांची जाती है। इसमें डायबिटीज और हाइपरटेंशन संबंधी समस्या की जानकारी ली जाती है। गुटखा, पान-मसाला खाने और दांत घिसने की आदत है तो दंत प्रत्यारोपण करना थोड़ा मुश्किल होता है। हाल ही में 72 वर्ष की उम्र के एक व्यक्ति को भी इंप्लांट लगाया गया जो अब पूरी तरह ठीक हैं। दंत प्रत्यारोपण के बाद कुछ समय तक खाने-पीने को लेकर सावधानी बरती जाती है। बहुत अधिक कठोर चीज खाने या चबाने से बचना चाहिए। इससे दांतों पर दबाव पड़ता है और इंप्लांट को नुकसान हो सकता है। दंत प्रत्यारोपण की प्रक्रिया के कुछ समय बाद तक दाल, रोटी, फल खाना चाहिए।

दांतों की मजबूती के लिए रखें ध्यान
दांतों को स्वस्थ रखना है तो पान, तंबाकू, सुपारी और अन्य जर्दायुक्त मसाला खाने से बचना चाहिए। दांत हिल रहे हैं या मसूड़़े से खून निकल रहा है तो डॉक्टर से परामर्श करें। छोटे बच्चों को रात में दूध पिलाकर न सुलाएं। रात को सोने से पहले ब्रश जरूर करें। दांतों में सड़न या कीड़े लगने का खतरा 80 फीसदी कम हो जाएगा।

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Source: Health