Om Mantra Savdhani: आंख के लिए घातक हो सकती है ऊँ जाप की यह गलती, जानें मंत्र पढ़ने का सही नियम
mistake of Om chanting: भारतीय संस्कृति में ओम को आदि नाद और परब्रह्म ही माना गया है। ओम मंत्र के विषय में संन्यासियों और योगियों का कहना है कि ॐ मंत्र में इतनी शक्ति है कि यह मनुष्य को ब्रह्मांड की शक्तियों से जोड़कर उसे अभूतपूर्व ऊर्जा प्रदान करता है। सूर्योदय के समय ऊँ मंत्र का जाप लाभदायक होता है। सनातन धर्म में ॐ मंत्र को सभी मंत्रों में सर्वश्रेष्ठ और बीज माना जाता है। इसलिए सभी देवी देवताओं के मंत्र की शुरुआत या अंत में ऊँ को अनिवार्य रूप से जोड़ा जाता है। हालांकि ऊं जाप का संपूर्ण लाभ पाने के लिए जानते हैं कि ओम का उच्चारण करने का लाभ (Benefits Of OM Chanting In Hindi) और ॐ का उच्चारण का नियम (OM Ka Jaap) क्या है।
ॐ उच्चारण का नियम (OM Ka Jap)
योगियों के अनुसार ॐ मंत्र का उच्चारण करने की खास विधि होती है। सिर्फ आंख बंद करके ॐ मंत्र का जाप कर लेना ही सही नहीं है, ऐसे में ॐ मंत्र जाप विधि जानना आवश्यक होता है वर्ना स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव देखने को मिलते हैं। इसलिए आइये जानते हैं ओम मंत्र जाप की विधि…
1. ऊँ मंत्र जाप के लिए ऐसी जगह का चुनाव करना चाहिए जो शांत हो। यदि आप किसी ऐसी जगह पर ॐ मंत्र का जाप करने जा रहे हैं जहां शोर-शराबा हो रहा है या लोग गुजर रहे हैं तो ध्यान में दिक्कत आती है और इसका प्रभाव भी कम हो जाता है। इसलिए ऊँ मंत्र के संपूर्ण लाभ के लिए जाप के लिए जगह शांत और खुली रहे।
2. ॐ का उच्चारण करने के लिए सबसे उपयुक्त समय सूर्योदय होता है। इस समय आप को घर की छत, खुले मैदान, उद्यान आदि जगहों पर ॐ मंत्र का जाप करना चाहिए। इस समय सभी जगह शांति होने से ॐ मंत्र का जाप करते समय आपका ध्यान नहीं भटकेगा।
3. ॐ का जाप करने के लिए जमीन पर बैठ रहे हैं तो आसन पर ही बैठें। यदि उद्यान में घास पर बैठ रहे हैं तो आसन बिछाने की आवश्यकता नहीं है। यदि किसी बेंच या ऊंची जगह पर बैठकर ॐ मंत्र का जाप करने जा रहे हैं तो उस पर आसन बिछाना या ना बिछाना आपकी इच्छा पर निर्भर है।
4. ॐ बोलने से पहले आपको पद्मासन की स्थिति में बैठना है। इस समय आपकी कमर एकदम सीधी हो और दोनों हाथ ध्यान मुद्रा में दोनों पैरों के घुटनों पर होने चाहिए। इसी के साथ ही दोनों आंखें बंद कर लें।
5. अब आपको ॐ मंत्र का जाप करना शुरू करना चाहिए। इसके लिए पहले एक गहरी सांस लें और फिर ॐ मंत्र को जितना लंबा हो सके बोलें। इस बात का ध्यान रखें कि ॐ मंत्र में तीन शब्द आते हैं अ, ऊ और म, इनमें त्रिदेव का वास भी माना जाता है। ऐसे में ॐ मंत्र बोलते समय आप इन तीनो शब्दों पर ही समान मात्रा में जोर दें।
6. ॐ मंत्र बोलते समय अपना ध्यान अपने मस्तिष्क के बीच में अर्थात तीसरी आंख पर रखें और मन में कोई अन्य विचार न आने दें। आपको कम से कम 10 मिनट और अधिकतम अपनी इच्छानुसार ॐ मंत्र का जाप इसी प्रक्रिया के तहत करना चाहिए।
7. ॐ मंत्र जपते समय आपकी आवाज न तो ज्यादा धीमी होनी चाहिए और न ही ज्यादा तेज। जाप को आप लंबे स्वर और मध्यम आवाज में करना है।
8. ॐ मंत्र का जाप बोलना बंद करने के तुरंत बाद अपनी आंखें न खोल लें क्योंकि यह आपकी आंखों के लिए घातक हो सकता है। वह इसलिए क्योंकि ॐ मंत्र में बहुत शक्ति होती है और इसे एकदम से रोककर सामान्य प्रक्रिया में आने से शरीर की ऊर्जा नियंत्रित नहीं हो पाती है।
9. ॐ मंत्र बोलना बंद करते हैं तो उसके बाद एक से दो मिनट के लिए उसी मुद्रा में बैठे रहें और ध्यान लगाते रहें। दो मिनट के बाद अपने दोनों हाथों को आपस में रगड़ कर गर्म करें और उन्हें अपनी आंखों पर फेरें। ऐसा दो से तीन बार करें।
10. फिर आपको अपनी दोनों आंखों को धीरे-धीरे खोलना है और अपने स्थान से उठ जाना है। इस प्रकार आप विधि पूर्वक ॐ मंत्र का जाप कर सकते हैं।
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ऊँ जाप के लाभ (Om Jaap Labh)
भारतीय ग्रंथों में ॐ जाप को अनिष्ट को खत्म करने वाला और सुख-समृद्धि लाने वाला माना गया है। मान्यता है कि ओम जाप से चारों पुरुषार्थों धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष की प्राप्ति होती है। आइये जानते हैं ऊं उच्चारण का लाभ क्या होता है।
ॐ जाप का लाभ
1. ॐ उच्चारण करने से शारीरिक और मानसिक शांति प्राप्त होती है, स्ट्रेस दूर होता है।
2. ॐ का जाप करने से आसपास के वातावरण में भी सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और पवित्रता-शुद्धता बनी रहती है।
3. यदि सही प्रकार से ध्यान लगाकर ॐ का जाप किया जाए तो सकारात्मकता, शांति और ऊर्जा मिलती है।
4. ॐ का नियमित जाप करने से एकाग्रता और स्मरण शक्ति बढ़ती है।
5. ॐ जाप करने से तनाव और अनिद्रा से मुक्ति मिलती है।
6. ॐ का उच्चारण पूरे शरीर में कंपन होता है, जिससे आपके पूरे शरीर को लाभ पहुंचता है।
7. ॐ का उच्चारण करने से पेट औ रक्तचाप से संबंधित समस्याओं में भी लाभ मिलता है।
Source: Religion and Spirituality