चोट लगने पर ज्यादा टाइट न बांधें पट्टी, हो सकता है गैंगरिन
चोट लगने पर खून को बहने से रोकने और संक्रमण से बचाने के लिए ड्रेसिंग की जाती है। यदि इसमें सावधानी नहीं बरती गई तो दिक्कत बढ़ती है। पट्टी के टाइट बांधने से शरीर के निचले हिस्से की ब्लड सप्लाई रुक जाती है। लंबे समय तक टाइट पट्टी बांधने से गैंगरीन या फुट अल्सर की आशंका हो जाती है वहीं ढीली पट्टी बांधने से खून का रिसाव होता रहता है और संक्रमण की आशंका बनी रहती है। हल्की चोट है तो एक दिन छोड़कर डे्रसिंग कर सकते हैं। घाव को गर्मी के दिनों में पसीना और बरसात में गंदे पानी से बचाना चाहिए। इससे भी संक्रमण की आशंका बढ़ती है।
हाथ साफ कर बांधें –
डे्रसिंग करते समय सावधानी बरतनी होती है। सबसे पहले अपने हाथों को एंटीसेप्टिक लोशन से साफ कर लेना चाहिए। इसके बाद स्टेलाइज दस्ताने (ग्लोब्ज) पहनें। घाव को बिटाडीन या किसी एंटीसेप्टिक लोशन से ठीक से साफ करें। घाव के चारों तरफ की सफाई जरूरी है। अगर घाव के स्थान पर बाल है तो उसको साफ कर दें। फिर चोट वाले स्थान पर कोई एंटीसेप्टिक क्रीम लगाएं।
कॅम्प्रेस बैंडेज करें-
बैंडेज लगाते समय कहा जाता है कि कॅ प्रेस बैंडेज ही करना चाहिए। इसमें पट्टी को न तो ज्यादा ढीली और न ही ज्यादा टाइट बांधते हैं। यह डे्रसिंग करने वाला ही तय करता है कि बैंडेज न तो ढीला है और न ही ज्यादा टाइट है। घाव ज्यादा या संक्रमण वाला है तो ड्रेसिंग रोजाना करें। ऐसा न करने पर संक्रमण की आशंका अधिक हो जाती है।
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Source: Health