केले के फाइबर से बनाया गया ये अनोखा सेनेटरी पैड, 2 साल तक धोकर महिलाएं कर सकेंगी इस्तेमाल
नई दिल्ली। सेनेटरी पैड का रोजाना इस्तेमाल होता है। इसे एक बार ही इस्तेमाल किया जा सकता है, जो पर्यवारण को काफी नुकसान पहुंचाता है। लेकिन अब सेनेटरी पैड से पर्यावरण को हानि नहीं पहुंचेगा। आईआईटी दिल्ली के दो छात्रों ने केले के फाइबर से सेनेटरी पैड बनाने की नई तकनीक विकसित की है।
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इस तकनीक के जरिए एक पैड को 122 बार धोकर यूज किया जा सकता है। खास बात ये हैं कि इसके बार-बार इस्तेमाल से किसी भी प्रकार के इंफेक्सन का खतरी नहीं है।
इन्होंने बनाया ये सेनेटरी पैड
आईआईटी दिल्ली के बीटेक के चौथे वर्ष के छात्र अर्चित अग्रवाल और हैरी सहरावत ने इस सेनेटरी पैड का अविष्कार किया है। दोनों ने इसके लिए कई प्रोफेसर्स की मदद ली, तब जाकर उन्हें खास तरीके के सेनेटरी पैड बनाने में सफलता हासिल हुई। बता दें कि इन छात्रों ने सेनेटरी पैड को स्टार्टअप के तहत बनाया है। उन्होंने सांफे नाम से स्टार्टअप कंपनी बनाई है।
कैसे तैयार किया
अर्चित और हैरी ने बताया कि चार परतों वाली इस सेनेटरी पैड को बनाने में पॉलिएस्टर पिलिंग, केले का फाइबर और कॉटन पॉलियूरेथेन लेमिनेट का इस्तेमास किया गया है।
उन्होंने बताया कि हम केले के डंठल ऐसे ही फेंक देते हैं। लेकिन वे बड़े काम के होते हैं उनमें फाइबर पाए जाते हैं। उन्हीं फाइबर से इस पैड को बनाया गया है। फाइवर को निकालकर मशीन में सुखाया गया।
इसके बाद फाइवर के ऊपर पॉलिएस्टर पिलिंग का प्रयोग किया गया है। पॉलिएस्टर पिलिंग एक प्रकार का कपड़ा है, जो गीलेपन को तुरंत सोख लेता है।
वहीं, लीकेज को रोकने के लिए कॉटन पॉलियूरेथेन लेमिनट का उपयोग किया गया है, जो अस्पताल में कैमिकल के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। इससे सेनेटरी पैड को कवर किया गया है। आपको बता दें कि अन्य पैड में प्लास्टिक और सिंथेटिक का इस्तेमाल किया जाता है जो पर्यावरण को नुकसान पहुंचाता है।
इतने में मिलेगा ये पैड
अर्चित ने बताया कि यह सेनेटरी पैड ऑनलाइन मार्केट के अलावा बाजारों में भी उपलब्ध होगा। इसके एक पैकेट में दो पैड होंगे, जो 199 रुपए में मिलेंगे। यानी 100 रुपए में एक पैड मिलेगा। इस पैड का इस्तेमाल महिलाएं ठंडे पानी से धोकर दोबार कर सकती हैं। इस पैड को दो साल तक इस्तेमाल किया जा सकता है।
Source: Science & Technology