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Good News: पिछले साल की तुलना में इस बार हार्ट अटैक के मरीज घटे, जानिए ये वजह

CG Health Update: राजधानी में इस बार कम ठंड दिल के मरीजों को राहत दे गया। सामान्यत: नवंबर-दिसंबर में कड़ाके की ठंड में हार्ट अटैक के केस बढ़ जाते हैं, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ। मेडिकल कॉलेज के एडवांस कार्डियक इंस्टीट्यूट (एसीआई) व निजी अस्पतालों के आंकड़े बताते हैं कि ब्रेन स्ट्रोक के केस भी अपेक्षाकृत कम आए। राजधानी में इस सीजन में दिसंबर में सबसे कम तापमान 12 डिग्री तक गया। यह तापमान केवल एक दिन रहा। इस कारण भी हार्ट का मरीज नहीं बढ़ा। डॉक्टरों के अनुसार कड़ाके की ठंड में नसें सिकड़ जाती हैं और खून गाढ़ा होने से हार्ट अटैक व ब्रेन हेमरेज का केस बढ़ जाता है।

एसीआई के कार्डियोलॉजी विभाग में पिछले साल की तुलना में हार्ट अटैक के केस कम आए। गौर करने वाली बात ये भी है कि नवंबर, दिसंबर के बजाय सितंबर व अक्टूबर में हार्ट के ज्यादा मरीज भर्ती हुए। ये भी चौंकाने वाला है, क्योंकि सितंबर-अक्टूबर में अपेक्षाकृत कम ठंड होती है। हालांकि डॉक्टरों का कहना है कि इसमें स्थानीय ही नहीं रेफरल केस भी शामिल हैं। ठंड के दिनों में हार्ट अटैक के केस ज्यादा आने का ट्रेंड केवल छत्तीसगढ़ ही नहीं बल्कि दूसरे राज्यों में भी है। डॉक्टरों के अनुसार मध्यप्रदेश, राजस्थान व उत्तरप्रदेश में इस दौरान हार्ट अटैक के काफी केस बढ़े हैं।

इस बार हार्ट अटैक के केस पिछले साल की तुलना में कम आए। इसकी मुख्य वजह ठंड में कमी है। अब बुजुर्गों को ही हार्ट अटैक आने का ट्रेंड बदल रहा है। फास्ट फूड व ज्यादा नमक, शक्कर वाली चीजें खाने से बचें।

डॉ. स्मित श्रीवास्तव, एचओडी कार्डियोलॉजी एसीआई

इस बार ठंड कम दिन पड़ी। हार्ट अटैक व ब्रेन हेमेरज के केस नवंबर-दिसंबर में बढ़ जाते हैं, लेकिन इस बार केस काफी कम आए। रूटीन में केस आते हैं, लेकिन ठंड में हर साल बढ़ जाता है। युवा ज्यादा सतर्क रहें।

डॉ. कृष्णकांत साहू, एचओडी कार्डियक सर्जरी, एसीआई

उत्तर छत्तीसगढ़ में ठंड ज्यादा पड़ती है इसलिए खासकर दिसंबर में वहां से ब्रेन हेमरेज व हार्ट अटैक के केस ज्यादा आते हैं। इस बार कम केस आने का मुख्य कारण कड़ाके की ठंड नहीं पड़ना है। अब 40+ वाले ज्यादा सतर्क रहें।

डॉ. सुनील खेमका, डायरेक्टर, नारायणा अस्पताल



Source: Education