याददाश्त सही रखने के लिए, इस तरह से करें रोजमर्रा के काम
dementia In Hindi: करीब 45 वर्ष की उम्र के बाद से लोगों को भूलने की समस्या होने लगती है। यह परेशानी बुढ़ापा आते-आते बढ़ जाती है। इसे मेडिकल भाषा में डिमेंशिया कहते हैं। ऐसी परेशानी से बचाने में कुछ नया सीखने की ललक मददगार रहती है। जरूरी नहीं कि कोई बड़ा या मुश्किल काम ही सीखें। यदि आप दाहिने हाथ से लिखते हैं तो बाएं से लिखना शुरू करें। जो काम बाएं हाथ से करते थे उसे दाहिने से करने की कोशिश करें। आइए जानते हैं बढ़ती उम्र में याददाश्त दुरूस्त रखने यानि डिमेंशिया से दूर रहने की कुछ खास टिप्स के बारे में:-
– आप पेंटिंग, डांस, नई लैंग्वेज भी सीखना शुरू कर सकते हैं। घर में कोई सामान जो एक जगह रखते थे उसे कुछ दिन बाद दूसरे स्थान पर रखना शुरू कर दें। इससे आप उसे खोजने के लिए दिमाग चलाएंगे। इससे ब्रेन एक्टिव होगा। इसी तरह दिमाग से जुड़े कुछ गेम्स भी खेल सकते हैं।
– डिमेंशिया के मरीजों को कुछ दूसरी बातों का भी ध्यान रखना चाहिए जैसे टीम के साथ काम करें। रिटायरमेंट के बाद किसी एनजीओ या संस्था से जुड़ जाएं जहां आप किसी न किसी काम में व्यस्त रहेंगे। परिवार के साथ क्वालिटी टाइम बिताएं। तनाव कम करने वाले आसन-प्राणायाम कर सकते हैं।
– हैल्दी डाइट लें। खाने में हरी पत्तेदार सब्जियां अधिक लेनी चाहिएं। इनमें एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं जो याद्दाश्त बढ़ाने में मददगार हैं। अगर 20 की उम्र से ही हरी पत्तेदार सब्जियां खाई जाएं तो डिमेंशिया से बचाव होता है।
Source: Health